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Saturday, 15 November, 2025
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बिहार में BJP की बड़ी जीत के अगले दिन, पूर्व पावर मंत्री आर.के. सिंह ने दिया इस्तीफा

वरिष्ठ BJP नेता आर.के. सिंह ने शनिवार को इस्तीफा दे दिया. उन्हें पार्टी ने निलंबित कर दिया था. भ्रष्टाचार और शासन को लेकर उनके आरोप चुनाव से पहले ही उन्हें अपनी ही पार्टी के खिलाफ खड़ा कर रहे थे.

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नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता आर.के. सिंह ने शनिवार को इस्तीफा दे दिया. यह इस्तीफा उस वक्त आया जब कुछ घंटे पहले ही पार्टी ने उन्हें “पार्टी-विरोधी गतिविधियों” के लिए निलंबित कर दिया था. यह फैसला एनडीए गठबंधन की बिहार विधानसभा चुनाव में भारी जीत के एक दिन बाद लिया गया.

सिंह, जो बिहार के आरा से पूर्व सांसद रहे हैं, बीते कुछ महीनों से BJP और NDA नेतृत्व, दोनों की आलोचना कर रहे थे और उन्होंने नीतीश कुमार सरकार पर कई तरह के आरोप लगाए थे.

बिहार में एक पावर प्लांट के कमीशनिंग में घोटाले को लेकर उनके आरोपों ने राज्य में चुनाव से कुछ दिन पहले ही बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया था.

बीजेपी ने शनिवार सुबह सिंह को दिए नोटिस में कहा, “आप पार्टी-विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं. यह अनुशासन के दायरे में आता है. पार्टी ने इसे गंभीरता से लिया है. इससे पार्टी को नुकसान हुआ है. इसलिए, निर्देश के अनुसार, आपको पार्टी से निलंबित किया जाता है और आपसे पूछा जाता है कि आपको पार्टी से क्यों न निकाला जाए. इसलिए, कृपया इस पत्र को मिलने के एक सप्ताह के भीतर अपनी स्थिति स्पष्ट करें.”

इस महीने की शुरुआत में, बिहार सरकार की ओर से शुरू किए गए एक थर्मल पावर प्रोजेक्ट में भारी लागत बढ़ोतरी का आरोप लगाते हुए, जिसे अडाणी पावर को विकसित करना था, सिंह ने राज्य सरकार से लंबी अवधि वाले बिजली खरीद समझौते को रद्द करने की मांग की थी.

सिंह, जो पिछले एक साल से अपनी ही पार्टी BJP से टकराव में चल रहे थे, का कहना था कि उनके खिलाफ की जाने वाली अनुशासनात्मक कार्रवाई “सिर्फ यह साबित करेगी” कि पार्टी “भ्रष्ट लोगों के साथ मिली हुई है.”

दिप्रिंट को दिए एक इंटरव्यू में सिंह ने कहा था कि अगर BJP उन पर भ्रष्टाचार उजागर करने के लिए कार्रवाई करती है, तो यह सिर्फ इस बात को साबित करेगा कि पार्टी भी (कथित घोटाले में) शामिल है.

अक्टूबर में, उन्होंने बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे और बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल से जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर के आरोपों पर जवाब देने को कहा था.

किशोर ने आरोप लगाया था कि चौधरी ने चुनावी हलफनामे में अपनी उम्र और शिक्षा के बारे में गलत जानकारी दी और पांडे व जायसवाल का नाम भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी मामलों में शामिल है. इन तीनों नेताओं ने इन आरोपों का खंडन किया.

पूर्व राजनयिक सिंह मनमोहन सिंह सरकार के दौरान गृह सचिव रह चुके हैं. वे 2009 से 2011 तक रक्षा उत्पादन विभाग में सचिव भी रहे. 2013 में वे रिटायर हुए और BJP में शामिल हो गए. वह 2014 और 2019 में आरा से सांसद चुने गए.

उन्होंने 2017 से 2024 तक बिजली और नई व नवीकरणीय ऊर्जा के स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री के रूप में काम किया. 2019 से 2024 तक वे कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री भी रहे. जुलाई 2024 में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया.

1975 बैच के बिहार कैडर के IAS अधिकारी सिंह ने 2024 लोकसभा चुनाव आरा से लड़ा था. पिछले साल उन्होंने दावा किया था कि उनकी चुनावी हार के पीछे ‘एक साज़िश’ थी. उन्होंने कहा कि उन्होंने इस साज़िश के पीछे लोगों के नाम BJP के वरिष्ठ नेतृत्व को बताए हैं और चेतावनी दी थी कि NDA गठबंधन को इन्हें बिहार चुनाव में टिकट नहीं देना चाहिए, वरना वह “अपने तरीके से कार्रवाई करेंगे.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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