नई दिल्ली: महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल का विस्तार होने के बाद शिंदे सरकार की पहली बैठक बुधवार को मुंबई में होने जा रही है.
महाराष्ट्र मंत्रिमंडल का बहुप्रतीक्षित विस्तार मंगलवार को कुल 18 विधायकों के साथ खत्म हो गया. शिवसेना के शिंदे गुट और बीजेपी के 9-9 विधायक मुंबई के राज भवन में एक भव्य समारोह में मंत्री के रूप में शपथ ली. मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के शपथ ग्रहण के 40 दिनों के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ, राज्य में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार को गिराने वाले पूर्व के नेतृत्व में एक विद्रोह के बाद कल महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट का विस्तार आखिरकार पूरा हो गया.
30 जून को शिंदे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी के रूप में शपथ ली थी. शपथ लेने वाले भाजपा विधायक थे- चंद्रकांत पाटिल, सुधीर मुनगंटीवार, गिरीश महाजन, सुरेश खाड़े, राधा कृष्ण विखे पाटिल, रवींद्र चव्हाण, मंगल प्रभात लोढ़ा, विजयकुमार गावित और अतुल सावे.
शिवसेना के नेताओं में शामिल थे- दादा भुसे, शंभूराजे देसाई, संदीपन भुमरे, उदय सामंत, तानाजी सावंत, अब्दुल सत्तार, दीपक केसरकर, गुलाबराव पाटिल और संजय राठौड़.
28 जून को देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की और उनसे फ्लोर टेस्ट के लिए कहा था. अगले दिन, उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में राज्यपाल को अपना इस्तीफा देने की पेशकश की.
6 अगस्त को, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि अर्ध-न्यायिक मामलों को छोड़कर सचिवों को कोई मंत्री स्तर की शक्ति नहीं दी गई है. राज्य में विपक्ष ने मुख्यमंत्री पर दो सदस्यीय कैबिनेट के रूप में कार्य करने और नौकरशाहों को निर्णय लेने की शक्तियों को डिजाइन करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि इन निर्वाचन क्षेत्रों में शिवसेना के नेता शामिल हैं जो अब टीम शिंदे में शामिल हो गए हैं.
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