नई दिल्ली: कानपुर देहात जिले में अतिक्रमण हटाये जाने के दौरान मां-बेटी की मौत पर उत्तर प्रदेश सरकार को घेरते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को कहा कि यह घटना राज्य सरकार की विज्ञापित वैश्विक निवेशक सम्मेलन से ज्यादा चर्चा में है, ऐसे में प्रदेश का जनहितकारी भला कैसे संभव है.
मायावती ने बुधवार को ट्वीट किया,’देश एवं खासकर उत्तर प्रदेश जैसे गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई , पिछड़ेपन आदि से त्रस्त विशाल राज्य में भाजपा सरकार की लोगों को अति-लाचार एवं आतंकित करने वाली बुल्डोजर राजनीति से अब निर्दोष गरीबों की जान भी जाने लगी है, जो अति-दुखद एवं निन्दनीय है. सरकार अपना जनविरोधी रवैया बदले.’
1. देश व खासकर उत्तर प्रदेश जैसे गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई व पिछड़ेपन आदि से त्रस्त विशाल राज्य में भाजपा सरकार की लोगों को अति-लाचार एवं आतंकित करने वाली बुल्डोजर राजनीति से अब निर्दोष गरीबों की जान भी जाने लगी हैं, जो अति-दुखद व निन्दनीय। सरकार अपना जनविरोधी रवैया बदले। 1/2
— Mayawati (@Mayawati) February 15, 2023
बता दें कानपुर के मदौली गांव में 13 फरवरी को प्रशासन द्वारा चलाए गाए अतिक्रमण अभियान के दौरान घर में आग लगने से मां-बेटी की मौत हो गई थी. इसको लेकर यूपी की राजनीति भी गरमा गई है.
मायावती ने आगे कहा, ‘कानपुर देहात जिले में अतिक्रमण हटाने के नाम पर हुई ज्यादती एवं आगजनी की घटना के दौरान झोपड़ी में रहने वाली मां-बेटी की मौत तथा 24 घण्टे बाद उनके शव उठने की घटना उत्तर प्रदेश सरकार के विज्ञापित वैश्विक निवेशक सम्मेलन से ज्यादा चर्चा में है, ऐसे में उत्तर प्रदेश का जनहितकारी भला कैसे संभव है?’
क्या है पूरा मामला
सोमवार शाम को कानपुर देहात जिले में रूरा थानाक्षेत्र के मडौली गांव में अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान एक महिला और उसकी बेटी ने कथित तौर पर अपनी झोपड़ी में खुद को आग लगा ली, जिससे दोनों की मौत हो गयी थी.
प्रशासन ने मामले में एफआईर दर्ज कर ली है और जांच शुरू कर दी है. लेखपाल और एसडीएम को सस्पेंड कर दिया गया है.
यूपी के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने मां-बेटी के जलने से मौत पर कहा था कि, ‘दोषी पाए जाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. मामले में जांच कमेटी बना दी गई है जो आज रिपोर्ट सौंपेगी.’
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