पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के चलते सियासत गर्म है. रविवार को मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के दौरे की खबरों को अखबारों ने प्रमुखता दी है.
दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने छिंदवाड़ा की एक सभा में कमलनाथ पर एक वायरल वीडियो के आधार पर आरोप लगाया था, लेकिन कांग्रेस ने चुनाव आयोग से शिकायत की है कि वह वीडियो फेक था. प्रधानमंत्री ने उसके आधार पर मतदाताओं को भ्रमित करके आचारसंहिता का उल्लंघन किया है. उन पर मामला दर्ज किया जाए.
अखबार की एक खबर के मुताबिक, बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं की नाराजगी के बीच भाजपा इस चुनाव में अपने कार्यकर्ताओं की बजाय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं पर ज्यादा भरोसा कर रही है. संघ की ओर से राज्य के अलावा अन्य राज्यों के संघ कार्यकर्ताओं को भी लगाया गया है और उन्हें जनता के बीच जायजा लेकर फीडबैक देने को कहा गया है.
एक अन्य खबर के मुताबिक, विधानसभा चुनाव आचार संहिता के दौरान की गई सख्ती से मध्य प्रदेश में अब तक 55 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति और नकदी का खुलासा हो चुका है. आयकर विभाग की मुहिम के तहत एक दर्जन शहरों में यह कालाधन सामने आया.
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अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने अपने मुख्य पृष्ठ पर मध्य प्रदेश में मोदी के उस आरोप को जगह दी है जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस पार्टी ने सोनिया गांधी के लिए रास्ता साफ करने के लिए दलित पीड़ित समाज से आने वाले सीताराम केसरी को फुटपाथ पर फेंक दिया. मोदी ने कांग्रेस को यह भी चुनौती दी कि कांग्रेस गांधी परिवार से बाहर के किसी व्यक्ति को पार्टी का अध्यक्ष बनाए.
विशेष चुनावी कवरेज के तहत एक्सप्रेस ने लिखा है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने मुख्यमंत्री का उम्मीदवार तो घोषित नहीं किया है लेकिन छिंदवाड़ा में पार्टी प्रत्याशी कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाने के नाम पर वोट मांग रहे हैं.
दैनिक भास्कर की एक खबर में कहा गया है कि मध्य प्रदेश में ग्वालियर चंबल क्षेत्र की 34 सीटों पर जीत को लेकर भाजपा की चिंता अचानक बढ़ गई है. पार्टी को प्रत्याशियों के बारे में मिले फीडबैक से पार्टी के बड़े नेता चिंता में हैं. रविवार को राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल, प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत और केंद्रीय मंत्री व प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने ग्वालियर पहुंचकर देर रात तक अगल-अलग नेताओं के साथ बैठक की. पार्टी डैमेज कंट्रोल की कोशिश में लगी है.
छत्तीसगढ़ में अंतिम दौर के मतदान के लिए चुनाव प्रचार रविवार को थम गया. दैनिक भास्कर ने खबर के मुताबिक, सभाएं और रैलियां तो थम गई हैं, लेकिन राजनीतिक दल पर्ची पोलिटिक्स और बूथ मैनेजमेंट में जुटे हैं. दोनों पार्टियों ने बूथों पर हजारों की संख्या में अपने कार्यकर्ताओं को तैनात किया है.
अखबार के मुताबिक, राजस्थान में भाजपा ने 200 में से 194 सीटों पर उम्मीदवार तय कर दिए हैं. जबकि कांग्रेस ने अब तक 199 सीटों पर नाम तय कर दिए हैं. जेएनयू पर विवादित टिप्पणी करने वाले भाजपा विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने टिकट न मिलने के चलते भाजपा छोड़ दी है और निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.
हरिभूमि ने छत्तीसगढ़ के महासमुंद में प्रधानमंत्री मोदी की रैली और कांग्रेस के प्रत्यारोप को मुख्य पृष्ठ पर जगह दी है. प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस को दस साल पहले किसानों की याद क्यों नहीं आई, इस पर कांग्रेस ने कहा कि भाजपा झूठी है, न उसने किसानों का बोनस दिया, न ही धान का 2100 रुपये.
राज्य में मंगलवार को 72 सीटों के लिए मतदान होना है.
हरिभूमि की एक और खबर के मुताबिक, राजस्थान में भाजपा ने सोमवार को अपनी पांचवी लिस्ट जारी की और टोंक से कांग्रेस के सचिन पायलट के खिलाफ यूनुस खान को मैदान में उतारा है.
राजस्थान पत्रिका ने अपने मुख्य पृष्ठ की हेडिंग लगाई है, ‘पलटती सूचियों ने पटली सियासत, दिनभर सुलगता रहा बीकानेर.’ अखबार ने कांग्रेस में घमासान की पृष्ठभूमि और राजकुमारी दीया का टिकट कटने की खबर दी है. कांग्रेस और भाजपा में टिकट बंटवारे से उपजा राजनीति भूचाल और नाराज कार्यकर्ताओं की ओर से आगजनी और तोड़फोड़ को अखबार ने सुर्खियों में रखा है.