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Saturday, 14 September, 2024
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किसानों पर टिप्पणी के बाद कंगना ने जाति जनगणना पर दिया बयान, बीजेपी ने किया किनारा

कांग्रेस की सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि भाजपा सांसद ने इस मुद्दे पर अपनी पार्टी का रुख स्पष्ट कर दिया है। भाजपा जाति जनगणना पर अपनी बात पर अड़ी हुई है, जबकि प्रमुख सहयोगी दल जदयू और लोजपा इसके पक्ष में हैं, साथ ही विपक्ष भी इसके पक्ष में है।

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नई दिल्ली: भाजपा सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत ने जाति जनगणना की मांग को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है. इसकी वजह से बीजेपी फिर एक बार मुश्किलों में घिर गई है, खासकर तब जब विपक्ष लगातार इस मुद्दे को उठा रहा है.

भाजपा ने खुद को कंगना रनौत के बयान से अलग कर लिया है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरु प्रकाश पासवान ने कहा, “गृह मंत्री ने कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो हम जाति आधारित जनगणना करेंगे। इसलिए कंगना का दावा पार्टी के रुख को नहीं दर्शाता है।”

इस बार के लोकसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत खो चुकी पार्टी जाति जनगणना के मुद्दे पर स्पष्ट तरीके से कुछ नहीं कह पा रही है, हालांकि इसके महत्वपूर्ण गठबंधन सहयोगी – नीतीश कुमार की जेडी(यू) और चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी – ने इसे कराने के लिए काफी दबाव डाला है। विपक्ष की ओर से भी दबाव बढ़ रहा है। भाजपा का कहना है कि वह इसका विरोध नहीं करती है, लेकिन अगली जनगणना में जाति को शामिल करने की मांग पर कोई प्रतिबद्धता नहीं जताती है।

न्यूज चैनल न्यूज24 को दिए इंटरव्यू में रनौत से जब पूछा गया कि क्या जाति जनगणना होनी चाहिए, तो उन्होंने कहा, “बिल्कुल नहीं।”

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि रनौत की टिप्पणियों से संकेत मिलता है कि भाजपा ऐसी जनगणना के खिलाफ है। “भाजपा जाति जनगणना नहीं कराएगी और इसके सख्त खिलाफ है। और ये मेरे शब्द नहीं हैं, बल्कि भाजपा की निर्वाचित प्रतिनिधि कंगना रनौत के हैं… हमने देखा कि कैसे भाजपा के एक सांसद ने इस मुद्दे पर पार्टी का रुख स्पष्ट किया है।”

कांग्रेस के सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म की प्रमुख श्रीनेत ने कहा कि कंगना के विचारों को भाजपा के “आधिकारिक रुख” के रूप में देखा जाना चाहिए, खासकर तब जब वह किसानों के मुद्दे पर उनके बयानों को लेकर हेडक्वार्टर द्वारा हाल ही में की गई फटकार से डरी हुई नहीं दिखीं।

श्रीनेत ने कहा, “अभी तक भाजपा इस मुद्दे से बचने की कोशिश कर रही थी और दूसरों की आलोचना करती रही, लेकिन इस प्रकरण ने स्पष्ट रूप से दिखा दिया है कि भाजपा जाति आधारित जनगणना नहीं कराना चाहती है। हम सभी जानते हैं कि किसानों के आंदोलन पर उनकी टिप्पणियों के लिए पार्टी ने उन्हें पहले ही फटकार लगाई है क्योंकि हरियाणा में चुनाव नजदीक हैं। और फिर उन्होंने जाति जनगणना पर टिप्पणी की। उनके विचारों को भाजपा के आधिकारिक रुख के रूप में क्यों नहीं देखा जाना चाहिए?”

उन्होंने कहा कि भाजपा ने “लोकसभा चुनावों के दौरान आरक्षण खत्म करने का अपना इरादा स्पष्ट कर दिया था”। कांग्रेस नेता ने कहा, “यह ठीक है। भारत के अगले प्रधानमंत्री इसे (जाति जनगणना) करवाएंगे।”

इस सप्ताह की शुरुआत में, रनौत को एक इंटरव्यू के दौरान यह कहने के लिए भाजपा द्वारा फटकार लगाई गई थी कि 2020-21 के किसान आंदोलन में, “लाशें लटक रही थीं और बलात्कार हो रहे थे” और “भारत में बांग्लादेश जैसी स्थिति पैदा करने की योजना थी”।

जब दैनिक भास्कर को दिए गए उनके बयान ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया, तो भाजपा ने खुद को इससे अलग कर लिया और कहा कि वह उनके विचारों से सहमत नहीं है। दिल्ली में अपने मीडिया विभाग द्वारा सोमवार को जारी एक विज्ञप्ति में, हरियाणा में सत्ता में बैठी भाजपा ने कहा कि रनौत की टिप्पणी “पार्टी की राय नहीं है”।

भाजपा ने कहा, “रनौत को भविष्य में ऐसा कोई बयान न देने का निर्देश दिया गया है।”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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