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Saturday, 2 November, 2024
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हरियाणा विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी AAP, CM मान बोले — ‘लोगों के बीच पारिवारिक संबंध मददगार साबित होंगे’

पार्टी शनिवार को जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल की मौजूदगी में अपना घोषणापत्र ‘केजरीवाल की गारंटी’ जारी करेगी.

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गुरुग्राम: आम आदमी पार्टी (आप) आगामी हरियाणा विधानसभा चुनाव में अकेले मैदान में उतरेगी और राज्य की सभी 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी.

पार्टी शनिवार को जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल की मौजूदगी में अपना घोषणापत्र ‘केजरीवाल की गारंटी’ जारी करेगी.

चंडीगढ़ में गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि आप पूरी ताकत के साथ हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ेगी और दिल्ली और पंजाब में अपने शासन के अनुभव का लाभ उठाएगी.

उन्होंने कहा कि हरियाणा की सीमा आप शासित दो राज्यों से लगती है. “पंजाब और हरियाणा की सांस्कृतिक समानताएं हैं और हरियाणा के लोग दिल्ली में किए गए कामों से वाकिफ हैं. इसके अलावा, दोनों राज्यों के लोगों के बीच पारिवारिक संबंध हैं. यह सब पंजाब और हरियाणा के बीच संबंधों को बहुत मजबूत बनाता है.”

पंजाब के सीएम ने पिछले हफ्ते जालंधर पश्चिम विधानसभा उपचुनाव में आप की लगभग 60 प्रतिशत वोटों के अंतर से महत्वपूर्ण जीत और संगरूर, होशियारपुर (भाजपा से छीनी) और श्री आनंदपुर साहिब की तीन लोकसभा सीटों पर जीत का हवाला दिया. उन्होंने इन निर्वाचन क्षेत्रों के नेताओं की मजबूत उपस्थिति स्थापित करने के लिए प्रशंसा की.

मान ने कहा कि यह आप का श्रेय है कि यह महज 10 साल में एक राष्ट्रीय पार्टी बन गई है. उन्होंने कहा कि हरियाणा में कई पार्टियों के होने के बावजूद, किसी ने भी वास्तव में लोगों की सेवा नहीं की, बल्कि अक्सर उनका शोषण किया.

सीएम ने बताया कि अरविंद केजरीवाल की जड़ें हरियाणा में हैं, जिससे आप की संभावनाएं और भी उज्ज्वल हैं. केजरीवाल राज्य के भिवानी जिले के एक छोटे से शहर सिवानी से हैं और उनके चाचा का परिवार अभी भी वहीं रहता है.

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और आप ने क्रमशः 9 और 1 सीट पर चुनाव लड़ा था. आप का वोट प्रतिशत 3.94 प्रतिशत था, जबकि भाजपा का 46.11 प्रतिशत और कांग्रेस का 43.67 प्रतिशत था.

2019 में आप ने दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के साथ गठबंधन किया और हरियाणा में लोकसभा चुनाव में तीन सीटों — करनाल, अंबाला और फरीदाबाद पर चुनाव लड़ा. आप के उम्मीदवारों को क्रमशः 1.7 प्रतिशत, 0.9 प्रतिशत और 0.8 प्रतिशत वोट मिले.

गांवों तक पहुंच, टाउन हॉल की योजना

आप महासचिव संदीप पाठक ने घोषणा की कि पार्टी हरियाणा में हर सीट पर चुनाव लड़ेगी और स्वतंत्र रूप से सरकार बनाने का लक्ष्य रखेगी. उन्होंने बदलाव की जनता की इच्छा और लोगों की उम्मीदों को पूरा करने के लिए आप की प्रतिबद्धता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि भले ही आप सर्वेक्षणों (एग्जिट पोल) में न दिख रही हो, लेकिन सरकार बनाने का उसका रिकॉर्ड अच्छा है.

पाठक ने कहा कि लोकसभा चुनाव में कुरुक्षेत्र से चुनाव लड़ने वाले पार्टी के एकमात्र उम्मीदवार सुशील कुमार गुप्ता को मतदाताओं का अपार समर्थन मिला, लेकिन दुर्भाग्य से वह भाजपा के नवीन जिंदल से हार गए. उन्होंने कहा कि पार्टी पूरे हरियाणा में कुरुक्षेत्र मॉडल का पालन करेगी और सभी-90 सीटों पर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा कि केजरीवाल जेल से बाहर आने के बाद अन्य सवालों का जवाब देंगे.

उन्होंने आश्वासन दिया कि आप इस तरह से चुनाव लड़ेगी कि दुनिया इस पर ध्यान देगी. जन संवाद के जरिए करीब 6,500 गांवों तक पहुंच बनाई जा चुकी है. शनिवार को टाउन हॉल कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें केजरीवाल की ‘गारंटियों’ पर चर्चा की जाएगी.

इस बीच, राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि आप ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला इसलिए किया है क्योंकि हरियाणा के लोगों ने सभी अन्य पार्टियों के शासन का अनुभव किया है. उन्होंने हरियाणा में ‘‘जबरन वसूली और उच्च बेरोज़गारी’’ का हवाला देते हुए मौजूदा ‘‘डबल इंजन’’ सरकार की आलोचना की. उन्होंने सेना में शामिल होने पर पंजाब और हरियाणा के युवाओं के गौरव को रेखांकित किया, अग्निवीर योजना की आलोचना की और इसे वापस लेने की वकालत की. उन्होंने कहा कि यह उनके प्रमुख मुद्दों में से एक होगा.

सिंह ने कहा, ‘‘बीते 10 साल में हरियाणा एक जबरन वसूली उद्योग बन गया है. हमने हरियाणा की सड़कों पर लाठियां देखी हैं. हमने विरोध प्रदर्शनों के दौरान किसानों को कुचलते हुए देखा है. हमने पंजाब और हरियाणा के किसानों की मांगों को कुचलते हुए देखा है. हरियाणा में बेरोज़गारी एक बड़ी समस्या है और अग्निवीर योजना के माध्यम से भारतीय सेना को आउटसोर्स किया गया है.’’

उन्होंने कहा कि आप इन सभी मुद्दों को लेकर हरियाणा में विधानसभा का चुनाव लड़ेगी.

दिप्रिंट के द्वारा संपर्क करने पर कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि उनकी पार्टी का आप के साथ गठबंधन राष्ट्रीय स्तर पर है और यह केवल संसदीय चुनावों के लिए है. उन्होंने कहा, ‘‘विधानसभा चुनावों के लिए हमारा आप या किसी अन्य राजनीतिक दल के साथ कोई गठबंधन नहीं है.’’

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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