लखनऊ: पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के खिलाफ बीजेपी में मोर्चा खोले हुए सांसद शत्रुघ्न सिन्हा यूपी से चुनाव लड़ सकते हैं. चर्चा है कि उन्हें वाराणसी लोकसभा से विपक्ष का साझा उम्मीदवार बनाया जा सकता है बशर्ते उन्हें जल्द ही बीजेपा से इस्तीफा देना होगा. हाल ही में लखनऊ में हुई शत्रुघ्न सिन्हा और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की मुलाकात ने इन कयासों को और हवा दे दी.
भाजपा से नाराज चल रहे शत्रुघ्न बिहार के पटना से सांसद हैं और पार्टी छोड़ने का मन बना चुके हैं.वहीं बीजेपी भी इस बार उन्हें टिकट देने के मूड में नहीं है. ऐसे में वह बिहार में आरजेडी-कांग्रेस के साझा या यूपी में सपा-बसपा के साझा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. अगर वह वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ते हैं तो कांग्रेस अन्य विपक्षी दल भी उन्हें समर्थन कर सकते हैं.
शत्रुघ्न सिन्हा को वाराणसी से टिकट देने के पीछे की मंशा यह भी है कि वे बॉलीवुड के सुपरस्टार रहे हैं और बिहार से सटा जिला होने के नाते वहां उनके प्रशंसक भी काफी हैं.
सपा से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पार्टी की ओर से उन्हें लखनऊ की सीट पर भी लड़ने का ऑफर दिया गया है. हालांकि वह लखनऊ में राजनाथ के बजाए वाराणसी से मोदी के खिलाफ लड़ने के ज्यादा इच्छुक हैं. अब पहले फैसला उन्हें करना है कि वह बिहार से चुनाव लड़ना चाहते हैं या यूपी से. विपक्ष का समर्थन मिलना तय है.
अगर वाराणसी से लड़े तो
यह तो तय है कि आगामी लोकसभा चुनाव का केंद्र यूपी ही रहेगा. ऐसे में विपक्ष नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी में मजबूत उम्मीदवार की तलाश में है. दिलचस्प बात ये भी है कि वाराणसी में कांग्रेस, सपा-बसपा में किसी पर भी कोई ऐसा मजबूत उम्मीदवार नहीं है जो मोदी को टक्कर दे सके.सपा वाराणसी में आम आदमी पार्टी से भी समर्थन को लेकर बात कर रही है. दरअसल, 2014 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी से अरविंद केजरीवाल दूसरे नंबर पर रहे थे. आप नेताओं से भी शत्रुघ्न के अच्छे संबंध हैं. ऐसे में आप भी उन्हें वाराणसी में पूरा समर्थन करेगी.
अखिलेश की तारीफ में पढ़े थे कसीदे
पिछले साल 11 अक्टूबर को जब शत्रुघ्न सिन्हा सपा द्वारा आयोजित जयप्रकाश नारायण जयंती कार्यक्रम में शामिल होने लखनऊ पहुंचे थे. इस दौरान जहां उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा, वहीं उन्होंने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की जमकर तारीफ़ भी की थी. शत्रुघ्न सिन्हा ने अखिलेश यादव को उभरता हुआ सितारा और यूपी का मशहूर नेता बताया था. इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा भी उनके साथ थे.
वाराणसी की राह नहीं आसान
वाराणसी को बीजेपी की मजबूत सीटों में गिना जाता है. 1991 से लेकर अब तक बीजेपी वाराणसी में केवल एक बार चुनाव हारी है. 2014 लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी ने अपने प्रतिद्वंद्वी अरविंद केजरीवाल को तीन लाख 71 हज़ार से अधिक वोटों से हरा दिया.
नरेंद्र मोदी को पांच लाख 81 हज़ार और अरविंद केजरीवाल को लगभग दो लाख 10 हज़ार से अधिक वोट मिले थे. तीसरे नंबर पर कांग्रेस के अजय राय रहे थे जिन्हें सिर्फ़ 75 हज़ार वोट मिले थे. इस चुनाव में समाजवादी पार्टी ने कैलाश चौरसिया और बहुजन समाज पार्टी ने विजय प्रकाश जायसवाल को अपना उम्मीदवार बनाया था.सपा को लगभग 45 हज़ार तो वहीं बसपा को 60 हज़ार से कुछ अधिक वोट ही मिले थे.
वाराणसी संसदीय क्षेत्र में मतदाताओं की जातिवार संख्या (अनुमानित)
- वैश्य – 3.25 लाख
- ब्राह्मण – 2.50 लाख
- मुस्लिम – तीन लाख
- भूमिहार – 1.25 लाख
- राजपूत – एक लाख
- यादव – 1.50 लाख
- पटेल – दो लाख
- चौरसिया – 80 हजार
- दलित – 80 हजार
- अन्य पिछड़ी जातियां – 70 हजार