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गुरूवार, 17 अप्रैल, 2025
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केरल और 13 अन्य राज्यों के ईसाई बहुल जिलों में वक्फ कानून के ‘लाभ’ समझाएगी भाजपा

केरल, जहां भाजपा अपने पैर पसारना चाहती है, ‘वक्फ सुधार जनजागरण अभियान’ के दौरान फोकस में रहेगा. गौरतलब है कि केरल में मार्च-अप्रैल 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं.

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नई दिल्ली: वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 पर जारी विवाद के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विपक्ष के “फर्ज़ी बयान” का मुकाबला करने और इस बात पर प्रकाश डालने के लिए केरल और 13 अन्य राज्यों में ईसाई बहुल क्षेत्रों में “इसाई सद्भाव” बैठकें आयोजित करने की तैयारी कर रही है कि कैसे यह कानून अन्य समुदायों पर ‘सकारात्मक प्रभाव’ डालता है.

पार्टी ने 20 अप्रैल से 5 मई तक ‘वक्फ सुधार जनजागरण अभियान’ नामक अपने जागरूकता अभियान की शुरुआत करने की घोषणा पहले ही कर दी है और ईसाई आउटरीच कार्यक्रम इसी पहल का हिस्सा हैं.

“इसाई सद्भाव” कार्यक्रम के तहत, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा, झारखंड, केरल, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नागालैंड, ओडिशा, पंजाब, तमिलनाडु और तेलंगाना सहित प्रमुख राज्यों के प्रत्येक जिले में कम से कम एक बैठक आयोजित की जाएगी.

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी ने निर्देश दिया है कि समुदाय के सदस्यों के साथ बैठक की अध्यक्षता ईसाई समुदाय के एक वरिष्ठ नेता द्वारा की जाए, जिसका क्षेत्र में प्रभाव हो.

नेता ने कहा, “इस अधिनियम से ईसाई समुदाय को कई लाभ होंगे. विपक्ष जहां (संशोधनों के) मुस्लिम पहलू को उजागर कर रहा है, वहीं हमारे कार्यकर्ता उनके झूठे नैरेटिव का मुकाबला करेंगे और बताएंगे कि यह अन्य समुदायों, खासकर ईसाइयों पर किस तरह सकारात्मक प्रभाव डालता है. हम देख रहे हैं कि केरल में क्या हो रहा है और हम ऐसी घटनाओं के बारे में बात करेंगे.”

इस महीने की शुरुआत में संसद द्वारा वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 पारित किए जाने और उसके बाद 8 अप्रैल को भारत के राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी दिए जाने के बाद पश्चिम बंगाल और देश के अन्य हिस्सों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए. यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच गया है, जिसने अधिनियम को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई की है.

भाजपा ने वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और प्रशासन में कथित अनियमितताओं के कई उदाहरणों को उजागर किया है और दावा किया है कि संशोधनों से यह सही हो जाएगा.

उदाहरण के लिए भाजपा ने दावा किया है कि संशोधित अधिनियम केरल के एर्नाकुलम जिले के मुनंबम गांव में ईसाइयों को चार एकड़ के क्षेत्र पर अपने राजस्व अधिकार वापस जीतने में मदद करेगा, जिसे राज्य वक्फ बोर्ड द्वारा वक्फ संपत्ति घोषित किया गया था.

मुनंबम में 600 से अधिक परिवार — जिनमें से ज़्यादातर ईसाई हैं — अपने राजस्व अधिकारों की बहाली के लिए 2024 से विरोध कर रहे हैं. कोच्चि से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित मुनंबम के निवासियों को बोर्ड के निर्देश पर 2022 से राजस्व विभाग को संपत्ति कर का भुगतान करने की अनुमति नहीं दी गई है.

केरल में स्थानीय निकाय चुनाव दिसंबर में और मार्च-अप्रैल 2026 में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है.

मुनंबम का दौरा करने के लिए कोच्चि में मौजूद केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने मंगलवार को कहा कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 यह सुनिश्चित करेगा कि मुनंबम में जो कुछ हो रहा है, उसे दोहराया जाए.

भाजपा केरल में अपने पैर पसारने की कोशिश कर रही है, जहां मुस्लिम और ईसाई आबादी का करीब 45 प्रतिशत हिस्सा है. पार्टी ईसाई समुदाय तक पहुंच बनाने की कोशिश कर रही है, जो काफी हद तक कांग्रेस के साथ जुड़ा हुआ है.

पिछले दिसंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिसमस समारोह के अवसर पर कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) को संबोधित किया था.

2023 में राज्य भाजपा ने ईसाई समुदाय से जुड़ने के उद्देश्य से एक आउटरीच कार्यक्रम ‘स्नेह यात्रा’ आयोजित की थी.

2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने केरल में अपनी पहली संसदीय सीट जीती, जिसमें अभिनेता से नेता बने सुरेश गोपी त्रिशूर से विजयी हुए.

पार्टी ने नए वक्फ कानून पर लिटरेचर तैयार किया है, जिसे पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच प्रसारित किया जा रहा है. लिटरेचर में कहा गया है कि नए कानून से किसी भी मुस्लिम धार्मिक स्थल पर कोई असर नहीं पड़ेगा, किसी मुस्लिम के स्वामित्व वाली संपत्ति को किसी गैर-मुस्लिम को हस्तांतरित नहीं किया जाएगा और वर्तमान में अतिक्रमण की जा रही किसी भी संपत्ति को पुनः प्राप्त किया जाएगा, जिससे ‘सभी धार्मिक समुदायों-मुस्लिम, हिंदू, ईसाई, बौद्ध और सिख’ को न्याय मिलेगा.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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