रांची: राजस्थान में बीते विधानसभा चुनाव के वक्त एक नारा खूब लगा. लोग कहते थे मोदी तुझसे बैर नहीं, वसुंधरा तेरी खैर नहीं. झारखंड विधानसभा चुनाव में भी हाल कुछ ऐसा ही रहा. बीते लोकसभा चुनाव में इस राज्य ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को जमकर वोट दिया.
हालात ये थे कि लोकसभा के प्रत्याशी को लोग घेर कर पूछ रहे थे कि आखिर पांच साल में एक बार भी क्यों नहीं आए. लेकिन वोट आखिर में मोदी के नाम पर उन्हीं को दिया. परिणाम ये रहा कि कुल 14 लोकसभा सीटों में बीजेपी ने 12 पर जीत हासिल की.
विपक्ष चारों खाने चित्त हो गया था. जेएमएम (झारखंड मुक्ति मोर्च) और कांग्रेस की हताशा बता रही थी कि झारखंड की राजनीति अब कुछ दिन और मोदीमय रहने जा रही है. लेकिन विपक्ष खासकर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने खुद को संभाला. कांग्रेस डगमगाती रही, लेकिन दोनों ने एक-दूसरे का साथ नहीं छोड़ा.
चुनाव के वक्त झारखंड बीजेपी ने नारा दिया था- चलो चलें मोदी के साथ. लोगों ने इसको नकार दिया. कहा – दिल्ली तो मोदी के साथ चलेंगे, रांची में रघुवर का साथ नहीं देंगे.
नहीं चला मोदी का जादू
बीजेपी का यह हाल तब है जब उसके सबसे बड़े स्टार कैंपेनर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुल 9 जनसभाएं की. ये सभाएं पहले चरण के चुनाव से लेकर आखिरी चरण तक हुए हैं.
राज्य में पहले चरण का चुनाव 30 नवंबर को हुआ. इसमें कुल 13 सीटों पर मतदान हुए. पीएम मोदी सबसे पहली चुनावी सभा को संबोधित करने 25 नवंबर को डाल्टनगंज पहुंचे. दूसरी जनसभा को उन्होंने इसी दिन गुमला में संबोधित किया. इसमें डाल्टनगंज से बीजेपी प्रत्याशी आलोक चौरसिया जीत गए हैं. वहीं, गुमला से बीजेपी प्रत्याशी मिसिर उरांव हार गए हैं.
अब दूसरे चरण के लिए कुल 20 सीटों पर मतदान होना था. पीएम मोदी एक बार फिर पहुंचे. इस चरण में इन्होंने 3 दिसंबर को आदिवासी बहुल और पत्थलगड़ी आंदोलन प्रभावित इलाका खूंटी में पहली सभा की. यह उनकी तीसरी सभा थी. चौथी सभा के लिए 3 दिसंबर को ही वह सीएम रघुवर दास के निर्वाचन क्षेत्र और राज्य के सबसे हॉट सीट जमशेदपुर पहुंचे. यहां परिणाम के मुताबिक खूंटी से मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा जीत गए और जमशेदपुर पश्चिमी से रघुवर दास और पूर्वी से देवेंद्र सिंह हार गए हैं.
वहीं तीसरे चरण के चुनाव में कुल 17 सीटों पर मतदान हुए. यहां भी मोदी ने दो जनसभाओं में विपक्षियों पर निशाना साधा. यानी राज्य के अपने पांचवीं सभा में हिस्सा लेने वह 9 दिसंबर को बरही पहुंचे. छठी सभा में शामिल होने वह 9 दिसंबर को ही बोकारो पहुंचे थे. बरही से बीजेपी उम्मीदवार मनोज यादव हार गए हैं और बोकारो से बीजेपी उम्मीदवार और पिछले चुनाव में सबसे अधिक वोट से जीतने वाले विरंची नारायण जीत गए हैं.
अब चौथा चरण आ चुका था. कुल 15 सीटों पर मतदान होने थे. इस बार पीए मोदी 12 दिसंबर को कोयला राजधानी धनबाद पहुंचे. यहां से बीजेपी प्रत्याशी राज सिन्हा जीत गए हैं.
पांचवें और अंतिम चरण में 16 सीटों पर चुनाव होना था. पीएम नरेंद्र मोदी ने दो जनसभाओं को संबोधित किया. सबसे पहले 15 दिसंबर को दुमका पहुंचे थे. इसके बाद सबसे आखिर में 17 दिसंबर को वह बरहेट पहुंचे. दुमका से मंत्री लुईस मरांडी हार गई हैं. बरहेट से सीमोन मालतो हार गए हैं.
वहीं राहुल गांधी ने पांच चरणों वाले इस चुनाव में मात्र चार जगहों पर चुनावी सभाओं को संबोधित किया. इसमें महगामा, सिमडेगा, बड़कागांव, रांची. जिसमें सिमडेगा, बड़कागांव में कांग्रेस को जीत मिली है. वहीं रांची से सटे खिजरी में जीत तो हटिया में उसे हार का सामना करना पड़ा है.
(लेखक झारखंड से स्वतंत्र पत्रकार हैं.)