नई दिल्ली: भाजपा ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में 17 से 29 अप्रैल के बीच आखिरी चार चरणों के प्रचार के लिए अपनी रणनीति में बदलाव करने का फैसला किया है.
पार्टी को चिंता है कि अभी तक सभी बीजेपी-विरोधी वोट, सामूहिक रूप से ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस को जाते लग रहे हैं और इसलिए उसने कांग्रेस को निशाने पर लेने का फैसला किया है, ताकि वाम दलों और फुरफुरा शरीफ के मौलवी अब्बास सिद्दीक़ी की इंडियन सेक्युलर फ्रंट के साथ बना उसका ‘संयुक्त मोर्चा’ गठबंधन भी, एक संभावित विकल्प नज़र आने लगे. बीजेपी को लगता है कि एक त्रिकोणीय मुकाबला उसके लिए ज़्यादा उपयुक्त रहेगा.
बीजेपी सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि रणनीति में ये बदलाव इसलिए भी ज़रूरी हो गया है कि अगले कुछ चरणों में कुछ सीटें ऐसी हैं, जहां कांग्रेस को मज़बूत समझा जाता है. ये सीटें कुछ ज़िलों में केंद्रित हैं, जैसे मालदा, मुर्शिदाबाद, उत्तरी दीनापुर और उत्तरी बंगाल के कुछ अन्य हिस्से और यहां आखिरी तीन चरणों में मतदान होना है.
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‘टीएमसी हमारी प्रमुख विरोधी है लेकिन वोटों के बटवारे से हमें फायदा होगा’
अभी तक पश्चिम बंगाल प्रचार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा जैसे शीर्ष नेताओं ने मुख्य रूप से सीएम ममता बनर्जी पर निशाना साधा है और कांग्रेस का मुश्किल से ही ज़िक्र किया है.
पश्चिम बंगाल के एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने, जो नाम नहीं बताना चाहते थे, कहा, ‘कुल मिलाकर, हमारा मुख्य मुकाबला टीएमसी से है. लेकिन अगले कुछ चरणों में कुछ सीटें ऐसी हैं, जहां कांग्रेस ने मज़बूत उम्मीदवार उतारे हैं और कुछ इलाके उनके पारंपरिक वोट-बैंक हैं’.
नेता ने कहा, ‘टीएमसी और कांग्रेस गठबंधन के बीच गैर-बीजेपी वोटों के बटवारे से, हमें अपनी स्थिति बेहतर करने में मदद मिलेगी’.
एक दूसरे बीजेपी नेता ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि बाकी बचे चार चरणों में, पार्टी कांग्रेस और टीएमसी दोनों पर हमले करेगी. नेता ने कहा, ‘बीजेपी-विरोधी वोटों का मुख्य रूप से टीएमसी के पक्ष में एकजुट होना, ममता को फायदा पहुंचाएगा. अगले कुछ चरणों में कुछ ऐसे चुनाव क्षेत्र शामिल हैं, जो कांग्रेस की परंपरागत सीटें रही हैं. उनके सिटिंग विधायक भी हैं, इसलिए ज़रूरी है कि उन सीटों पर हमारे सामने एक तिकोना मुकाबला हो, ताकि वोट बट जाएं और हमें फायदा पहुंच जाए’.
नेता ने आगे कहा, ‘कई चुनाव क्षेत्र ऐसे हैं जहां मुसलमानों की बहुलता है और तिकोने मुकाबले से अल्पसंख्यक वोट बट जाएंगे, जिनपर ममता बनर्जी उम्मीद लगाए हैं. सिद्दीक़ी की आईएसएफ भी, मतादाताओं के लिए एक विकल्प बन जाती है. आखिरी चरणों में जिन लगभग 70 सीटों पर मतदान होना है, वहां 30-40 प्रतिशत अल्पसंख्यक वोट हैं और संयुक्त मोर्चा तथा टीएमसी दोनों, बीजेपी-विरोधी वोटों पर नज़र गड़ाए हुए हैं’.
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राहुल और प्रियंका करेंगे प्रचार
कांग्रेस का गांधी परिवार अभी तक बंगाल प्रचार में दिखाई नहीं दिया है लेकिन आने वाले चरणों में ये भी बदलने जा रहा है.
एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने दिप्रिंट से कहा, ‘एक शेड्यूल तैयार किया जा रहा है और राहुल गांधी तथा प्रियंका गांधी वाड्रा दोनों, राज्य में रैलियों को संबोधित करेंगे. अगले चरण हमारे लिए बहुत अहम हैं’.
चौथे दौर के मतदान के लिए, जो शनिवार को होना है, प्रचार का काम पहले ही पूरा हो चुका है.
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