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Sunday, 22 December, 2024
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KCR के बाद बेटे ‘KTR का फार्महाउस’ सुर्खियों में, क्यों इसे ढहाने की बात की जा रही है

पूर्व मंत्री केटी रामा राव का कहना है कि वह केवल फार्महाउस को पट्टे पर दे रहे हैं. इस बीच, सीएम रेवंत रेड्डी की अतिक्रमण विरोधी इकाई HYDRAA अवैध संरचनाओं को गिराने के लिए अभियान चला रही है.

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हैदराबाद: तेलंगाना में राजनीतिक हंगामा खिसक कर एक फार्महाउस से दूसरे फार्महाउस पर पहुंच गया है. पिता केसीआर के फार्महाउस से बेटे केटीआर के फार्महाउस पर.

10 वर्षों तक – 2014 में स्थापित राज्य में टीआरएस-बीआरएस सरकार के दो कार्यकालों के दौरान – तत्कालीन मुख्यमंत्री और बीआरएस अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव का राजधानी हैदराबाद से 65 किलोमीटर उत्तर में स्थित एरावेली फार्महाउस, तेलंगाना में एक प्रमुख पता था.

केसीआर पर अपने बेहतरीन फार्महाउस से राज्य प्रशासन चलाने का आरोप लगाया गया था, जहां वे अक्सर “सप्ताह में एक बार या हर पखवाड़े” आते थे, जैसा कि सीएम के विधानसभा क्षेत्र गजवेल के आस-पास के निवासियों ने प्रमाणित बताया था.

विपक्ष, जिसमें जे.पी. नड्डा जैसे भाजपा नेता भी शामिल थे, ने केसीआर और उनके परिवार पर 1 लाख करोड़ रुपये की कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना के क्रियान्वयन में व्यापक भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि पानी केवल उनके फार्महाउस तक ही पहुंचा.

अब, राज्य में बीआरएस के सत्ता से बाहर होने के साढ़े आठ महीने बाद, केसीआर के बेटे के.टी. रामा राव (केटीआर) से जुड़ा एक फार्महाउस सुर्खियों में आ गया है और इसे ढहाने का खतरा बढ़ गया है.

कथित तौर पर यह फार्महाउस फुल टैंक लेवल (एफटीएल) के भीतर बनाया गया है. हालांकि केटीआर का दावा है कि वह उनका नहीं है, बल्कि उनके द्वारा पट्टे पर लिया गया है.

केटीआर अपने पिता की कैबिनेट में आईटी, उद्योग, शहरी विकास और नगर प्रशासन मंत्री थे. वह 2001 में अपने पिता द्वारा गठित क्षेत्रीय पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में काम करते रहे हैं.

जिस फार्महाउस की बात हो रही है, वह हैदराबाद से करीब 30 किलोमीटर पूर्व में है, जो खूबसूरत उस्मान सागर झील और जलाशय के करीब बना है. 100 साल पहले मूसी नदी पर बांध बनाकर अंतिम निजाम मीर उस्मान अली खान द्वारा बनाया गया यह जलाशय राजधानी के पीने का पानी मुहैया कराने का एक प्रमुख स्रोत है.

तेलंगाना कांग्रेस के नेता, खास तौर पर सीएम ए. रेवंत रेड्डी, केटीआर पर पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करके, एक नाले के चैनल पर अतिक्रमण करके और मंत्री के रूप में अपने पद का दुरुपयोग करके जनवाड़ा गांव में स्थित भव्य फार्महाउस बनाने का आरोप लगा रहे हैं.

सार्वजनिक रूप से मौजूद कुछ तस्वीरों में, बहुत हरियाली वाले इस फार्महाउस के किनारों पर व्यू कटर लगाए गए हैं.

यह फार्महाउस पहली बार मार्च 2020 में तेलंगाना में बीआरएस सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान चर्चा में आया था, जब मलकाजगिरी से तत्कालीन लोकसभा सांसद रेवंत कड़ी पुलिस सुरक्षा के बावजूद साइट पर पहुंचे और अंदर घुसने की कोशिश करने पर उन्हें हिरासत में ले लिया गया था. फार्महाउस को फिल्माने के लिए ड्रोन कैमरों के इस्तेमाल को लेकर भी मामला दर्ज किया गया था.

उस समय पत्रकारों को संबोधित करते हुए रेवंत ने आरोप लगाया था कि केटीआर ने 25 एकड़ में फैले फार्महाउस का निर्माण किया, जो एक लाख वर्ग फीट का निर्मित क्षेत्र है, और निर्माण पर रोक लगाने वाले सरकारी आदेश 111 का उल्लंघन करते हुए, बेनामी तरीके से (दूसरे के नाम पर) निर्माण करवाया.

संयुक्त आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा 1996 में जारी किया गया, आदेश 111 का उद्देश्य उस्मान सागर और उसके निकटवर्ती हिमायत सागर की सुरक्षा को सुनिश्चित करना था. यह झीलों के FTL के 10 किलोमीटर के दायरे में उद्योग और आवासीय कॉलोनियों की स्थापना पर रोक लगाता है. 84 गांवों और 1.32 लाख एकड़ पर लागू यह आदेश जलग्रहण क्षेत्र (कैचमेंट एरिया) की सुरक्षा के लिए है.

हालांकि, पर्यावरण कार्यकर्ताओं द्वारा कड़ी आपत्ति जताए जाने के बावजूद, मई 2023 में केसीआर कैबिनेट ने उस सरकारी आदेश को रद्द कर दिया, जिससे संरक्षित क्षेत्र में बिना किसी बाधा के रियल एस्टेट का विकास हो सके. मामला तेलंगाना उच्च न्यायालय में गया. केटीआर का यह फार्महाउस अब सुर्खियों में है, क्योंकि रेवंत द्वारा गठित विशेष शाखा- हैदराबाद आपदा प्रतिक्रिया और संपत्ति संरक्षण एजेंसी (HYDRAA)-  राजधानी क्षेत्र में अवैध संरचनाओं को ध्वस्त करने के लिए अभियान चला रही है, जिसमें जलग्रहण क्षेत्रों और झील के किनारों पर स्थित अवैध संरचनाएं भी शामिल हैं.

शनिवार को, HYDRAA ने माधापुर में तेलुगु अभिनेता अक्किनेनी नागार्जुन के एन-कन्वेंशन सेंटर के एक बड़े हिस्से को ध्वस्त कर दिया, जो कथित तौर पर एक जल निकाय के FTL पर अतिक्रमण करके बनाया गया था. नागार्जुन ने इसे एक्स पर एक गैरकानूनी कार्य कहा और उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसने कथित तौर पर ढहाए जाने की प्रक्रिया पर रोक लगाने के अंतरिम आदेश पारित किए.

इस सप्ताह की शुरुआत में, रियल एस्टेट एजेंट प्रदीप रेड्डी, जिन्हें केटीआर फार्महाउस का असली मालिक बताते हैं, ने इमारत को ध्वस्त न किए जाने का HYDRAA को निर्देश देने के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया.

अदालत ने ऐसी कोई राहत देने से इनकार कर दिया, हालांकि उसने कथित तौर पर अधिकारियों से नियमों का पालन करने और अंधाधुंध तोड़फोड़ न करने को कहा.

‘मैंने केवल लीज़ पर लिया है’

ऐसे समय में जब बीआरएस कांग्रेस सरकार को “अधूरे कृषि ऋण माफी की वजह से कई जरूरतमंद किसानों को वंचित करने” के मुद्दे पर घेरने की कोशिश कर रही है, तो फार्महाउस का मुद्दा केटीआर को परेशान करने लगा है.

केटीआर ने बुधवार को बीआरएस मुख्यालय में एक प्रेस मीट बुलाई, जहां उन्होंने सीएम रेवंत पर खोखले वादे करके किसानों को धोखा देने का आरोप लगाते हुए लंबी बातचीत की.

हालांकि, पत्रकारों की ओर से उनसे फार्महाउस के बारे में कई सवाल पूछे गए.

उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है कि आप केवल हाइड्रा, हाई ड्रामा में रुचि रखते हैं. लेकिन चूंकि आपने पूछा है और चूंकि कुछ मीडियाकर्मी (और इस तरह जनता) गुमराह हो गए हैं, इसलिए मैं स्पष्ट करना चाहता हूं.”

अपने चुनावी हलफनामे की जांच करने को कहते हुए उन्होंने पत्रकारों से कहा, “मेरे पास अपना कोई फार्महाउस नहीं है. मैंने सात-आठ महीने पहले एक दोस्त से लीज पर एक फार्महाउस लिया था.”

केटीआर ने जिस अवधि का उल्लेख किया है, वह उस समय से मेल खाती है जब बीआरएस राज्य में सत्ता से बाहर थी.

पूर्व मंत्री ने कहा कि अगर कोई गड़बड़ी हुई है और अगर फार्महाउस एफटीएल या बफर जोन के भीतर है, तो “एक पट्टेदार के रूप में, मैं खुद वहां जाकर ढहाने में मदद करूंगा”.

बीआरएस नेता ने कहा, “साथ ही, आइए हम क्षेत्र में कांग्रेस नेताओं द्वारा बनाई गई ऐसी सभी संपत्तियों, महलों का भी दौरा करें और जांच करें.”

ऐसा कहते हुए केटीआर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेलंगाना के राजस्व मंत्री पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी, उनके भाई और कांग्रेस के दिग्गज नेता केवीपी रामचंद्र राव, एमएलसी पटनम महेंद्र रेड्डी, विधान परिषद के अध्यक्ष सुखेंद्र रेड्डी, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मधु यास्की और पार्टी विधायक जी विवेक के नामों का उल्लेख किया.

केटीआर ने कहा, “अगर आप आना चाहें तो हम आपको यह भी बताएंगे कि रेवंत रेड्डी का घर कहां है. मैं सैटेलाइट मैप भेजूंगा. अगर सरकार कार्रवाई करना चाहती है तो हर गलत काम करने वाले को सजा मिलनी चाहिए.”

कांग्रेस नेताओं ने उनके आरोप पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि केटीआर को सक्षम अधिकारियों को सबूत प्रस्तुत करना चाहिए, और जोर देकर कहा कि पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार और HYDRAA पूरी पारदर्शिता के साथ काम कर रहे हैं.

पोंगुलेटी ने शुक्रवार को जवाब देते हुए कहा कि अगर जल निकाय के एफटीएल या बफर जोन में एक ईंट भी पाई जाती है, तो अधिकारी या बीआरएस नेता उनके घर को ढहाने के लिए लिए स्वतंत्र हैं.

सड़क एवं भवन मंत्री कोमाटिरेड्डी वेंकटरेड्डी ने भी केटीआर के दावों को खारिज करते हुए मीडिया से कहा कि उन्होंने केटीआर की पत्नी को कुछ साल पहले जनवाड़ा में फार्महाउस निर्माण की देखरेख करते हुए देखा था.

कोमाटिरेड्डी ने इस बात पर जोर दिया कि वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ए.वी. रंगनाथ की अध्यक्षता वाली हाइड्रा एक प्रवर्तन इकाई है जो राजनीतिक प्रभाव से स्वतंत्र रूप से काम करती है.

दिसंबर में रेवंत के लिए सीएम की कुर्सी खाली करने के बाद से, बीआरएस सुप्रीमो केसीआर गजवेल में अपने पसंदीदा निवास पर समय बिता रहे हैं. हालांकि, विवादास्पद जनवाड़ा फार्महाउस में केटीआर के ठहरने का कोई विज़ुअल सबूत नहीं है.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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