scorecardresearch
Monday, 6 May, 2024
होमराजनीतिसोनिया के बयान पर भड़की भाजपा, जावड़ेकर बोले- हिंसा का राजनीतिकरण कांग्रेस की नीति

सोनिया के बयान पर भड़की भाजपा, जावड़ेकर बोले- हिंसा का राजनीतिकरण कांग्रेस की नीति

प्रकाश ने कहा कि कांग्रेस पूछ रही है कि अमित शाह कहां थे? 'हम उस स्तर पर जाना नहीं चाहते कि कौन कहां है, क्योंकि फिर लोग पूछेंगे कि बाबा कहां है?'

Text Size:

नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी दिल्ली दंगे पर गृहमंत्री अमित शाह से इस्तीफा मांगा है और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है. सोनिया के इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी नेता प्रकाश जावड़ेकर हमलावर हुए. प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘सोनिया गांधी ने जो थोड़े समय पहले दिल्ली की हिंसा पर जो बयान दिया हैं, वो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है. हिंसा का राजनीतिकरण करना, ये एकदम गलत रास्ता है.’

उन्होने कहा, ‘कांग्रेस की नीति यही रहती है. अभी हिंसा समाप्त हो रही है, लोग जख्मी हैं और अस्पतालों में भर्ती हैं और अभी जांच की शुरुआत हुई है. ऐसे में सभी पार्टियों का कर्तव्य होता है कि शांति स्थायी हो, उसके बजाय सरकार पर दोषारोपण करना बहुत गन्दी राजनीति है.’

प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सोनिया गांधी कह रही हैं कि अमित शाह क्या कर रहे हैं तो मैं कहना चाहता हूं कि गृहमंत्रालय लगातार पुलिस के साथ मिलकर काम कर रही है और मनोबल मजबूत कर रही है और उन्हें दिशा निर्देश जारी कर ही है.


यह भी पढ़ें: सोनिया गांधी ने दिल्ली हिंसा के लिए भाजपा को ठहराया जिम्मेदार, अमित शाह से मांगा इस्तीफा


‘कांग्रेस का ऐसा बयान और राजनीति से पुलिस का मनोबल गिरता है. मैं कहना चाहता हूं कि इस मामले पर राजनीति न करें. अभी हिंसा समाप्त हो रही है, लोग जख्मी हैं और अस्पतालों में भर्ती हैं और अभी जांच की शुरुआत हुई है.’

जावड़ेकर ने गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की कांग्रेस की मांग को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि वे पहले दिन से ही शांति बहाली के प्रयास में लगे हुए थे .

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा के लिए गृह मंत्री अमित शाह को जिम्मेदार ठहराते हुए आज कहा कि उन्हें तत्काल इस्तीफा देना चाहिए.

सोनिया ने आरोप लगाया ‘यह (हिंसा) एक सोचा-समझा षड्यंत्र है. भाजपा के कई नेताओं ने भड़काऊ बयान देकर नफरत और भय का माहौल पैदा किया. ’

भाजपा के वरिष्ठ नेता जावड़ेकर ने किसी का नाम लिये बिना कहा कि जांच में यह बात भी सामने आ जायेगी कि किसने पथराव की तैयारी की, किसने वाहनों में आग लगायी और कौन पिछले दो माह से लोगों को उकसा रहा था .

प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘ऐसे में सभी पार्टियों का कर्तव्य होता है कि शांति स्थायी हो, उसके बजाय सरकार पर दोषारोपण करना बहुत गन्दी राजनीति है.’

अभी सबका एक मात्र कार्य है कि हिंसा पूर्ण रूप से रुके और स्थायी शांति हो, चर्चा के लिए तो संसद का सत्र है, वहां चर्चा कर सकते हैं.

जावड़ेकर ने इंदिरा गांधी की हत्या के दौरान राजीव गांधी द्वारा दिए गए बयान को भी याद करते हुए कहा, जिनके हाथ सिखों के नरसंहार से रंगे हों, वो यहां हिंसा रोकने में सफलता या असफलता की बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राजीव गांधी ने इंदिरा की हत्या के दौरान फैली हिंसा पर कहा था कि जब बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है. लेकिन हमारी पार्टी कहती है कि जब धरती हिलती है तो पेड़ गिरते हैं.


यह भी पढ़ें: दिल्ली हिंसा LIVE : दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा- दिल्ली में एक और 1984 नहीं होने देंगे


उसके बाद प्रकाश ने यह भी कहा कि कांग्रेस पूछ रही है कि अमित शाह कहां थे? इस सवाल पर जावडे़कर ने कहा, ‘हम उस स्तर पर जाना नहीं चाहते कि कौन कहां है, क्योंकि फिर लोग पूछेंगे कि बाबा कहां है?’

उन्होने कहा, ‘अरे शाह साहब जी ने कल सभी दलों की बैठक ली, जिसमें आप पार्टी के साथ-साथ कांग्रेस दल के नेता भी उपस्थित थे. आप कहां थी. आपके नेता भी वहां थे. शाह साहब देश में जहां भी थे उनकी निगाह दिल्ली पर थी, पल पल वह यहां की जानकारी ले रहे थे. लेकिन कांग्रेस देश के प्रयासों में मदद करने के बजाय वो केवल राजनीति करना चाहते हैं, जिसकी हम भर्त्सना करते हैं. हमारा विश्वास है कि पुलिस जांच में सच्चाई सामने आएगी कि किसने पत्थर भर के तैयारी की, किसने गोली चलाई, किसने वाहनों में आग लगायी और कौन पिछले 2 महीने से उकसा रहा था.

गौरतलब है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का समर्थन करने वाले और विरोध करने वाले समूहों के बीच संघर्ष ने साम्प्रदायिक रंग ले लिया था. उपद्रवियों ने कई घरों, दुकानों तथा वाहनों में आग लगा दी और एक-दूसरे पर पथराव किया.

इन घटनाओं में बुधवार तक कम से कम 20 लोगों की जान चली गई और करीब 200 लोग घायल हो गए.

जावड़ेकर ने तंज किया कि आज बालाकोट के पराक्रम को एक साल हो रहा है और उन्होंने बालाकोट पर भी ऐसे ही सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा ‘देश के प्रयासों में मदद करने के बजाय कुछ लोग केवल राजनीति करना चाहते हैं, इसकी हम भर्त्सना करते हैं .’

share & View comments