नई दिल्ली : सपा नेता आजम खान की महिला सांसद पर अभद्र टिप्पणी को लेकर शुक्रवार को भी लोकसभा में जमकर बवाल हुआ. इस मुद्दे पर महिला सांसदों सहित सभी विपक्षी दलों के सांसद भी एक सुर में नजर आए और आजम पर ऐसी कार्रवाई की मांग की जो मिसाल बने.
खान ने ट्रिपल तलाक बिल पर चर्चा के दौरान सदन की अध्यक्षता कर रही बीजेपी सांसद रमा देवी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी जिसका शुक्रवार को सदन में शून्यकाल की चर्चा के दौरान तीखा विरोध किया गया.
ज्यादातर सदस्यों ने उन पर कार्यवाही के लिए स्पीकर ओम विरला को अधिकृत किया है. वहीं विपक्षी दलों के कुछ नेताओं ने सदन के सर्वोच्च कमेटी के जरिये जांच की मांग कर कार्यवाही की मांग की. स्पीकर ने सदन को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर इस पर सभी पार्टियों के नेताओं से बातचीत कर फैसला लेने की बात कही है.
महिला सांसदों ने की अगुवाई
वहीं महिला सांसदों ने इस मुद्दे पर अगुवाई करते हुए इसका कड़े शब्दों में विरोध कर सख्त कार्रवाई की मांग की है. स्मृति ईरानी ने कहा कि ये घटना सिर्फ महिला सांसदों के लिए नहीं बल्कि सभी सांसदों के लिए एक धब्बा है. ये ऐसी जगह नहीं जहां कोई भी पुरुष आकर कहे ‘किसी महिला की आंखों में झांका जाए’. ईरानी ने कहा कि ये सदन वही जगह है जहां कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन शोषण के खिलाफ बिल पास हुआ था. इसलिए इसकी गरिमा को बनाये रखते हुए सभी को इस के खिलाफ मिलकर विरोध करना चाहिए. इतनी घटिया बातें बोलकर कोई ऐसे पल्ला नहीं झाड़ सकता.
वहीं अपने खिलाफ की गई इस टिप्पणी पर बोलते हुए रमा देवी ने कहा कि आजम खान की लोकसभा सदस्यता खत्म की जानी चाहिए.
तृणमूल सांसद मिमी चक्रवर्ती ने कहा कि कोई भी संसद में खड़ा होकर कोई किसी महिला से ये नहीं बोल सकता कि मेरी आंखों में देखो और बात करो. मिमी ने भी इसपर कड़ी कार्रवाई की मांग की.
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी मांग की कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने के बजाय सबको एक स्वर में पुरजोर विरोध करना चाहिए. रक्षा मंत्री का कहना है कि कोई भी महिला ऐसे गरिमापूर्ण पद पर बहुत मुश्किलों के बाद पहुँचती है. ऐसे में इस तरह की घटनाएं होना शर्मनाक है. उन्होंने आज़म खान का पक्ष लेने वाले सांसदों पर निशाना साधते हुए कहा कि इस मामले में हिचकिचाहट और दोगलापन क्यों? सभी को इस का एक आवाज़ में विरोध करना चाहिए.
नुसरत जहां ने कहा हम नये सांसद है हम सीख रहें हैं लेकिन कल जो कुछ हुआ वह सीखने लायक नहीं. यह हम सबके खिलाफ है. आपको इस पर कड़ा और उचित फैसला लेना चाहिए.
अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल ने कहा, ‘कल जो हुआ उसको लेकर लोकतंत्र का मंदिर ही नहीं पूरा देश शर्मसार है. देश को यकीन नहीं हो रहा है कि उन्होंने कैसे लोगों को चुनकर भेजा है. उनके लोकसभा क्षेत्र के लोग भी शर्मिंदा होंगे के कैसे लोगों को उन्होंने चुना है. अनुप्रिया ने कहा कि रमा देवी सीनियर नेता है. उन्हें जब मैं देखती हूं तो उनमें मुझे मां दिखती हैं. वह मिलने पर मां जैसा स्नेह देती हैं. भविष्य में इसे रोकने के लिए कड़ी सी कड़ी कार्रवाई कीजिए.
यूपी से सपा सांसद श्री आजम खान द्वारा कल लोकसभा में पीठासीन महिला के खिलाफ जिस प्रकार की अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल किया गया वह महिला गरिमा व सम्मान को ठेस पहुँचाने वाला है तथा अति-निन्दनीय है। इसके लिए उन्हें संसद में ही नहीं बल्कि समस्त महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए।
— Mayawati (@Mayawati) July 26, 2019
इस मुद्दे पर यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा अध्यक्ष मायावती ने भी ट्वीट कर आजम खान की टिप्पणी को अति निंदनीय बताते हुए सभी महिलाओं से माफी मांगने को कहा है.
अधीर रंजन चौधरी
इस मसले पर बोलते हुए सदन में कांग्रेस के सदन के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अभद्र आचरण का उनकी पार्टी कभी भी समर्थन नहीं करती. सदन में हमारी सर्वोच्च कमेटी है जो भी निर्णय लेगी हम सभी सहमत होंगे.
बीजेपी नेता अर्जुन राम मेघवाल ने कहा, ‘ऐसी सजा मिले जिससे कोई भी कभी महिला सांसद का अपमान करने की हिम्मत न कर सके.
अधीर रंजन दोबारा इस मुद्दे पर बोलते हुए कहा- कांग्रेस कभी इसे बर्दाश्त नहीं करेगी. चाहे सदन, देश या जहां भी महिला के सम्मान की बात हो कांग्रेस पीछे नहीं रहेगी.
एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा – सदन ने जो जज्बात दिखाया उसका एहतराम करता हूं, सम्मान करता हूं. आप वास्तव में इस पर फैसला लीजिए. साथ ही एमजे अकबर की जांच रिपोर्ट कहां गई उस पर भी सवाल किया .
बंगाल से बीजेपी नेता बाबुल सुप्रियो ने कहा- मीडिया में आजम का बयान सब जगह दिखाया गया, सदन से हटाने पर भी दिखाया गया. दुनिया ने भी देखा है. इस पर ऐक्शन लीजिए. ताकि कोई भी ऐसा बोलने की हिम्मत न कर सके.
बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर ने कहा स्पीकर से कहा कि 17वी नहीं 100वीं भी लोकसभा आए तो भी याद करे कि आपको इस पर जिम्मेदारी दी गई थी और आपने फैसला लिया था. सदन की गरिमा के लिए कड़े से कड़ा निर्णय लीजिए.
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने स्पीकर से इस अभद्रता पर कड़ी से कड़ी कार्रवाही की मांग की. उन्होंने कहा इस पर कोई समझौता नहीं हो सकता. हम आप पर विश्वास करते हैं. प्रक्रिया आप चुनें.
आखिर में स्पीकर ओम विरला ने कहा- सबको सुना. सभी पार्टियों के नेताओं से बात कर इस पर निर्णय करूंगा. इसके बाद उन्होंने सदन को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.