नई दिल्ली : मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे को लेकर अखिलेश यादव की नाराजगी को शांत करने के लिए राज्य के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा- गठबंधन में दोस्ताना झगड़े होते हैं. अखिलेश बहुत ईमानदार और पढ़े-लिखे व्यक्ति हैं. कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि एमपी सीट बंटवारे को लेकर कमलनाथ ईमानदारी के साथ किसी समझौते पर पहुंचना चाहते थे.
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे को लेकर विवाद पर कहा, ”कमलनाथ ने क्या कहा, कैसे कहा मुझे नहीं पता. लेकिन किसी के बारे में ऐसा कुछ नहीं कहना चाहिए…”
उन्होंने कहा, “कमलनाथ ने मेरे पास एक टीम भेजी… बैठक में चर्चा हुई कि सपा 6 सीटें मांग रही है… मैंने कमलनाथ को रिपोर्ट भेजी कि हम उनके (सपा) के लिए 4 सीटें छोड़ सकते हैं… मैंने कार्यसमिति की बैठक में केंद्रीय नेतृत्व से यह भी पूछा कि इंडिया एलायंस से हमारा क्या संबंध होना चाहिए…उन्होंने इसे प्रदेश नेतृत्व पर छोड़ दिया… इंडिया एलायंस लोकसभा चुनाव तो साथ मिलकर लड़ेगा लेकिन राज्य चुनाव में हमारे मुद्दे अलग हैं …”
दिग्विजय ने अखिलेश की तारीफ करते हुए कहा, “अखिलेश बहुत ईमानदार व्यक्ति हैं. वे पढ़े-लिखे हैं और पार्टी और परिवार को संभाल रहे हैं… मुझे नहीं पता कि चर्चा कहां गलत हो गई, लेकिन कमलनाथ पूरी ईमानदारी के साथ किसी समझौते पर पहुंचना चाहते थे. दोस्ताना झगड़े गठबंधन में होते हैं…”
गौरतलब है कि अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश में सीट बंटवारा न होने पर कांग्रेस पर भाजपा से मिले होने का आरोप लगाया था और ‘इंडिया’ गठबंधन को लेकर कन्फ्यूजन पैदा करने का आरोप लगाया था.
उन्होंने कहा था कि उन्हें नहीं पता था कि इंडिया गठबंधन केवल राष्ट्रीय स्तर पर ही है, राज्य स्तर पर नहीं.
हालांकि, बाद में अखिलेश ने कहा कि उन्हें कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का मैसेज आया है, जिसमें किसी तरह के विवाद को शांत करने की अपील की है. इसके बाद अखिलेश ने अपने कार्यकर्ताओं से कांग्रेस के खिलाफ किसी भी तरह की अनर्गल बयानबाजी से मना कर दिया.
#WATCH | Bhopal: On seat distribution between SP and Congress in Madhya Pradesh, Congress Leader Digvijaya Singh says, "What Kamal Nath said, I don't know how he said it. But one should not say anything like that about anyone… Kamal Nath sent a team to me… In the meeting, it… pic.twitter.com/O1t8r0FEmv
— ANI (@ANI) October 25, 2023
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कमलनाथ मध्य प्रदेश में सपा के साथ गठबंधन चाहते थे : दिग्विजय सिंह
सोमवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा था कि पार्टी में उनके सहयोगी कमल नाथ अगले महीने होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ ‘पूरी ईमानदारी’ के साथ गठबंधन करना चाहते हैं, लेकिन पता नहीं विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के दोनों घटकों के बीच इस मुद्दे को लेकर बातचीत कैसे पटरी से उतर गई.
सिंह ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की उनके नेतृत्व के गुणों के लिए प्रशंसा की और मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ द्वारा उनके लिए शब्दों के चयन पर असहमति भी जताई.
सिंह ने कहा कि उन्होंने कमलनाथ को सपा के लिए चार विधानसभा सीटें छोड़ने का सुझाव दिया था जबकि सपा आधा दर्जन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारना चाहती थी.
भोपाल में अपने आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए, उन्होंने कांग्रेस और सपा के बीच सीटों की लड़ाई को कम करने की कोशिश की. यह लड़ाई कांग्रेस द्वारा ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक होने के बावजूद सपा को कोई विधानसभा सीट आवंटित नहीं करने के बाद विवाद छिड़ गया.
राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘यह ठीक है…गठबंधन सहयोगियों के बीच दोस्ताना झगड़े होते रहते हैं, लेकिन मैं जानता हूं कि सपा और अखिलेश कभी भी भाजपा के साथ नहीं जाएंगे.’’
पिछले हफ्ते मध्य प्रदेश में गठबंधन नहीं करने के लिए सपा अध्यक्ष द्वारा कांग्रेस नेतृत्व की आलोचना करने के बाद, गठबंधन के मुद्दे पर मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए कमलनाथ ने कथित तौर पर कहा था, ‘‘छोड़िए अखिलेश वखिलेश.’’
दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ द्वारा यादव की आलोचना को अस्वीकृत कर दिया था.
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि उन्होंने (कमलनाथ ने) ऐसा कैसे कहा.’ इंडिया’ गठबंधन के किसी नेता के बारे में ऐसी प्रतिक्रियाओं से बचना चाहिए.’’
राज्यसभा सदस्य ने कहा कि 230 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव के लिए सपा के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस के भीतर चर्चा हुई थी.
दिग्विजय सिंह ने कहा कि कमलनाथ ने दीप नारायण यादव के नेतृत्व वाले सपा नेताओं के साथ चर्चा के लिए कांग्रेस नेता अशोक सिंह को मेरे पास भेजा था. इस कमरे में (भोपाल में उनके निवास पर) हमारी चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि सपा एक सीट बिजावर (2018 के चुनावों में) बुंदेलखंड क्षेत्र में जीती थी और दो अन्य सीटों पर वह दूसरे स्थान पर थी. सपा छह सीटें चाहती थी, और मैंने कमलनाथ को सपा के लिए चार सीटें छोड़ने का सुझाव दिया था.
उन्होंने कहा कि बाद में मामला कांग्रेस कार्य समिति और पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के पास गया, लेकिन उन्होंने (सपा के साथ गठबंधन) का मुद्दा राज्य नेतृत्व पर छोड़ दिया.
दिग्विजय सिंह ने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन अगला लोकसभा चुनाव एकजुट होकर लड़ेगा, लेकिन साथ ही कहा कि राज्यों के चुनाव से जुड़े मुद्दे अलग होते हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि यह बातचीत (मध्य प्रदेश में गठबंधन की) कहां पटरी से उतर गई.’ लेकिन जहां तक कमलनाथ का सवाल है, मैं कह सकता हूं कि वह पूरी ईमानदारी के साथ सपा के साथ गठबंधन करना चाहते थे.’’
सपा ने मप्र में दो दर्जन से अधिक सीटों पर अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है.
कांग्रेस नेता ने सपा संरक्षक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत मुलायम सिंह यादव के साथ अपने मजबूत संबंधों को याद किया.
जब सिंह को बताया गया कि लखनऊ में भावी प्रधानमंत्री के रूप में अखिलेश यादव के पोस्टर लगे हैं तो उन्होंने इस मामले से अनभिज्ञता जाहिर की.
अजय राय के बयान पर पैदा हुआ था तनाव
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस इकाई के प्रमुख अजय राय की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री, अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पार्टी को, सबसे पुरानी पार्टी के पक्ष में मध्य प्रदेश से हटने के लिए कहने पर इंडिया गठबंधन के भीतर तनाव पैदा हो गया था.
इसके जवाब में, एसपी प्रमुख ने आरोप लगाया था कि “कुछ कांग्रेस नेता भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में हैं”, उन्होंने यह भी कहा कि अगर उन्हें पता होता कि “कांग्रेस उन्हें धोखा देगी” तो उन्होंने इस सबसे पुरानी पार्टी पर भरोसा नहीं किया होता.”
उन्होंने आगे कहा, “वह इस तथ्य से अनजान थे कि भाजपा को हराने के लिए इंडिया ब्लॉक का गठन केवल राष्ट्रीय स्तर पर किया गया है और गठबंधन सहयोगी राज्य स्तर पर एक साथ नहीं लड़ रहे हैं.”
हालांकि बाद में अपनी पार्टी कार्यकर्ताओं से कांग्रेस के खिलाफ किसी तरह की बयानबाजी से बचने को कहा है. उन्होंने कहा था, “कांग्रेस के सीनियर नेता का मैसेज उन्हें आया है, जिसके बाद विवाद शांत हो गया है.
वहीं, इस पर प्रतिक्रिया देते हुए आरजेडी नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा था, “…यह कोई मुद्दा नहीं है.”
सपा ने मध्य प्रदेश चुनाव में 31 उम्मीदवारों की घोषणा की
बुधवार को, सपा ने मध्य प्रदेश में 22 और सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की, जिससे कुल संख्या 31 हो गई (एक की उम्मीदवारी रोक दी गई है).
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा था कि अगर कांग्रेस राज्य-स्तरीय गठबंधन (मध्य प्रदेश में) नहीं चाहती है तो वह भविष्य में “राज्य-स्तरीय गठबंधन” (उत्तर प्रदेश में) के लिए तैयार नहीं होंगे. यह बात कांग्रेस द्वारा मध्य प्रदेश में चार सीटों पर उम्मीदवार उतारने के कुछ दिनों बाद आई है, जहां सपा ने पहले ही उम्मीदवारों की घोषणा कर दी थी. अखिलेश की पार्टी ने अगस्त में घोषित छह उम्मीदवारों के अलावा रविवार को चार और उम्मीदवार उतारे.
अखिलेश ने मंगलवार को कानपुर में संवाददाताओं से कहा था, “कांग्रेस को यह बताना होगा कि क्या इंडिया गठबंधन राष्ट्रीय स्तर पर है…अगर यह राज्य स्तर पर नहीं है, तो भविष्य में भी यह राज्य स्तर पर नहीं होगा.”
हालांकि विपक्षी समूह ने अभी तक अपने गठबंधन के तौर-तरीकों पर चर्चा नहीं की है, लेकिन कई नेताओं ने सुझाव दिया है कि यह राज्य-स्तर पर गठबंधन होना चाहिए, न कि राष्ट्रीय स्तर पर, यह देखते हुए कि इंडिया गुट के कई घटक दल एक राज्य में प्रमुख प्रतिद्वंद्वी हैं, लेकिन दूसरे राज्य में एक साथ काम करते हैं.
(न्यूज एजेंसी एएनआई और भाषा के इनपुट्स के साथ)
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