नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना पर फिर एक बार निशाना साधते हुए गुरुवार को उनसे दिल्ली सरकार के स्कूलों के शिक्षकों और शैक्षणिक कर्मचारियों को प्रशिक्षण के लिए विदेश जाने की अनुमति देने की अपील की.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, केजरीवाल ने पंजाब का उदाहरण देते हुए सक्सेना से अब तक फाइल की मंजूरी नहीं मिलने पर सवाल उठाया.
केजरीवाल ने कहा, ‘परसों पंजाब के 36 टीचर ट्रेनिंग के लिए सिंगापुर जाएंगे. ये बहुत ख़ुशी की बात है. मैं LG साहब से अपील करता हूं कि दिल्ली के टीचर्स को भी ट्रेनिंग के लिए फ़िनलैंड जाने दें.’
परसों पंजाब के 36 टीचर ट्रेनिंग के लिए सिंगापुर जाएँगे। ये बहुत ख़ुशी की बात है। मैं LG साहिब से अपील करता हूँ कि दिल्ली के टीचर्स को भी ट्रेनिंग के लिए फ़िनलैंड जाने दें। https://t.co/GrgSCFL1S7
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 2, 2023
केजरीवाल ने संबोधन में दोहराया कि उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना शिक्षकों को फिनलैंड भेजने के दिल्ली सरकार के प्रस्ताव पर अनुचित आपत्ति उठा रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘संविधान और कानून कहता है कि उपराज्यपाल मंत्रिपरिषद की सलाह को लेकर बाध्य हैं. इसका मतलब है कि फाइल उपराज्यपाल के पास नहीं जानी चाहिए. यह गलत है कि उपराज्यपाल को फाइल भेजी जाती हैं और वह आपत्ति उठाते हैं.’
इस मामले को लेकर दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख भी किया है.
केजरीवाल ने कहा, ‘2021 में केंद्र द्वारा लाया गया जीएनसीटीडी संशोधन अधिनियम असंवैधानिक है. मुझे उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट इसे असंवैधानिक घोषित करेगा.’
शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए विभिन्न देशों में भेजने की दिल्ली सरकार की योजना के बारे में विस्तार से बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, हम अब तक 1,000 शिक्षकों को विभिन्न देशों में भेजने में सफल रहे हैं.
केजरीवाल ने कहा, ‘इस साल भी, हमने शिक्षकों को विभिन्न देशों में भेजने के लिए राशि मंजूर की थी. हमने योजना बनाई थी कि 30 प्रधानाचार्य दिसंबर में जाएंगे और 30 मार्च में जाएंगे.’
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से उपराज्यपाल की अनुचित आपत्तियों के कारण, ऐसा लगता है कि हम शिक्षकों को नहीं भेज पाएंगे.’
उन्होंने आगे कहा कि एल-जी के बार-बार इसे विफल करने के प्रयासों के कारण, शिक्षकों का एक दल दिसंबर में प्रशिक्षण के लिए नहीं जा सका. अब ऐसा लगता है कि मार्च में जाने वाली एक और ग्रुप को भी इसी समस्या का सामना करना पड़ेगा.
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