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Saturday, 4 May, 2024
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मध्य प्रदेश के ‘गॉडमैन’ के बिहार दौरे ने नीतीश सरकार को क्यों चिंता में डाल दिया है

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पटना से 20 किमी दूर एक कस्बे में सभाओं को संबोधित करने के लिए तैयार हैं. जद (यू), राजद नेताओं को लगता है कि वह नफरत भड़का सकते हैं, भाजपा विधायक कहते हैं 'कोशिश करो और उसे रोको'.

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पटना: स्वयंभू धर्मगुरु धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की बिहार की प्रस्तावित यात्रा ने पूर्वी राज्य में वाकयुद्ध छेड़ दिया है, मध्य प्रदेश के ‘चमत्कारी-बाबा‘ को लेकर केंद्रीय और राज्य के मंत्री, विधायक और नेता बंटे हुए दिखाई दे रहे हैं.

शास्त्री 13 मई से 17 मई तक पटना से करीब 20 किमी दूर स्थित नौबतपुर में प्रवचन देने वाले हैं. गढ़ा, मध्य प्रदेश में बागेश्वर धाम के मुख्य पुजारी अपनी ‘सभाओं’ में अनुयायियों की बड़ी भीड़ खींचते हैं.

बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने 1990 में लालू प्रसाद सरकार द्वारा रथ यात्रा रोकने का जिक्र करते हुए कहा, “अगर यह तथाकथित बाबा साम्प्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने वाली कोई बात कहते हैं, तो मैं उन्हें याद दिलाना चाहूंगा कि यहां लाल कृष्ण आडवाणी को भी गिरफ्तार किया गया था.”

2000 के दशक की शुरुआत में भी, जब लालू प्रसाद सत्ता में थे, तब विश्व हिंदू परिषद के प्रवीण तोगड़िया को बिहार में प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी, जबकि विहिप के कार्यक्रमों को प्रशासन से अनुमति नहीं मिली थी.

लालू के बड़े बेटे और मंत्री तेजप्रताप यादव ने यहां तक चेतावनी दी थी कि वह विवादित धर्मगुरु को बिहार में प्रवेश नहीं करने देंगे. उन्होंने बुधवार को कहा, “बाबा भूल रहे हैं कि बिहार में किसकी सरकार है.”

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विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार के खिलाफ जवाबी हमला किया है. “हम यह सुनिश्चित करने के लिए वहां मौजूद रहेंगे कि बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का धार्मिक प्रवचन बिना किसी बाधा के सुचारू रहे. हमने तेजप्रताप यादव को चुनौती दी कि वे उन्हें रोकने की कोशिश करें.’

शास्त्री के समर्थन में आने वाले अन्य लोगों में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और अश्विनी चौबे के साथ-साथ भाजपा सांसद राम कृपाल यादव शामिल हैं. शास्त्री का कार्यक्रम स्थल नौबतपुर राम कृपाल यादव के पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आता है.

नौबतपुर में, शास्त्री के प्रवचनों में भाग लेने के लिए आने वाली भारी भीड़ को समायोजित करने के लिए 200 एकड़ में फैले क्षेत्र में कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा.

आयोजन समिति के सचिव राज शेखर ने दिप्रिंट को बताया, “पटना में गांधी मैदान मेगा इवेंट के लिए बहुत छोटा होगा. हम 2 लाख से अधिक भक्तों की भागीदारी का अनुमान लगा रहे हैं. लेकिन हमारे निमंत्रण के बिना भी, आसपास और दूर-दराज के गांवों के लोगों के समूहों ने हमें सूचित किया है कि वे आ रहे हैं.”

शेखर ने कहा कि उन्हें स्वयंभू संत से जुड़े किसी विवाद के बारे में जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा, “हमने सभी को इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है … यहां तक कि लालू जी, तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव, यहां तक कि हमने भाकपा-माले के विधायकों को भी भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है.”

शास्त्री से जुड़े विवाद

बागेश्वर धाम सरकार के नाम से मशहूर 26 वर्षीय शास्त्री कई मौकों पर विवादों में रहे हैं. उनके खिलाफ मार्च में उदयपुर, राजस्थान में मामला दर्ज किया गया था, जब उन्होंने कथित तौर पर एक ‘धर्म सभा’ में हिंदू राष्ट्र के लिए आह्वान किया था.

जनवरी में, उन्होंने कथित तौर पर नागपुर में अपने प्रवास को कम कर दिया जब तर्कवादियों ने उन्हें उन जादुई शक्तियों को साबित करने के लिए चुनौती दी जो उनके पास होने का दावा करते हैं. वह पेपर चिट्स के माध्यम से अपने भक्तों के भविष्य की भविष्यवाणी करते हैं.

उसी महीने शास्त्री फिर से खबरों में थे जब उन्होंने अपने अनुयायियों से अगर वे उनका समर्थन करते हैं तो ‘हिंदू राष्ट्र’ बनाने का वादा किया, यह तब की बात है जब उन्होंने रायपुर में एक सभा को संबोधित किया था.

बिहार सरकार क्यों बेचैन है

बिहार में रामनवमी के दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़कने के बाद, भाजपा मुस्लिम तुष्टिकरण के रास्ते पर चलने और केवल हिंदुओं को निशाना बनाने के लिए नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साध रही है.

रोहतास और नालंदा जिलों के जिला मुख्यालय सासाराम और बिहारशरीफ में 31 मार्च और 1 अप्रैल को हिंसा की सूचना मिली थी. सासाराम प्रशासन ने हाल ही में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के आरोप में पांच बार के पूर्व भाजपा विधायक जवाहर प्रसाद को गिरफ्तार किया था.

जवाहर प्रसाद द्वारा साम्प्रदायिक हिंसा के सिलसिले में जिला अदालत में आत्मसमर्पण करने के बाद सरसाराम में, भाजपा के राज्य प्रमुख सम्राट चौधरी बुधवार को एक दिवसीय धरने पर बैठे और आरोप लगाया कि नीतीश सरकार द्वारा कुशवाहों को निशाना बनाया जा रहा है.

चौधरी और प्रसाद दोनों राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कुशवाहा समुदाय से हैं.

मौजूदा जनता दल यूनाइटेड के विधायक ने दिप्रिंट को बताया, “राज्य पहले से ही निशाने पर है और शास्त्री द्वारा धार्मिक उपदेश की आड़ में एक विवादास्पद बयान चीजों को बदतर बना सकता है. शास्त्री ऐसे बयान देने में सक्षम हैं जो नफरत फैला सकते हैं.”

(संपादन: पूजा मेहरोत्रा)
(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़नें के लिए यहां क्लिक करें)


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