नई दिल्ली: भाजपा के ‘नबन्ना मार्च’ के दौरान बृहस्पतिवार को उस समय पार्टी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हो गई जब भगवा दल के सदस्यों ने बैरिकेड को लांघने का प्रयास किया. पुलिस ने यह जानकारी दी.
राज्य में खराब होती कानून-व्यवस्था के खिलाफ कोलकाता और हावड़ा से भाजपा के हजारों कार्यकर्ताओं ने राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ तक मार्च का आयोजन किया था.
भाजपा के ‘नबन्ना मार्च’ के दौरान हावड़ा के संतरागाछी में कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए पुलिस ने पानी की बौछारों, आंसू गैस का इस्तेमाल करने के साथ-साथ लाठियां भांजी. इसमें भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष राजू बनर्जी और सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो घायल हो गए.
कोलकाता के हेस्टिंग्स इलाके में भी पुलिस ने लाठी-चार्ज किया.
भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या के खिलाफ विरोध में पार्टी की ‘नबन्ना चलो’ यात्रा में टायरों को भी आग के हवाले कर दिया गया.
‘नबन्ना चलो’ यात्रा में पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा मास्क न पहनने पर कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, ‘हमारे सभी कार्यकर्ताओं ने मास्क पहने हैं. क्या सारे नियम हमारे लिए ही हैं? ममता जी हजारों लोगों के साथ प्रदर्शन करती हैं और सोशल डिस्टेंसिंग का पाठ हमें पढ़ाया जाता है. क्या ये नियम उनके लिए नहीं हैं?’
विजयवर्गीय ने कहा, ‘हम लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन ममता जी शांतिपूर्वक प्रोटेस्ट को हिंसक में बदलने की कोशिश कर रही हैं. पुलिस के साथ गुंडे हमपर पत्थर फेंक रहे हैं.’
भाजपा की नेत लॉकेट चटर्जी ने भी कहा, ‘पुलिस हमारे लोगों पर लाठीचार्ज कर रही है. खिदरीपुर की तरफ से पत्थर भी फेंके जा रहे हैं.’
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सरकार ने बुधवार को महामारी अधिनियम का हवाला देते हुए प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. साथ ही कहा था कि केवल मानकों का पालन करते हुए 100 लोगों के साथ लोकतांत्रिक रैलियों की इजाजत दी जाएगी.
राज्य सरकार ने ‘नबन्ना’ को रोगाणुमुक्त करने के लिए आठ अक्टूबर से दो दिन तक इसे बंद किए जाने की घोषणा की थी.
(भाषा के इनपुट के साथ)
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