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Sunday, 22 December, 2024
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‘यूपी में बाबा, एमपी में मामा’—शिवराज चौहान ने योगी स्टाइल में शासन का मॉडल अपनाया

मध्य प्रदेश के सीएम की छवि एक मृदुभाषी और उदार नेता वाली रही है, लेकिन अब वह ट्रैक बदलकर एक सख्त प्रशासक के तौर पर पहचान बनाते नजर आ रहे हैं.

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नई दिल्ली: ‘यूपी में बाबा और एमपी में मामा’—मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संदर्भ में इन दिनों राज्य के बीजेपी नेता और उनके समर्थक कुछ इसी तरह की टिप्पणी कर रहे हैं.

चौहान अपने राज्य में उत्तर प्रदेश के अपने समकक्ष योगी आदित्यनाथ के ‘शासन मॉडल’ को लागू करते दिख रहे हैं, जिन्होंने हाल ही में सम्पन्न यूपी विधानसभा चुनावों के दौरान ‘बुलडोजर बाबा’ की उपाधि हासिल की है.

हालिया चुनावों में अपनी पार्टी की शानदार जीत के बाद शुक्रवार को बतौर मुख्यमंत्री दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने जा रहे योगी आदित्यनाथ को ‘बुलडोजर बाबा’ कहा जाता है, क्योंकि उत्तर प्रदेश में तमाम अपराधियों और माफियाओं की अवैध संपत्तियां ध्वस्त करने के लिए उनकी सरकार की तरफ से बुलडोजर का इस्तेमाल किया गया है.

अब मध्य प्रदेश में भी ‘बुलडोजर’ सुर्खियों में है. दरअसल, बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने अपने सरकारी आवास के बाहर एक बड़ा-सा होर्डिंग लगाया है जिसमें लिखा है, ‘बेटी की सुरक्षा में जो बनेगा रोड़ा, मामा का बुलडोजर बनेगा हथौड़ा.’

कुछ समय पहले तक एक मृदुभाषी और उदारवादी नेता की छवि रखने वाले चौहान ने एक हार्डलाइनर दिखने के लिए अपना ट्रैक एकदम बदल लिया है—जिसके बारे में बीजेपी नेताओं और राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह 2023 के राज्य विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए सोची-समझी रणनीति है.

भू-माफिया को ‘दफन’ कर देने की चेतावनी से लेकर जबरन धर्म परिवर्तन को गैर-कानूनी बनाने तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर अपने चौथे कार्यकाल के दौरान शिवराज ने अपने व्यक्तित्व और शासन शैली को पूरी तरह बदल दिया है.

अपने कहे पर खरे उतरने की कोशिश करते हुए उनकी सरकार ने इस सप्ताहांत में श्योपुर और रायसेन जिलों में अपराध दो अलग-अलग मामलों के आरोपियों की संपत्तियों को ध्वस्त कर दिया.

बीजेपी के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया, ‘चौहान एक मृदुभाषी, कर्तव्यनिष्ठ राजनेता के रूप में जाने जाते हैं. लेकिन अपने चौथे कार्यकाल में वह ये दर्शाने की कोशिश कर रहे हैं कि उदारवादी छवि तोड़ सकते हैं और जरूरत पड़ने पर एक सख्त नेता बन सकते हैं. और यह उनके कुछ हालिया कार्यों से नजर भी आ रहा है.’

चौहान मध्य प्रदेश में चार बार मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने वाले पहले बीजेपी नेता हैं. वह अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के समय के एकमात्र ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो आज भी इस कुर्सी पर बने हुए हैं.

2018 में जब बीजेपी राज्य विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से हार गई थी तो उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था. हालांकि, कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार गिरने के बाद मार्च 2020 में उन्होंने फिर पद हासिल कर लिया जब बीजेपी में शामिल होने के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ दी थी और 22 विधायकों को भी अपने साथ ले आए थे.

मध्य प्रदेश में 2023 में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं और पिछले साल ही इस पर चर्चा होने लगी थी कि चौहान के लंबे कार्यकाल को देखते हुए, इससे पहले ही मुख्यमंत्री पद के लिए एक वैकल्पिक चेहरा खोजने की जरूरत है. हालांकि, चौहान ने 2021 के उपचुनावों में शानदार जीत हासिल की है, जिससे पार्टी में उनकी स्थिति और मजबूत हुई है.


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श्योपुर, रायसेन, शहडोल, सिवनी में कार्रवाई

श्योपुर में सरकार ने रविवार को एक नाबालिग के कथित सामूहिक बलात्कार के आरोपी तीन लोगों मोहसिन, रियाज और शाहबाज की संपत्तियों को बुलडोजर से ध्वस्त करा दिया. आरोपियों पर आईपीसी की संबंधित धाराओं और यौन अपराधों के खिलाफ बच्चों का संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वी.डी. शर्मा ने दिप्रिंट को बताया, ‘मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के निर्देश पर श्योपुर में सख्त कार्रवाई की गई और एक नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार के आरोपियों को निजी आवासों ढहा दिया गया. प्रशासन की तरफ से अवैध कब्जे पर नकेल कसने के कारण उनके आवास ध्वस्त कर दिए गए. बीजेपी सरकार में ऐसे अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा, सभ्य समाज में ऐसे लोगों के लिए कोई जगह नहीं है.’

नाम जाहिर न करने की शर्त पर बीजेपी के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने बताया कि आरोपियों के घर सरकारी जमीन पर बने थे. नेता ने कहा, ‘जो भी इस तरह के जघन्य अपराधों में लिप्त होगा उसे इस तरह के परिणाम भुगतने होंगे.’

इसके अलावा, शहडोल में सरकार की तरफ से सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के आरोपी अब्दुल शादाब का घर ढहा दिया गया. जावरा में अपहरण के आरोपियों भूरू, जहीरुद्दीन और उमर खान के घर ध्वस्त कर दिए गए. सिवनी में कॉलेज की छात्रा से दुष्कर्म के आरोपी हरिराम वर्मा, राहुल वर्मा, विकास सिंह, निर्पत वर्मा और वीरेंद्र वर्मा के घरों को तोड़ा गया है.

इसी तरह की कार्रवाई रायसेन जिले के सिलवानी में भी की गई जहां पिछले शुक्रवार को दो समुदायों के बीच झड़प में राजू आदिवासी नामक एक आदिवासी युवक की मौत हो गई थी और कई घायल हो गए थे.

मामले में चौदह लोगों को गिरफ्तार किया गया है और लगभग 200 पर मामला दर्ज किया गया है. चौहान ने रविवार को दंगा शुरू करने वालों के घरों को गिराने का आदेश दिया था.

बीजेपी ऐसी घटनाओं को लेकर अन्य राज्यों में कांग्रेस सरकारों पर पहले से ही निशाना साध रही है. वी.डी. शर्मा ने कहा, ‘सरकार की कार्रवाई उसकी मंशा और नीति को दर्शाती है. राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने राम दरबार समेत सालासर बालाजी धाम के फाटकों को बेशर्मी से तोड़ दिया है. मध्य प्रदेश में बीजपी सरकार अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है और उनके घर तोड़ रही है.’

प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता हितेश बाजपेयी ने कहा, ‘जो लोग आपराधिक गतिविधियों, गैर-कानूनी गतिविधियों, गुंडागर्दी, जघन्य अपराधों या महिलाओं के खिलाफ अपराध में लिप्त होंगे, उनकी संपत्तियों पर बुलडोजर चला दिया जाएगा. मध्य प्रदेश में अराजकता के लिए कोई जगह नहीं है.’

‘कानून-व्यवस्था का मुद्दा पार्टी के प्रचार अभियान का अहम हिस्सा होगा’

बीजेपी के एक अन्य वरिष्ठ नेता के मुताबिक, शिवराज सिंह चौहान सरकार आने वाले दिनों में जघन्य अपराधों में लिप्त लोगों के खिलाफ और सख्त होगी. पार्टी के कई नेताओं ने दिप्रिंट को बताया कि 2023 के विधानसभा चुनाव में कानून-व्यवस्था एक बड़ा मुद्दा होगा.

राजनीतिक विश्लेषकों ने आगे कहा कि बीजेपी शासित राज्यों में कानून-व्यवस्था शासन का एक प्रमुख मुद्दा बन जाएगा और योगी आदित्यनाथ से आगे निकलने और उनकी जैसी कार्यशैली अपनाने की होड़ बढ़ने की भी संभावना है.

दिल्ली स्थित सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च में फेलो राहुल वर्मा ने दिप्रिंट को बताया, ‘उत्तर प्रदेश में भाजपा के जीत हासिल करने को देखते हुए, यूपी के मुख्यमंत्री के कामकाज के तरीके को अपनाया जाना स्वाभाविक है. जहां तक शिवराज सिंह चौहान का सवाल है तो वह राज्य बीजेपी में अपनी मौजूदा स्थिति को देखते हुए बीजेपी जनाधार के साथ तालमेल और बढ़ाने की कोशिश कर रहे होंगे.’

उन्होंने आगे कहा, ‘साथ ही, इन मामलों में से एक में पीड़ित एससी/एसटी समुदाय से है. भाजपा अपने विस्तारवादी नीति में इन समुदायों के बीच पैठ और मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी. इस तरह कानून-व्यवस्था का मुद्दा पार्टी के प्रचार अभियान का अहम हिस्सा बन जाएगा.’

वर्मा ने आगे कहा कि मुख्यमंत्रियों सहित तमाम नेता महिलाओं और निचली जातियों जैसे हाशिए वाले समूहों के रक्षक की भूमिका निभाते हुए योगी की तरह आक्रामक राजनीतिक शैली अपनाने की कोशिश करेंगे.

उन्होंने कहा, ‘जहां तक महिला मतदाताओं का सवाल है तो हाल में संपन्न चुनावों में बीजेपी को इस वर्ग से काफी फायदा हुआ है. कल्याणकारी योजनाओं और रक्षा और सुरक्षा के माध्यम से पार्टी उन्हें लुभाना जारी रखेगी.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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