नई दिल्ली : हरियाणा में चल रही राजनीतिक हलचल पर फिलहाल विराम मिल गया है और सरकार बनने की तस्वीर भी साफ हो चुकी है. शुक्रवार देर रात गृहमंत्री अमित शाह ने अपने आवास पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि हरियाणा में भाजपा और जेजेपी मिलकर सरकार बनाएंगी. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए दुष्यंत चौटाला के साथ भाजपा के अनुराग ठाकुर भी निकले थे. साथ ही चंडीगढ़ से दिल्ली पहुंचे मनोहर लाल खट्टर भी मौजूद थे. बता दें कि कल से ही भाजपा और जेजेपी के गठबंधन की खबरें तैरने लगी थीं.
अमित शाह ने मीडिया को बताया कि राज्य में मुख्यमंत्री भाजपा पार्टी से होगा तो डिप्टी सीएम जेजेपी से. उन्होंने आगे कहा कि ये फैसला हरियाणा की जनता के जनादेश को ध्यान में रखकर लिया गया है. अगले पांच साल तक जेजेपी और भाजपा मोदी जी के नेतृत्व में हरियाणा को आगे लेकर जाएगी. अमित शाह ने भाजपा और जेजेपी को शुभकामनाएं और बधाई भी दी.
इस मौके पर मौजूद जेजेपी के दुष्यंत चौटाला ने कहा, ‘मैं अमित शाह और जेपी नड्डा का धन्यवाद करता हूं. एक स्थायी सरकार के लिए ये कदम जरूरी है. जनसंघ के समय से, ताऊ देवीलाल के समय से हम अलग अलग समय में मिलकर साथ चले हैं. प्रदेश के विकास के लिए दोनों का साथ आना जरूरी था. कल गवर्नर से मिलकर आगे की रणनीति तय करेंगे.’
वहीं मनोहरलाल खट्टर ने कल गवर्नर से मिलने की बात पर मीडिया को बताया, हम मिलकर एक स्थायी सरकार चलाएंगे. हमें निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन भी है. पहले भी दोनों पार्टियां मिलकर काम कर चुकी हैं, आगे भी करेंगे.
गौरतलब है कि 10 महीने पहले बनी जन नायक जनता पार्टी ने 10 सीटें जीती है तो 75 पार का दावा कर रही भाजपा केवल 40 सीटें ही जीत पाई है. इस फैसले के बाद देखने वाली बात होगी कि जेजेपी के लिए जाटों की क्या प्रतिक्रिया रहती है. चुनावी विश्लेषकों ने कहा है कि भाजपा की कम सीटें आने में जाट समुदाय की निर्णायक भूमिका रही है. 2016 में हुए जाट आंदोलन का गुस्सा भी चुनावी नतीजों में साफ नजर आया.
इसके साथ सिरसा से जीतकर आए गोपाल कांडा के मंत्रिमंडल पद में शामिल किए जाने की खबरों पर भी विराम लगा है. गौरतलब है कि भाजपा की उमा भारती समेत कई वरिष्ठ महिला पत्रकारों ने पीएम मोदी को टैग करके सोशल मीडिया पर अपील की थी कि गोपाल कांडा का साथ लेकर हरियाणा में भाजपा को सरकार नहीं बनानी चाहिए.