नई दिल्ली: बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा सहित कई मंत्रियों, जिनमें विधान पार्षद मंगल पांडे भी शामिल हैं, को बीजेपी ने अगले महीने होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मैदान में उतारा है. मंगलवार को पार्टी ने 71 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की जिसमें उनके नाम शामिल हैं.
बीजेपी की पहली सूची में 71 उम्मीदवारों में से 9 महिलाएं हैं.
पार्टी ने वरिष्ठ नेता और बिहार विधानसभा के अध्यक्ष नंद किशोर यादव को टिकट नहीं दिया है. यादव बिहार में कई विभागों में मंत्री रह चुके हैं और पटना साहिब सीट से सात बार विधायक रहे हैं. यादव की जगह पार्टी ने रत्नेश कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है.
टिकट न मिलने के बाद यादव ने कहा, “मैं भारतीय जनता पार्टी के फैसले के साथ हूं. भारतीय जनता पार्टी ने मुझे बहुत कुछ दिया है. मुझे पार्टी से कोई शिकायत नहीं है. नई पीढ़ी का स्वागत है, बधाई हो. पटना साहिब विधानसभा के लोगों ने मुझे लगातार सात बार विजयी बनाया. बीजेपी उम्मीदवार के रूप में उन्होंने जो स्नेह और प्यार दिया, मैं उसे कभी नहीं भूलूंगा. सभी का धन्यवाद.”
पार्टी ने मंत्री मोतीलाल प्रसाद को भी टिकट नहीं दिया है. वहीं मौजूदा विधायक राम प्रीत पासवान को भी उम्मीदवार नहीं बनाया गया है.
इनके अलावा बीजेपी ने ज्यादातर पुराने चेहरों पर भरोसा जताया है. मंत्री नितिन नवीन को बांकीपुर सीट से और पूर्व उपमुख्यमंत्री रेनू देवी को बेतिया से टिकट दिया गया है.
लोकगायिका मैथिली ठाकुर, जिन्होंने पिछले सप्ताह बीजेपी चुनाव प्रभारी विनोद तावड़े और केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय से मुलाकात की थी, मंगलवार को बीजेपी में शामिल हो गईं. उम्मीद है कि उन्हें विधानसभा चुनाव में टिकट दिया जाएगा.
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, इस बार पार्टी का फोकस युवा और अनुभवी नेताओं का मिश्रण लाने पर है. अब तक घोषित सूची में लगभग 11 ईबीसी, 20 ओबीसी और 6 एससी-एसटी उम्मीदवार शामिल हैं.
रविवार को पार्टी ने एनडीए सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे को अंतिम रूप दिया था. बीजेपी और जेडीयू दोनों 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे.
सूची के अनुसार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी तारापुर से, उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा लखीसराय से और मंगल पांडे सिवान से चुनाव लड़ेंगे. मंत्री नितिश मिश्रा झंझारपुर सीट से फिर से चुनाव मैदान में उतरेंगे.
पार्टी की पहली सूची में नौ महिला उम्मीदवार भी शामिल हैं. बीजेपी ने पूर्व सांसद और मंत्री राम कृपाल यादव और एक अन्य पूर्व सांसद सुनील कुमार पिंटू को सीतामढ़ी से टिकट दिया है.
सीतामढ़ी के पूर्व सांसद पिंटू को 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी के निर्देश पर जेडीयू में शामिल किया गया था, जब जेडीयू उम्मीदवार ने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था. बाद में उन्हें दोबारा बीजेपी में शामिल किया गया.
बीजेपी की यह सूची ऐसे समय में आई है जब जन सुराज पार्टी के प्रशांत किशोर सहित कई नेताओं ने बिहार बीजेपी के तीन वरिष्ठ नेताओं—उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, दिलीप जायसवाल और मंगल पांडे—पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. प्रशांत किशोर की आक्रामक चुनावी मुहिम के चलते इस बार त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना जताई जा रही है.
जिन विधायकों को टिकट नहीं मिला, उनमें शामिल हैं—नंद किशोर यादव (पटना साहिब), अरुण सिन्हा (कुम्हरार), अमरेंद्र प्रताप सिंह (आरा), रामसूरत राय (औराई), मोतीलाल साह (रीगा), रामप्रीत पासवान (राजनगर), प्रणव यादव (मुंगेर) और स्वर्ण सिंह (गौरा बौराम).
हाल ही में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए मौजूदा विधायक सिद्धार्थ सौरव को पार्टी ने बिक्रम से उम्मीदवार बनाया है. अरवल से पार्टी प्रवक्ता मनोज शर्मा को टिकट दिया गया है.

बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होंगे और नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे.
इंडिया गठबंधन ने अभी तक सीट बंटवारे का फॉर्मूला घोषित नहीं किया है. आगामी चुनाव में एनडीए विकास कार्यों और कल्याणकारी योजनाओं पर भरोसा कर रहा है. चुनाव तिथियों की घोषणा से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना शुरू की थी, जिसके तहत 75 लाख महिलाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए 10,000 रुपये दिए जाएंगे. बीजेपी को उम्मीद है कि महिलाएं इस बार भी बड़ी संख्या में पार्टी को वोट देंगी.
मीडिया से बात करते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा, “कई लोगों को उम्मीद नहीं थी कि सूची इतनी जल्दी जारी होगी. पहले एनडीए गठबंधन ने सीट बंटवारा पूरा किया, जबकि महागठबंधन अभी भी चर्चा में था. आज सुबह उन्होंने समर्थन जुटाने के लिए भी कदम उठाए. जैसा कि मैंने पहले कहा था, एनडीए पांच पांडवों की तरह है—एक मजबूत गठबंधन. हम नीतीश कुमार के नेतृत्व में स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रहे हैं.”
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