नई दिल्ली: आंतक निरोधी (विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण संशोधन (यूएपीए) विधेयक) 2019 बिल बुधवार को लोकसभा में पास हो गया. दो दिनों तक बिल पर चली बहस के बीच विपक्ष जहां बिल पर और विचार विमर्श के लिए स्टैंडिंग कमीटी में भेजना चाह रहा था, वहीं सरकार ने विपक्ष के सभी सवालों को खारिज करते हुए कहा कि सरकार आतंकवाद से लड़ने के लिए हाथ मज़बूत करना चाहती है न कि इन मामलों में किसी भी निर्दोष को फंसाना. गृह मंत्री अमित शाह के जवाव से असंतुष्ट कांग्रेस ने सदन का वॉक आउट किया.
बिल पर बहस के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि जब भी आतंक का कोई मामला आता है तो उसके खिलाफ लड़ाई सरकार लड़ती है, उस समय यह नहीं देखा जाता है कि उस समय कौन सी पार्टी सत्ता में है.
शाह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष को मुद्दा उठाना है, उठाएं, लेकिन ये नहीं कहें कि ये हमारी सरकार लाई है या उनकी सरकार लेकर आई है. अब जब सरकार व्यक्ति विशेष को आतंकी घोषित किए जाने पर विधेयक ला रही है तो विपक्ष कह रहा है कि इसकी क्या आवश्यकता है. तो मैं यह कहना चाहता हूं कि ऐसा कानून संयुक्त राष्ट्र में है, अमेरिका में है, पाकिस्तान के पास है, चीन में है, इस्ररायल में है, यूरोपीय संघ में है और सभी इसपर काम कर रहे हैं.
सदन में जवाब के दौरान शाह ने आगे कहा कि हमें ध्यान रखना चाहिए कि मसूद अज़हर को हाल ही में संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी घोषित किया है. जब हम किसी संगठन को आतंकवादी संगठन घोषित करते हैं तो वो संगठन बंद करके दूसरा संगठन खोल लेते हैं.
शाह ने कहा कि जब आप सरकार से सवाल करते हैं तो शायद आप नहीं जानते हैं कि यह कानून और इसके संशोधन किसने किए हैं. कांग्रेस पार्टी के सवालों का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि यह कानून तब आया जब आप पावर में थे, आपकी सरकार थी. आपने जब उस समय किया वह सही था तो मैं कहना चाहता हूं कि मैं जो अब कर रहा हूं वह भी सही है.
Home Minister Amit Shah in LS on Unlawful Activities (Prevention) Amendment Act Bill: When you question us you don't see who brought the law & amendments, who made it stringent. It was brought when you were in power, what you did then was right & what I'm doing now is also right. pic.twitter.com/1z8GKtOme2
— ANI (@ANI) July 24, 2019
गैरकानूनी गतिविधियों के विधेयक पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने आज सदन में हर सांसद के सवालों का एक-एक करके जवाब दिया.
उन्होंने एआईएमआईएम सांसद असददुद्दीन ओवैसी के पूछे सवाल जिसमें उन्होंने कांग्रेस पार्टी को इस विधेयक का आरोप लगाते हुए कहा कि इस कानून को लाने वाली कांग्रेस पार्टी है. जब वह पावर में थी तो वह बीजेपी से बड़ी थी. लेकिन जब वह चुनाव हार गई तो वह मुस्लिमों की बड़ा भाई बन गई. इस सवाल का जवाब देते हुए शाह ने उनकी खिंचाई की और कहा पुलिस को किसी को भी पकड़ने का शौक नहीं है. बसपा सांसद दानिश अली और ओवैसी ने कहा कि अमरोहा में पुलिस ने निर्दोषों को जेल के अंदर रखा.
आज शाह सदन में काफी गुस्से में दिखे. उन्होंने इस दौरान अमरोहा के केस में 14 लोगों को पकड़े जाने वाली कार्रवाई पर भी विस्तार से पूरी बात बताई. उन्होंने कहा कि इस मामले में 10 लोगों को दोषी पाया गया जबकि चार लोगों के खिलाफ कोई मामला नहीं मिला उसके बाद उन्हें छोड़ दिया.
शाह ने यह भी कहा कि सीआरपीसी के तहत 14 दिनों की रिमांड होती है, इसमें हमने 30 दिनों की कस्टडी का प्रावधान रखा है, लेकिन ये प्रावधान हम नहीं लाए, पी चिदंबरम लाए थे. उन्होंने कहा कि धारा 25 के प्रावधान को हम लेकर नहीं आए केवल इसका संशोधन हमने किया. संपत्ति कुर्क करने का इसमें प्रावधान में नहीं है, उसके लिए कोर्ट आदेश देगा लेकिन संपत्ति अटैच करने का इस कानून के तहत प्रावधान है.
Asaduddin Owaisi, AIMIM MP in Lok Sabha on Unlawful Activities (Prevention) Amendment Act Bill: I blame Congress party for this. They're the main culprits for bringing this law. When they're in power they're bigger than BJP, when they lose power they become big brother of Muslims pic.twitter.com/5q2Ept9miu
— ANI (@ANI) July 24, 2019
मनीष तिवारी के सवाल के जवाब में शाह ने कहा कि तिवारी जी ज्ञानी हैं लेकिन वह 66बी के क्लॉज पर बात की लेकिन क्लाॉज़ ‘ए’ की बात नहीं की. उन्होंने कहा कि पुलिस कंप्यूटर में घुस जाएगी, तो अगर आपने कुछ गलत किया है और करते हैं तो पुलिस आपके कंप्युटर में घुसेगी ही, उसे घुसना भी चाहिए.
उन्होंने सदन को विश्वास दिलाया कि उनकी सरकार इस कानून को केवल और केवल आतंक को खत्म करने के लिए बना रही है. वहीं सामाजिक कार्यकर्ताओं को आतंकी बताने पर एमसीपी की सुप्रिया सूले के सवाल पर उन्होंने कहा कि सामाजिक कर्मी आतंकी नहीं होते, इस देश में करोड़ों लोग समाज के लिए काम कर रहे हैं लेकिन पुलिस उनको नहीं पकड़ रही है. लेकिन अगर वे अर्बन माओवाद को लेकर काम करेंगे तो हम उन्हें नहीं छोड़ेंगे. वामपंथी विचारवाद एक चोला है जिसे पहनकर लोग काम कर रहे हैं.
शाह ने कहा कि कई बार लोग 302 में भी हत्या के मामले में बच जाते है. हमारी न्यायिक प्रक्रिया में कहा गया है कि 100 दोषी भले ही छूट जाएं लेकिन एक निर्दोष को सजा नहीं होनी चाहिए.