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Thursday, 19 December, 2024
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पंजाब में AAP सरकार ने केजरीवाल के बैचमेट को ‘कार्यवाहक DGP’ नियुक्त किया

गौरव यादव ने 1992 में केजरीवाल के साथ सिविल सेवा परीक्षा पास की थी. वह पंजाब के मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रमुख सचिव के रूप में काम कर रहे हैं.

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नई दिल्ली: सोमवार को भगवंत मान सरकार ने 1992 बैच के आईपीएस ऑफिसर गौरव यादव को पंजाब में कार्यवाहक डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) नियुक्त किया. यादव आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सिविल सर्विस में बैचमेट थे.

यादव, जो पंजाब के पूर्व डीजीप पीसी डोगरा के दामाद हैं, ने अभी तक पंजाब के मुख्यमंत्री ऑफिस में बतौर प्रिंसिपल सेक्रेटरी काम कर रहे हैं और भगवंत मान के पुलिसिंग, खुफिया और कानून-व्यवस्था पर मुख्य सलाहकार के तैर पर कार्य किया है. सूत्रों की मानें तो, इस साल मार्च में पंजाब में आम आदमी पार्टी के सत्ता में आने के कुछ दिनों बाद केजरीवाल ने उन्हें इस रोल के लिए चुना था.

ऑफिसर को कार्यवाहक डीजीपी की भूमिका अतिरिक्त जिम्मेदारी के तौर दी गई है.

यादव की शीर्ष पुलिस पोस्ट पर पदोन्नती मंगलवार से शुरू हुई राज्य में पूर्व डीजीपी वीके भवरा के दो महीने की छुट्टी पर जाने की खबर के बाद हुई है. खबर के अनुसार भावरा ने केंद्र में नियुक्ति के लिए आवेदन दिया है.

शीर्ष पद पर यादव की नियुक्ति का आदेश पंजाब सरकार द्वारा सोमवार रात को जारी किया गया था जिसमें लिखा है, ‘श्री गौरव यादव, विशेष डीजीपी (प्रशासन) पंजाब, चंडीगढ़ को श्री वीरेश कुमार भवरा की छुट्टी अवधि के दौरान अपने स्वयं के कर्तव्यों के अलावा, पुलिस महानिदेशक, पंजाब के पद का अतिरिक्त प्रभार दिया जाता है.’

यह नियुक्ति न सिर्फ मान प्रशासन के लिए बल्कि आप के लिए भी अहम है क्योंकि यह केवल पंजाब में है कि पुलिस पर आप सरकार का अधिकार क्षेत्र है. दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश है और पुलिस केंद्र सरकार के अधीन है.

पंजाब सरकार में एक शीर्ष अधिकारी जिन्होंने अपनी पहचान छिपाने की शर्त पर कहा, ‘ पिछले कुछ महीनों में पंजाब गंभीर कानून-व्यवस्था की समस्या से जूझ रहा है. सिद्धू मूसेवाला (गायक और कांग्रेस नेता को मई में गोली मारी गई थी) की हत्या ने खासतौर से चिंता को बढ़ा दिया है. साथ ही, भावरा की थ्योरी कि मूसेवाला की मौत गैंग-वॉर का परिणाम थी जिससे आप के लिए नया विवाद खड़ा हो गया था.’

अधिकारी ने आगे कहा, ‘पिछले महीने संगरूर लोकसभा उपचुनाव में आप की हार की एक मुख्य वजह कानून-व्यवस्था की समस्या रही है. सीएम भगवंत मान ने भी पिछले दो हफ्ते में एक से अधिक बार पुलिसिंग की समस्या पर अपनी नाराजगी जाहिर की है. इसलिए, यह बदलाव उतना हैरान करने वाला नहीं है.’


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पिछले महीने डीजीपी के पद पर प्रोमोट हुए थे

1992 में दिल्ली के मुख्यमंत्री के साथ ही यादव ने भी उसी साल सिविल सेवा परीक्षा पास की थी. यादव आईपीएस बन गए थे, केजरीवाल को भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) में नियुक्त किया गया था, इस नौकरी को छोड़ने के बाद वो पूरी तरह से एक्टिविज्म में सक्रिय हो गए थे और बाद में उन्होंने राजनीति का दामन थाम लिया.

हालांकि, पार्टी के पदाधिकारी और सरकारी अधिकारी दोनों एक दूसरे के समीकरण पर नजर रखते हैं.

मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले यादव 1992 बैच के पंजाब के उन चार आईपीएस अधिकारियों में से एक थे जिन्हें पिछले महीने डीजीपी रैंक पर प्रोमोट किया गया था.

फिलहाल पंजाब में यादव और भवरा समेत 10 डीजीपी रैंक के अधिकारी हैं.

सरकारी अधिकारी ने बताया कि राज्य के आठ डीजीपी-रैंक के अधिकारियों में से पांच यादव से वरिष्ठ हैं – एक 1987 बैच के हैं, वहीं दो 1988 और 1989 बैच के हैं. अधिकारी ने कहा कि पांच वरिष्ठ ऑफिर्स में से एक अगस्त में रिटायर्ड होने जा रहे हैं जबकि दो केंद्रीय में नियुक्ति हैं.

अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में लागू प्रोटोकॉल केमुताबिक राज्य सरकार किसी भी डीजीपी-रैंक के अधिकारी को छह महीने तक राज्य बल के प्रमुख के रूप में पोस्ट कर सकती है. इस अवधि के दौरान, सरकार को योग्य अधिकारियों की एक सूची संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को तीन अधिकारियों को शॉर्ट-लिस्ट करने के लिए भेजनी है, जिनमें से एक को राज्य सरकार द्वारा डीजीपी के पद के लिए चुना जाएगा.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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