गुरुग्राम: भारतीय जनता पार्टी द्वारा हरियाणा की 10 संसदीय सीटों में से एक भी सीट अपने सहयोगी को देने से इनकार करने के बाद राज्य में बीजेपी और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के बीच गठबंधन मंगलवार को खत्म हो गया.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपना और मंत्रिमंडल का इस्तीफा राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को सौंप दिया है और जेजेपी के बिना एक नया मंत्रिमंडल फिर से बनाने के लिए तैयार हैं, जिसका नेतृत्व दुष्यंत चौटाला कर रहे हैं.
खट्टर, जिन्होंने मंगलवार दोपहर चंडीगढ़ में अपनी पार्टी के विधायकों की बैठक बुलाई है, ने निर्दलीय विधायकों को भी आमंत्रित किया है.
90-सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 41 विधायक हैं, 7 में से 6 निर्दलीय विधायकों का समर्थन है और हरियाणा लोकहित पार्टी के विधायक गोपाल कांडा का भी समर्थन है, जो सभी पहले से ही खट्टर की बैठक में शामिल होने के लिए चंडीगढ़ में हैं.
निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत ने दिप्रिंट को बताया कि सभी 6 निर्दलीय विधायकों और कांडा ने खट्टर को अपना समर्थन पत्र दे दिया है.
मुख्यमंत्री के पास अब कम से कम 48 विधायकों का समर्थन है और उन्हें कोई खतरा नहीं है.
जानकारी मिली है कि जेजेपी के पांच विधायक- राम कुमार गौतम, राम निवास, जोगी राम, देवेंदर बबली और ईश्वर सिंह भी खट्टर सरकार को समर्थन देने के लिए चंडीगढ़ में हैं.
हरियाणा के मुख्यमंत्री के मुख्य मीडिया समन्वयक सुदेश कटारिया ने दिप्रिंट को बताया कि खट्टर मंगलवार शाम पांच बजे अपने नए मंत्रिमंडल के साथ मुख्यमंत्री पद की नए सिरे से शपथ लेंगे.
बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है. दोनों वरिष्ठ नेता चंडीगढ़ पहुंच चुके हैं और नए नेता के चुनाव के लिए विधायकों की बैठक शुरू हो चुकी है.
दूसरी ओर, सोमवार को बीजेपी अध्यक्ष जे.पी.नड्डा से मुलाकात करने वाले दुष्यंत चौटाला केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के लिए दिल्ली रवाना हो गए हैं.
जेजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने मंगलवार को दिप्रिंट को बताया कि चौटाला की नड्डा के साथ मुलाकात सिर्फ आधे घंटे तक चली, जिसके दौरान पार्टी अध्यक्ष ने स्पष्ट रूप से कहा कि भाजपा की हरियाणा इकाई जेजेपी को कोई भी संसदीय सीट देने को तैयार नहीं है.
इसके बाद खट्टर ने सोमवार को अपने आवास पर अनिल विज समेत वरिष्ठ कैबिनेट सहयोगियों की आपात बैठक बुलाई और अगले दिन समर्थक विधायकों की बैठक की घोषणा की.
(संपादन : फाल्गुनी शर्मा)
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