गुरुग्राम: हरियाणा में चरखी दादरी पुलिस द्वारा कथित तौर पर एक व्यक्ति की गोमांस खाने के संदेह में पीट-पीटकर हत्या करने के आरोप में सात लोगों को गिरफ्तार किए जाने के कुछ दिनों बाद, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि “गाय का सम्मान करने वाले” ग्रामीणों को ऐसी हरकतें करने से कौन रोक सकता है.
शनिवार को चंडीगढ़ में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सैनी ने कहा, “गाय संरक्षण के लिए विधानसभा में एक सख्त कानून बनाया गया है और इस पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता. अगर ऐसी स्थिति पैदा करने वाले लोग यह समझ लें कि गांवों में लोगों के मन में गाय के प्रति कितनी श्रद्धा है, तो वे समझ जाएंगे.”
उन्होंने कहा, “अगर गांवों से लोग आगे आते हैं, तो उन्हें कौन रोक सकता है? मैं कहना चाहता हूं कि ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए, और वे दुर्भाग्यपूर्ण हैं. मैं लोगों से भी आग्रह करना चाहता हूं कि वे ऐसी हरकतों में शामिल न हों. उन्हें इनसे बचना चाहिए.”
27 अगस्त को, पश्चिम बंगाल से एक प्रवासी जो कूड़ा बीनने का काम करता था, को हरियाणा के चरखी दादरी जिले में कथित तौर पर गौरक्षकों के एक समूह ने पीट-पीट कर मार डाला. शनिवार को सोशल मीडिया पर कथित तौर पर लिंचिंग का एक वीडियो सामने आया. इसमें लोगों का एक बड़ा समूह पीड़ित, जिसकी पहचान साबिर मलिक के रूप में हुई है, को लाठी और डंडों से पीटता हुआ दिखाई दे रहा था. दिप्रिंट वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं कर सका.
भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद धर्मबीर सिंह, जिनके निर्वाचन क्षेत्र चरखी दादरी में आता है, ने इस घटना को “शर्मनाक” बताया और कहा कि वह पुलिस से अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहेंगे.
सिंह ने शनिवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, “यह आश्चर्यजनक है कि लोग ऐसा होते हुए देख रहे हैं. मुझे इसमें गोरक्षा नहीं दिखती. यह राजनीति करने का मुद्दा नहीं है. इस घटना ने मानवता को शर्मसार कर दिया है. मैं पुलिस से बात करूंगा और सख्त कार्रवाई की मांग करूंगा.”
शनिवार को तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि यह घटना “भाजपा द्वारा भड़काई गई नफ़रत से की गई हत्या” है और उन्होंने न्याय की मांग की.
एक्स पर एक पोस्ट में, मोइत्रा ने कहा, “हरियाणा के गौरक्षकों ने बंगाल से आए 26 वर्षीय प्रवासी साबिर को इस संदेह में मार डाला कि उसने गोमांस खाया था. उसके लिए भी न्याय की आवश्यकता है और उसके जैसे अनगिनत लोग भाजपा द्वारा भड़काई गई नफ़रत से मारे गए हैं.”
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए, नूंह से कांग्रेस विधायक आफ़ताब अहमद ने आरोप लगाया कि हरियाणा में कोई कानून-व्यवस्था नहीं है. उन्होंने अपराधियों के खिलाफ़ कड़ी कार्रवाई की भी मांग की.
पुलिस के अनुसार 27 अगस्त को बड़हरा के हंसावास खुर्द गांव में कथित तौर पर गोमांस खाने को लेकर विवाद हुआ. विवाद वहां पर झोपड़ियां बनाकर रहने वाले कुछ प्रवासी परिवारों और अपने आपको गोरक्षा समूह कहने वाले कुछ लोगों के बीच हुआ. यह समूह बड़हरा पहुंचा और झोपड़ियों की तलाशी ली, जिसमें कुछ बर्तनों में मांस मिला.
कथित तौर पर गोरक्षा समूह के सदस्यों ने सबरुद्दीन नाम के एक व्यक्ति की पिटाई की और पुलिस को सूचना दी. बड़हरा के पुलिस अधिकारी वहां मौजूद कई लोगों और मांस को वापस पुलिस स्टेशन ले गए. गोरक्षा समूह ने कार्रवाई की मांग की और बड़हरा निवासियों के खिलाफ मामला दर्ज किया. फिर एक लिखित शिकायत प्रस्तुत की गई और पुलिस ने पहचान के लिए मांस के नमूने लेने के लिए एक डॉक्टर को बुलाया.
हालांकि, इसके बाद गौरक्षक समूह के कुछ सदस्य पुलिस स्टेशन से निकलकर जुई रोड पर स्थित झुग्गियों में चले गए. वहां से, प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) के अनुसार, वे कथित तौर पर साबिर को बड़हरा बस स्टॉप पर कबाड़ देने के बहाने से फुसला के लाए.
जब वह असीरुद्दीन नाम के एक अन्य कूड़ा बीनने वाले के साथ मौके पर पहुंचा, तो दोनों को बुरी तरह पीटा गया. जब स्थानीय निवासियों ने हस्तक्षेप किया, तो समूह के लोग कथित तौर पर दोनों के साथ बाइक पर सवार होकर चले गए, यह दावा करते हुए कि वे पुलिस स्टेशन जा रहे हैं. बाद में उस रात, साबिर का शव भांडवा गांव के पास मिला.
बड़हरा पुलिस ने 28 अगस्त को साबिर मलिक के साले सुजाउद्दीन सरदार की शिकायत के आधार पर हत्या का मामला दर्ज किया. चरखी दादरी पुलिस द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, इस मामले में पांच वयस्कों- अभिषेक उर्फ शाका, रविंदर उर्फ कालिया, मोहित, कमलजीत और साहिल उर्फ पप्पी- और दो नाबालिगों को गिरफ्तार किया गया है. नाबालिगों को फरीदाबाद के एक किशोर गृह में भेज दिया गया.
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