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Sunday, 3 November, 2024
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BJP ने राज्यसभा सीट के लिए सिक्किम के ग्नथांग माचोंग से 2 बार के विधायक दोर्जी लेप्चा को बनाया उम्मीदवार

दोर्जी लेप्चा ग्नथांग माचोंग से दो बार के विधायक हैं. बीजेपी का कहना है कि यह पहली बार है जब सिक्किम से किसी राष्ट्रीय पार्टी के सदस्य का प्रतिनिधित्व राज्यसभा में किया जाएगा.

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नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को दोर्जी शेरिंग लेप्चा को सिक्किम से पार्टी का राज्यसभा उम्मीदवार घोषित किया, जहां सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के विधायकों के एक वर्ग के भाजपा में शामिल होने के कारण 2019 के विधानसभा चुनावों में एक भी सीट नहीं जीतने के बावजूद यह मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरी है.

दिप्रिंट से बात करते हुए बीजेपी के सिक्किम प्रभारी दिलीप जयसवाल ने कहा कि पार्टी का सत्तारूढ़ सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) के साथ गठबंधन है और चुनाव की जरूरत नहीं पड़ेगी. उन्होंने कहा, ”भाजपा के पास 12 विधायक हैं और एसकेएम के पास 19, इसलिए हमें नहीं लगता कि चुनाव की जरूरत होगी.”

बीजेपी और एसकेएम 2019 से सहयोगी हैं. हालांकि 2019 विधानसभा चुनाव से पहले गठबंधन की घोषणा की गई थी, लेकिन बाद में एसकेएम इससे पीछे हट गया. एसडीएफ विधायकों को शामिल करने के साथ, भाजपा राज्य में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में कामयाब रही.

जयसवाल ने कहा, “हम अपने गठबंधन सहयोगी और विशेष रूप से मुख्यमंत्री को धन्यवाद देना चाहते हैं. यह पहली बार है जब सिक्किम से किसी राष्ट्रीय पार्टी के सदस्य का प्रतिनिधित्व राज्यसभा में होगा. यह राज्य के भविष्य और विकास के लिए एक बेहतर संकेत है.”

लेप्चा 2014 में सिक्किम विधानसभा के लिए और फिर 2019 में ग्नथांग माचोंग निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए थे.

उनका नामांकन एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है क्योंकि सिक्किम राज्य विधायकों द्वारा अप्रत्यक्ष मतदान के माध्यम से राज्यसभा के लिए केवल एक सदस्य का चुनाव करता है. सिक्किम से मौजूदा राज्यसभा सदस्य एसडीएफ के हिशे लाचुंगपा का कार्यकाल फरवरी में खत्म होगा.

नौ केंद्रीय मंत्रियों सहित 68 राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल इस साल के अंत में समाप्त होने वाला है. सिक्किम में एकल राज्यसभा सीट के लिए भी चुनाव होगा.

सिक्किम की 32 सदस्यीय विधानसभा में वर्तमान में 12 भाजपा विधायक हैं, जिनमें से अधिकांश एसडीएफ से अलग हो गए, जो 1994 से 2019 तक सत्ता में थी. यह दलबदल 2019 के राज्य चुनावों के महीनों बाद हुआ, जहां भाजपा ने शून्य का स्कोर दर्ज किया.

अगस्त 2019 में पवन चामलिंग के नेतृत्व वाले एसडीएफ के 10 विधायकों के दलबदल के साथ शुरुआत करते हुए, भाजपा ने धीरे-धीरे राज्य में अपनी पकड़ बना ली. इसके बाद, वह तीन में से दो विधानसभा उपचुनावों में भी विजयी हुई, जिससे वह राज्य की राजनीति में एक प्रमुख खिलाड़ी बन गई.

(संपादन: अलमिना खातून)
(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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