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Thursday, 14 November, 2024
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नड्डा ने चिराग पासवान को NDA की बैठक में बुलाया, उन्होंने कहा- पार्टी नेताओं से बात करके लेंगे फैसला

चिराग पासवान ने कहा कि आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर एनडीए की बैठक में शामिल होने या सत्ताधारी गठबंधन में जाने का अंतिम फैसला पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से बातचीत कर लिया जाएगा.

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नई दिल्ली : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के प्रमुख चिराग पासवान को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की 18 जुलाई को होने वाली बैठक में आने के लिए पत्र लिखा है. एलजेपी (राम विलास) ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है.

जेपी नड्डा की ओर से चिराग पासवान को भेजे गए पत्र में उनकी पार्टी को एनडीए का अहम सहयोगी बताया गया है.

यह बैठक राष्ट्रीय राजधानी में होंगी, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की यह बैठक पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र में सरकार के 9 साल पूरा होने पर की जा रही है. एलजेपी (राम विलास), उल्लेखनीय है कि एलजेपी केंद्र में भाजपा के साथ गठबंधन में है. इसकी निचले सदन यानि लोकसभा में एक सीट भी है.

एनडीए की बैठक में बुलाए जाने पर एलजेपी (राम विलास) के प्रमुख ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर एनडीए की बैठक में शामिल होने या केंद्र में औपचारिक तौर पर सत्ताधारी गठबंधन में जाने का अंतिम फैसला सभी पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से बातचीत के बाद लिया जाएगा.

चिराग पासवान ने शनिवार को कहा, “हम (एनडीए में शामिल होने) सभी पार्टी नेताओं के कार्यकर्ताओं से बातचीत के बाद फैसला लेंगे. समय-समय पर हमने कई मुद्दों पर भाजपा का समर्थन किया है, लेकिन एनडीए की बैठक में जाने या गठबंधन में शामिल होने (आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर) अंतिम फैसला सभी पार्टी नेताओं से बातचीत के बाद लिया जाएगा.”

पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए के 9 साल पूरा करने के बाद बीजेपी ने 1 जून से एक महीने तक चलने वाले जन संपर्क अभियान (मेगा आउटरीच कैंपेन) शुरू किया है. अपने इस मेगा कैंपेन के दौरान जो कि 30 जून को पूरा हुआ, भाजपा ने कई कार्यक्रम आयोजित किए, जिनमें शीर्ष नेता और केंद्रीय मंत्री शामिल हुए.

इन बैठकों का मकसद पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार की प्रमुख उपलब्धियों और देशभर में लागू की जा रही कई कल्याणकारी और विकासात्मक योजनाओं को उजागर करना था.

2021 में टूट के बाद, एलजेपी (राम विलास) को चुनाव आयोग की तरफ से नया चुनाव चिन्ह दिया गया था. विरोधी एलजेपी गुट, मौजूदा केंद्रीय मंत्री पशुपतिनाथ कुमार पारस के नेतृत्व मेंं राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के नाम से जाना जाने लगा है.


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