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Saturday, 18 May, 2024
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MP, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में CM के तौर पर नए चेहरों पर विचार कर रहा BJP आलाकमान

जानकारी मिली है कि शिवराज, राजे, रमन सिंह रेस से बाहर हो सकते हैं. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल और गजेंद्र शेखावत, सांसद दीया कुमारी, राज्यवर्धन राठौड़, सीपी जोशी दौड़ में शामिल बताए जा रहे हैं.

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नई दिल्ली: विधानसभा चुनाव में पार्टी को शानदार जीत दिलाने के बावजूद, अनुभवी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री के रूप में एक और कार्यकाल मिलने की संभावना नहीं है, जिसके परिणाम रविवार को घोषित किए गए, दिप्रिंट को इस बारे में जानकारी मिली है.

दिल्ली बीजेपी के कई नेताओं ने दिप्रिंट को बताया कि पार्टी आलाकमान पिछले महीने के चुनावों के समय मौजूदा सीएम चौहान को पांचवां कार्यकाल देने के लिए इच्छुक नहीं है और अन्य विकल्पों पर विचार कर रहा है.

बीजेपी के एक शीर्ष पदाधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, “उन्होंने (चौहान ने) 18 वर्षों से अधिक समय तक (सीएम के रूप में) सेवा की है और काम भी किया है, लेकिन नए चेहरों को भी मौका देने की ज़रूरत है और हमें उन्हें तैयार करने की ज़रूरत है. इन नतीजों ने हमें बदलाव का मौका दिया है. कई विचार हैं, क्योंकि चौहान एक बड़े नेता हैं और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय से आते हैं. इसलिए, अंतिम फैसला लेने से पहले इन सभी कारकों पर गौर करना होगा.”

पदाधिकारी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री और ओबीसी नेता प्रह्लाद सिंह पटेल सीएम की कुर्सी के दावेदारों में सबसे आगे चल रहे हैं, हालांकि, कई अन्य नामों पर भी चर्चा चल रही है. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी दावेदारों में शामिल बताए जा रहे हैं.

पदाधिकारी ने आगे कहा, “अभी किसी भी बात से इंकार नहीं किया जा सकता है.”

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मंगलवार को एक वीडियो मैसेज में चौहान ने कहा कि वह सीएम पद के लिए “कभी दावेदार नहीं थे”, “न पहले, न आज”.

मौजूदा सीएम जिन्होंने विधानसभा चुनाव में अपनी स्थायी लोकप्रियता साबित की, कहा, “मैं भाग्यशाली हूं कि मैं भाजपा कार्यकर्ता हूं. भाजपा का मिशन राष्ट्रीय पुनर्निर्माण है और कार्यकर्ता के रूप में हम दिन-रात इसमें लगे हुए हैं. मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी जी हमारे नेता हैं और मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिला है.”

अपेक्षाकृत युवा 64-वर्षीय चौहान को रविवार को भाजपा की शानदार चुनाव जीत के बाद पार्टी हलकों में अगली सरकार का नेतृत्व करने के लिए स्वाभाविक पसंद के रूप में देखा जा रहा था. कई लोगों के लिए, यह जीत चौहान के शासन और कल्याणकारी योजनाओं की लोकप्रियता का समर्थन है, विशेष रूप से लाडली बहना वित्तीय सहायता योजना जो उन्होंने इस साल की शुरुआत में शुरू की थी.

हालांकि, ऐसा लगता है कि भाजपा नेतृत्व के पास राज्य के अगले सीएम के लिए अन्य विचार हैं.

दिल्ली में बीजेपी नेताओं ने दिप्रिंट को यह भी बताया कि राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह भी सीएम की कुर्सी की दौड़ से बाहर हैं.

रविवार को इन दोनों राज्यों में भी बीजेपी को जीत मिली थी.

दिल्ली में पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, ये तीन राज्य भाजपा को 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले विशिष्ट समुदायों के बीच अपनी पहुंच मजबूत करने का अवसर प्रदान करते हैं.

नेता ने कहा, “इन चुनावों ने हमें विभिन्न समुदायों के विशिष्ट नेताओं को मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और मंत्री के रूप में जिम्मेदारियां देने का अवसर दिया है. इस सब पर बहस चल रही है और जल्द ही चीज़ों को अंतिम रूप दे दिया जाएगा.”


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‘एक नया सीएम चेहरा’

इन तीन राज्यों में बीजेपी ने मुख्यमंत्री पद का चेहरा पेश करने के बजाय, अपने अभियान को “सामूहिक नेतृत्व” पर आधारित किया था, जिसे इन राज्यों में नए नेतृत्व के लिए एक व्यंजना के रूप में देखा गया था.

जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां अभियान का चेहरा थे, वहीं मध्य प्रदेश में चौहान ने आगे बढ़कर नेतृत्व करना जारी रखा और 160 से अधिक बैठकों को संबोधित किया.

पार्टी ने एमपी की 230 विधानसभा सीटों में से 163 सीटें जीतीं हैं.

इस बीच राजस्थान में पार्टी द्वारा 199 में से 115 सीटें जीतने के बाद राजे अपनी ताकत दिखा रही हैं.

समझा जाता है कि पिछले दो दिनों में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री ने लगभग 65 भाजपा विधायकों से मुलाकात की है, जिसे शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है.

हालांकि, समझा जाता है कि भाजपा नेतृत्व का झुकाव राज्य में नए मुख्यमंत्री चेहरे की तलाश में है.

केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और गजेंद्र सिंह शेखावत, सांसद दीया कुमारी, राज्यवर्धन राठौड़ और सी.पी. जोशी, और बाबा बालकनाथ – जिन्हें “राजस्थान का योगी आदित्यनाथ” कहा जाता है – को यहां इस पद के लिए सबसे आगे माना जा रहा है.

छत्तीसगढ़ में भाजपा सूत्रों ने कहा कि आलाकमान दो आदिवासी नेताओं – केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह और पूर्व राज्य भाजपा प्रमुख विष्णु देव साई और दो ओबीसी नेताओं, राज्य भाजपा अध्यक्ष और सांसद अरुण साव और पूर्व आईएएस अधिकारी ओपी चौधरी के बीच एक उम्मीदवार की तलाश कर रहा था.

छत्तीसगढ़ के एक पार्टी पदाधिकारी ने कहा, “छत्तीसगढ़ में आदिवासी वोटों का हिस्सा 32 प्रतिशत (सभी वोटों का) है और 2018 में हमारा सूपड़ा साफ हो गया था, लेकिन इस बार हम विजयी हुए.” उन्होंने कहा, “जिस मुद्दे पर चर्चा हो रही है वह यह है कि सीएम के रूप में ओबीसी या आदिवासी चेहरा होना चाहिए या नहीं.”

सूत्रों के मुताबिक, एक ऐसे परिदृश्य पर भी चर्चा चल रही है जहां पार्टी एक ओबीसी सीएम और एक आदिवासी नेता को डिप्टी सीएम चुनती है, या इसके विपरीत.

बीजेपी ने राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से 54 पर जीत हासिल की है.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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