नई दिल्ली: इजरायली स्पाइवेयर पेगासस से जासूसी कांड के मामले में सोमवार को पश्चिम बंगाल सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए जांच पैनल बनाने की पहल की है. मुख्यमंत्री ममत बनर्जी ने कहा यह आयोग मामले की पड़ताल करेगा.
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में सोमवार को मंत्रिमंडल की विशेष बैठक में पैनल गठित करने का फैसला किया गया, जिसके सदस्य सेवानिवृत्त न्यायाधीश होंगे.
सीएम ममता ने कहा कि वह वरिष्ठ न्यायाधीश मदन भीमराव लोकुर और पूर्व मुख्य न्यायाधीश, कलकत्ता उच्च न्यायालय, ज्योतिर्मय भट्टाचार्य के नेतृत्व में, हमने आयोग की पहल की है. वे अवैध हैकिंग, निगरानी, सर्विलांस, मोबाइल फोन की रिकॉर्डिंग आदि की निगरानी करेंगे.
Under the leadership of Senior Justice Madan Bhimrao Lokur and ex-Chief Justice, Calcutta High Court, Jyotirmay Bhattacharya, we've initiated the commission. They will monitor illegal hacking, monitoring, surveillance, recording mobile phones etc: West Bengal CM
— ANI (@ANI) July 26, 2021
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा रि पश्चिम बंगाल सरकार ने पेगासस जासूसी कांड की पड़ताल के लिए एक जांच आयोग का गठन किया. उन्होंने कहा कि हम चाहते थे कि पेगासस जासूसी कांड की जांच के लिए केंद्र आयोग बनाए, लेकिन केंद्र सरकार कुछ नहीं कर रही है.
पेगासस के माध्यम से, न्यायपालिका और नागरिक समाज सहित सभी को निगरानी में रखा गया है. हमें उम्मीद थी कि संसद के दौरान केंद्र सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच करेगा, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. पश्चिम बंगाल पहला राज्य है जिसने जांच आयोग की पहल की है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘पेगासस के जरिए जिन लोगों का निशाना बनाया गया है, उनमें पश्चिम बंगाल के लोगों के भी नाम सामने आए हैं. केंद्र सबकी जासूसी करने की कोशिश कर रहा है. आयोग अवैध रूप से फोन हैक करने के मामले की पूरी जानकारी का पता लगाएगा.’
मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल नेताओं, सरकारी अधिकारियों और पत्रकारों की जासूसी करने के लिए किया गया था, जिसके बाद देश और दुनिया भर में इसे लेकर बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है.