नई दिल्ली: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के पुत्र और बाला साहेब ठाकरे के पोते आदित्य ठाकरे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मुंबई की वर्ली सीट से चुनाव लड़ेंगे. वर्तमान में वह शिवसेना की युवा शाखा, युवा सेना के प्रमुख हैं. आदित्य ठाकरे परिवार से चुनाव लड़ने वाले वो पहले सदस्य होंगे.
शिवसेना चीफ के बहुत करीबी के मुताबिक आदित्य ठाकरे का नाम वर्ली सीट से चुनाव लड़ने के लिए चयनित किया गया है, यहां के मौजूदा शिवसेना विधायक सुनील शिंदे उनके लिए अपनी सीट छोड़ने को तैयार हैं.
वर्ली सीट अभी तक सेना के लिए सबसे सुरक्षित सीटों में मानी जाती है. पूर्व एनसीपी नेता सचिन अहीर जो इस सीट के प्रमुख दावेदार थे उन्होंने पिछले दिनों सेना ज्वाइन कर ली जिसके बाद से ठाकरे की जीत यहां के लिए और आसान हो गई है. अहीर ने 2014 का विधानसभा चुनाव शिंदे के खिलाफ लड़ा था.
जब से 1966 में दिवंगत बाल ठाकरे द्वारा शिवसेना की स्थापना की गई है, तब से परिवार के किसी भी सदस्य ने कोई चुनाव नहीं लड़ा है और न ही कोई संवैधानिक पद संभाला है. उद्धव के भाई महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने 2014 में विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी लेकिन बाद में उन्होंने भी अपना मन बदल लिया था.
अगर आदित्य चुनाव जीतते हैं तो वह परिवार के पहले ऐसे सदस्य होंगे जो न केवल चुनाव लड़ेंगे बल्कि लोगों का प्रतिनिधित्व भी करेंगे.
अगर अगले महीने विधानसभा चुनाव के बाद राजग की सत्ता में वापसी होती है तो शिवसेना उन्हें मुख्यमंत्री पद के चेहरे के तौर पर पेश कर सकती है.
उद्धव ठाकरे ने शनिवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शिव सैनिक (पार्टी कार्यकर्ता) को स्थापित करने के लिए अपने दिवंगत पिता बाल ठाकरे को दिए गए वादे को भी याद किया था.
उद्धव का बयान भाजपा के उस बयान के बाद आया है जिसमें वे लगातार यह कह रहे हैं कि राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ही होंगे.
जुलाई में आदित्य ने राज्य में जन आशीर्वाद यात्रा भी लांच की थी जिसमें उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव में मदद करने और लोकसभा चुनाव में दी गई मदद के लिए शुक्रिया अदा किया.
इसी बीच उद्धव ठाकरे ने सेना के नेताओं के लिए ए-बी फॉर्म बांटें. एबी फॉर्म पार्टियों की तरफ से उन्हें दिए जाते हैं, जिन्हें वे चुनाव में उतारने या समर्थन देने वाली हैं.
आदित्य के राजनीति में सीधे उतरने की अटकलें लंबे समय से थीं और लोकसभा चुनाव में भी उन्हें टिकट मिलने की बातें हो रही थीं.
रविवार की सूची में उद्धव ठाकरे ने 9 नाम घोषित किए. 2014 में दोनों पार्टियों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा थी. इस चुनाव में भाजपा ने 260 में से 122 सीटें जीती थीं जबकि सेना 282 सीटों में से 63 सीटें ही जीत पाई थी.