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Saturday, 21 December, 2024
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कोविड की स्थिति को देखते हुए BJP ने UP पंचायत चुनाव संबंधी कार्यक्रम टाले, वार्ड स्तर की जनसभाएं रद्द

उत्तर प्रदेश में चार चरण के पंचायत चुनाव गुरुवार से शुरू होंगे और 29 अप्रैल तक चलेंगे. नतीजे 2 मई को आएंगे.

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नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तर प्रदेश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र राज्य पंचायत चुनाव के लिए वार्ड स्तर पर जनसभाएं किए जाने के कार्यक्रम को रद्द कर दिया है.

राज्य में चार चरण के पंचायत चुनाव गुरुवार से शुरू होंगे और 29 अप्रैल तक चलेंगे.

भारत अभी फिर एक कोविड लहर से जूझ रहा है जिसमें देशभर में मामले तेजी से बढ़ते नज़र आ रहे हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को टेस्ट में कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं.

यूपी में बुधवार को एक दिन में कोरोनावायरस के सबसे ज्यादा 20,510 मामले और 67 मौतें दर्ज की गईं.

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, पार्टी ने हर वार्ड में एक जनसभा का आयोजन करने का फैसला किया था जिसे स्थानीय विधायक, सांसद, मंत्रियों और वरिष्ठ भाजपा नेताओं द्वारा संबोधित किया जाना था.

भाजपा सांसद राज कुमार चाहर ने दिप्रिंट से बातचीत में यह योजना रद्द कर दिए जाने की पुष्टि की. उन्होंने कहा, ‘कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए पार्टी नेतृत्व ने वार्ड स्तर पर बड़ी सभाएं करने की अपनी योजना को आगे न बढ़ाने का फैसला किया है. पहले पंचायत चुनाव के मद्देनज़र हर वार्ड में इस तरह की एक जनसभा की जानी थी जिसे स्थानीय विधायक, सांसद, मंत्रियों और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं द्वारा संबोधित किया जाता.’

हालांकि, उन्होंने कहा कि भाजपा उम्मीदवार सोशल डिस्टेंसिंग के सभी मानदंडों का पालन करते हुए डोर-टू-डोर चुनाव प्रचार करेंगे. उन्होंने बताया, ‘प्रत्याशियों से कहा गया है कि चुनाव प्रचार के दौरान पूरी सावधानी बरतें और सोशल डिस्टेंसिंग के सभी मानदंडों का पालन करें. प्रचार को अब डोर-टू-डोर कैंपेन और छोटी बैठकों, जिसमें पांच से अधिक लोग मौजूद न हों, में तब्दील कर दिया गया है.’

इस बीच, एक अन्य भाजपा सांसद कौशल किशोर ने राज्य और केंद्रीय चुनाव आयोगों से लखनऊ में पंचायत चुनाव टालने की अपील की है.

लखनऊ के मोहनलालगंज क्षेत्र से सांसद किशोर ने ट्वीट कर कहा, ‘लखनऊ में कोविड नियंत्रण से बाहर हो चुका है. हजारों परिवार बुरी तरह प्रभावित हैं. घाटों पर लाशों के ढेर लगे हैं. चुनाव आयोग से अपील है कि इसे संज्ञान में लेकर लखनऊ में पंचायत चुनाव एक माह के लिए टाल दें. चुनाव जरूरी नहीं है, लोगों की जान बचाना ज्यादा जरूरी है.’


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‘सेमीफाइनल’

यूपी में चार चरणों में प्रस्तावित पंचायत चुनाव चार स्तर के पदों के लिए हो रहे हैं— ग्राम पंचायत, ग्राम प्रधान, ब्लॉक पंचायत और जिला पंचायत. परिणाम 2 मई को घोषित किए जाने हैं.

यह पहली बार है कि जब सभी प्रमुख राजनीतिक दल उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनावों के लिए उम्मीदवारों का समर्थन कर रहे हैं और ज्यादातर लोग इसे 2022 के विधानसभा चुनावों की तैयारी का हिस्सा मान रहे हैं.

राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा के लिए यह चुनाव इसलिए काफी अहमियत रखते हैं क्योंकि उसे नए कृषि कानूनों को लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खासी नाराजगी का सामना करना पड़ा है.

2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य की 403 सीटों में से 312 पर जीत हासिल की थी, उसके बाद समाजवादी पार्टी ने 47 और बहुजन समाज पार्टी ने 19 सीटें जीती थीं.

पंचायत चुनाव के लिए भाजपा ने इससे पहले राज्य के 50,000 गांवों में चौपालों का आयोजन किया था और बूथ स्तर पर मतदाताओं से संपर्क साध रही थी.

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘पंचायत चुनावों को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पूर्व सेमीफाइनल माना जा रहा है. हम पूरी तरह तैयार हैं और अच्छा प्रदर्शन करने के प्रति आश्वस्त हैं. हालांकि, कोविड की स्थिति बिगड़ने के कारण, हम अपने अभियान को सीमित कर रहे हैं.’

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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