भाजपा की एक सहयोगी पार्टी के राज्य सभा सांसद का कहना है कि मौजूदा माहौल देश के लिए स्वास्थ्यकर नहीं है, अल्पसंख्यकों को साथ लेकर चलने की जरूरत है।
नई दिल्लीः भाजपा की एक सहयोगी पार्टी शिरोमणि अकाली दल के नेता नरेश गुजराल ने सत्तारूढ़ दल के “अराजक तत्वों” का नियंत्रण से बाहर होने का आरोप लगाया है,और विभाजनकारी बयान देने के लिए इनके खिलाफ सख्त कार्यवाई करने को कहा है।
राज्य सभा सांसद ने कहा था कि वह चिंतित थे कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इनके खिलाफ एक कड़ा संदेश दिए जाने के बावजूद कोई फ़र्क़ नहीं पद है और अभी भी इन अराजक तत्वों को नियंत्रित करने की जरूरत है।
गुजराल ने दिप्रिंट को बताया कि “मुझे बहुत बुरा महसूस होता कि सत्तारूढ़ दल के अराजक तत्व कभी-कभी नियंत्रण से बाहर हो जाते हैं। मैं उन्हें चेतावनी दिये जाते हुए देख चुका हूँ, और मैं समय-समय पर कह चुका हूँ कि सख्त कार्यवाई की जाए ताकि दूसरों को ऐसा कहने से रोका जा सके।”
यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा इन अराजक तत्वों को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त प्रयास कर रही है, उन्होंने कहाः “मुझे लगता है कि आपको भाजपा में ही किसी से पूछना चाहिए। मैं एक गठबंधन सहयोगी हूँ, और मैंने अपने विचार बहुत खुलकर बता दिए हैं। मुझे लगता है अभी बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है।यह माहौल देश के लिए स्वास्थ्यकर नहीं है, हमें इन विभाजनकारी शक्तियों पर बहुत सख्ती से निर्णय लेने की जरूरत है।”
लिंचिंग पर
देश भर में लिंचिंग के बढ़ते मामलों पर गुजराल ने कहा कि अपराधियों को बलपूर्वक कुचलने की जरूरत है।
गुजराल ने कहा “इन लोगों को डराने की ज़रूरत है ना की इनसे डरने की”।
यह पूछे जाने पर कि क्या लिंचिंग के खतरों को रोकने के लिए भारतीय कानून को सख्त कर देना चाहिए, गुजराल ने कहा, “देखिए, 70 सालों से हम मौजूदा कानूनों – IPC – के साथ एक देश में रहे हैं,तब ये चीजें नहीं हो रहीं थीं। इढर-उधर छोटी छोटी-मोटी घटनाएं होती थीं।”
धार्मिक अल्पसंख्यकों को साथ लेकर चलने पर जोर देते हुएप्रभावशाली सिख पार्टी के सांसद ने कहा:“न केवल उनके जीवन और उनकी संपत्ति, बल्किजिसे मैं उनकीइज्जत उनकी मान-मर्यादा कहूंगा, का संरक्षण किया जाना है। इसके लिए जोरदार संदेश का प्रसार किया जाना चाहिए।
सहयोगी की क्षेत्रका अधिग्रहण नहीं करें
गुजराल ने भाजपा और तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) की तकरार पर नाराजगी जताने में संकोच नहीं किया है, जिसने आखिरकार टीडीपी ने एनडीए का साथ छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि 2019 के लोकसभा चुनावों में यह अपने सहयोगी की क्षेत्र पर ना हो।
यह स्वीकार करते हुए कि एनडीए के भीतर तनाव बढ़ रहा है, उन्होंने कहा: “तनाव तब होता है जब आप दूसरे व्यक्ति के क्षेत्र में जाने की कोशिश कर रहे होते हैं।”
“आज, यदि शिवसेना को लगता है कि बीजेपी पिछली बार की तुलना में महाराष्ट्र में अधिक सीटें पा सकती है, तो वहप्रत्यक्ष रूप से चिढ़ जाएगी।अगर नीतीश कुमार को लगता है कि उन्हें अपनी उचित भागेदारी नहीं मिलेगी, तो जाहिर है कि वे खिन्न हो जाएंगे।”
गुजराल ने यह भी कहा कि सहयोगियोंका साथ 2019 में सरकार बनाने के लिए महत्वपूर्ण होगा। हालांकि उन्हें भरोसा है कि एनडीए अगली सरकार भी बनाएगी, उन्होंने आगे कहा कि गठबंधन में किसी भी पार्टी का प्रभुत्व नहीं होगा।
उन्होंने कहा, “हम सभी राजनीति में हैं, हम सब राजनीतिक अलगाव के लिए लड़ रहे हैं।वे (सहयोगी) क्यों पीछे हटें?उन्हें पूर्ण सम्मान और सहयोग दिए जाने की आवश्यकता है। सहयोगी के क्षेत्र का अधिग्रहण करने की कोशिश न करें। यह मंत्र है जिसका पालन वाजपेयीजी ने किया था ।”
Read in English: Vigilante fringe needs to be terrorised rather than them terrorising India: Leader of BJP’s ally