गुरुग्राम: हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन और श्रम मंत्री अनिल विज ने अपने ही विभागों में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए सोमवार को मुख्यमंत्री के फ्लाइंग स्क्वाड को पत्र लिखकर जांच की मांग की है. यह अपने आप में एक अनोखी पहल है, क्योंकि पहली बार किसी हरियाणा कैबिनेट मंत्री ने अपने ही विभागों की बाहरी जांच की मांग की है.
सोमवार को दिप्रिंट से बात करते हुए विज ने कहा कि अक्टूबर 2024 में बीजेपी की तीसरी बार सत्ता में वापसी के बाद जब से उन्होंने इन विभागों की जिम्मेदारी संभाली है, उन्होंने विभागों में “गदर राज” देखा है.
सीएम फ्लाइंग स्क्वाड (जो राज्य के सीआईडी प्रमुख सौरभ सिंह के अंतर्गत आता है और सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय को रिपोर्ट करता है) को भेजे पत्र में विज ने क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) कार्यालयों और ऊर्जा विभाग की इकाइयों में औचक निरीक्षण की मांग की है. उन्होंने दोषी पाए गए अधिकारियों या कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.
विज के इस फैसले के पीछे दो मुख्य कारण हैं. पहला, परिवहन विभाग में मोटर वाहन निरीक्षक (MVI) और ऊर्जा विभाग में मुख्य विद्युत निरीक्षक (सीईआई) के पदों के लिए उन्हें लगातार सिफारिशें मिल रही थीं, जो कई बार मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के माध्यम से आती थीं.
उन्होंने दिप्रिंट से कहा, “मुझे हैरानी है कि MVI या सीईआई की पोस्टिंग से लोग इतना क्यों संतुष्ट हो जाते हैं.” कई कर्मचारियों ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर इन पदों की मांग की, जिससे विज को शक हुआ. विभागीय जांच में भी इन पदों से जुड़ी भ्रष्टाचार की शिकायतें सामने आईं.
दूसरा कारण यह है कि इन विभागों का जनता से सीधा जुड़ाव है और अधिकारियों पर मंजूरी और सर्टिफिकेट के बदले भारी घूस मांगने के आरोप हैं.
विज ने कहा, “सारे के सारे ही चोर हैं. मैं एक चोर को दूसरे चोर की जांच के लिए कैसे कह सकता था?” इसी कारण उन्होंने निष्पक्ष जांच के लिए सीएम फ्लाइंग स्क्वाड से संपर्क किया.
उन्होंने पिछले हफ्ते सोशल मीडिया के ज़रिए ऐलान किया कि जब तक राज्य की नई ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी लागू नहीं होती, तब तक उनके तीनों विभागों में सभी तबादले रोक दिए गए हैं.
विज की यह मांग इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि अक्टूबर 2023 में उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की फाइलें पास करना बंद कर दी थीं जब सीएमओ के एक अधिकारी ने उनके विभाग की बैठक की अध्यक्षता की थी.
MVI और सीईआई के खिलाफ शिकायतें
MVI और CEI पद अनिल विज के आरोपों के केंद्र में हैं, क्योंकि इनकी जिम्मेदारियां सीधे जनता से जुड़ी होती हैं और इनमें अवैध कमाई की काफी संभावनाएं होती हैं.
MVI यानी मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर की जिम्मेदारी होती है यह सुनिश्चित करना कि वाहन मोटर व्हीकल एक्ट के तहत तय सुरक्षा, फिटनेस और प्रदूषण मानकों को पूरा करें. वे गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन, बीमा और नियमों के पालन के लिए निरीक्षण करते हैं. इस दौरान ब्रेक, लाइट, हॉर्न जैसी चीजें भी चेक की जाती हैं.
उन्हें फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने, नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना लगाने या गाड़ी जब्त करने का अधिकार होता है. इन अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए अक्सर रिश्वतखोरी होती है, क्योंकि वाहन मालिक जल्दी मंजूरी या छूट पाना चाहते हैं.
वहीं CEI यानी चीफ इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टर की जिम्मेदारी होती है कि इंडस्ट्रियल और कमर्शियल सेटअप्स में बिजली से जुड़ी सुरक्षा और नियमों का पालन हो. वे तब निरीक्षण करते हैं जब उद्योगों को नया कनेक्शन चाहिए होता है. वे दस्तावेज़ों की जांच करते हैं और बिजली से जुड़े हादसों की जांच भी करते हैं.
इनका रोल महत्वपूर्ण होता है क्योंकि ये बड़े-बड़े व्यापारिक कनेक्शन को मंजूरी देते हैं, और इस प्रक्रिया में रिश्वतखोरी की संभावनाएं रहती हैं. मंजूरी जल्दी पाने के लिए पैसों का लेन-देन हो सकता है.
विज की आंतरिक जांच में यह बात सामने आई कि इन पदों पर बैठे अधिकारी “गलत मकसदों” से काम कर रहे हैं. इसी के चलते उन्होंने बाहरी जांच की मांग की.
हरियाणा के भ्रष्टाचार विरोधी निगरानी संस्था
मुख्यमंत्री फ्लाइंग स्क्वॉड का काम है अचानक छापेमारी करना, भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच करना, सरकारी दफ्तरों में समय पालन सुनिश्चित करना, शराब और खनन जैसे अवैध कामों को रोकना और राज्य योजनाओं के क्रियान्वयन पर नजर रखना. इस स्क्वॉड का नेतृत्व सौरभ सिंह करते हैं और इसने हरियाणा की प्रशासनिक व्यवस्था में कई बार भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया है.
विज का यह पत्र भ्रष्टाचार के खिलाफ उनके सख्त रुख के अनुरूप है. इस महीने की शुरुआत में ही उन्होंने श्रम विभाग में एक वर्क स्लिप घोटाले की राज्यव्यापी जांच के आदेश दिए थे, जिसमें अगस्त 2023 से मार्च 2025 के बीच 11,96,759 मजदूर रसीदों का सत्यापन हुआ था—जो विज के अनुसार “मानव रूप से असंभव” था.
सिर्फ हिसार में ही 1,45,582 रसीदों का सत्यापन किया गया, जिसमें एक ग्राम सचिव ने तीन महीनों में 84,741 आवेदन सत्यापित किए, जिनमें से एक दिन में 2,646 आवेदन थे. विज को शक है कि यह घोटाला सैकड़ों करोड़ रुपये का हो सकता है, और उन्होंने दोषी अधिकारियों को निलंबित कर भुगतान रोक दिया.
विज ने दिप्रिंट से कहा, “हम निर्माण श्रमिकों के परिवारों को ढेर सारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देते हैं, जैसे बच्चों की पढ़ाई की फीस, साइकिल और बहुत कुछ. ये असामान्य सत्यापन मुझे चौंकाने वाले लगे.”
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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