नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बृहस्पतिवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की घोषणा कर दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी सहित 80 नेताओं को सदस्य मनोनीत किया गया है. वहीं लगातार किसानों के पक्ष में बयान देने वाले भाजपा सांसद वरुण गांधी और मेनका गांधी को कार्यकारिणी में शामिल नहीं किया गया है.
The video is crystal clear. Protestors cannot be silenced through murder. There has to be accountability for the innocent blood of farmers that has been spilled and justice must be delivered before a message of arrogance and cruelty enters the minds of every farmer. 🙏🏻🙏🏻 pic.twitter.com/Z6NLCfuujK
— Varun Gandhi (@varungandhi80) October 7, 2021
भाजपा महासचिव अरुण सिंह की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक कार्यसमिति में 50 विशेष आमंत्रित सदस्य और 179 स्थायी आमंत्रित सदस्य (पदेन) भी होंगे, जिनमें मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, विधायक दल के नेता, पूर्व उपमुख्यमंत्री, राष्ट्रीय प्रवक्ता, राष्ट्रीय मोर्चा अध्यक्ष, प्रदेश प्रभारी, सह प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश महामंत्री संगठन और संगठक शामिल हैं.
भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करती है और संगठन के कामकाज की रूपरेखा तय करती है. कोविड-19 महामारी के चलते लंबे समय से राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक नहीं हुई है.
कार्यसमिति के मनोनीत सदस्यों में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सहित कई केंद्रीय मंत्री, सांसद व वरिष्ठ नेता शामिल हैं.
कार्यसमिति में पूर्व मंत्रियों हर्षवर्धन, प्रकाश जावड़ेकर और रविशंकर प्रसाद को भी जगह दी गई है.
वहीं इस कार्यसमिति में यूपी से भाजपा सांसद वरुण गांधी, मेनका गांधी को शामिल नहीं किया गया है. वरुण गांधी लगातार यूपी हो रहे किसान प्रदर्शन के पक्ष में बोलते रहे हैं. हाल में लखीमपुर खीरी में भाजपा के मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे द्वारा किसानों को थार गाड़ी से कुचलने जाने के वीडियो को गांधी ने झकझोर देने वाला बताया था और दोषियों पर तुरंत कार्रवाई की योगी सरकार से मांग की थी.
प्रदर्शनकारी किसानों के पक्ष में आवाज बुलंद करना हो सकती है वजह
वरुण गांधी लगातार प्रदर्शनकारी किसानों के पक्ष में आवाज बुलंद कर रहे हैं, लगता है यहा पार्टी लाइन के खिलाफ है जिससे उन्हें और उनकी मां मेनका गांधी को नई कार्यसमिति में जगह नहीं मिली है.
वरुण गांधी ने ताजा ट्वीट में लखीमपुर खीरी में भाजपा के मंत्री का किसानों को रौंदने का वीडियो शेयर योगी सरकार से कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने लिखा है, ‘वीडियो से साफ है. हत्या के जरिए प्रदर्शनकारियों को चुप नहीं कराया जा सकता. निर्दोष किसानों के बहाए गए खून की जवाबदेही तय होनी चाहिए. अहंकार और क्रूरता का भाव किसान के दिमाग में आए इससे पहले न्याय दिया जाना चाहिए.
वहीं इससे पहले उन्होंने एक वीडियो ट्वीट किया था जिसमें लिखा था, ‘लखीमपुर खीरी में किसानों को गाड़ियों से जान बूझकर कुचलने का यह वीडियो किसी की भी आत्मा को झखझोर देगा. पुलिस इस वीडियो का संज्ञान लेकर इन गाड़ियों के मालिकों, इनमें बैठे लोगों, और इस प्रकरण में संलिप्त अन्य व्यक्तियों को चिन्हित कर तत्काल गिरफ्तार करें.’
इससे पहले 4 अक्टूबर को एक श्रद्धांजलि पत्र ट्वीट कर गांधी ने लिखा था, ‘लखीमपुर खीरी की हृदय-विदारक घटना में शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. इस प्रकरण में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी से सख्त कार्यवाही करने का निवेदन करता हूं.’
वहीं मुजफ्फरनगर में किसानों की रैली के समर्थन में ट्वीट करते हुए भी एक पत्र जारी किया था, और मांग की थी, ‘किसानों की बुनियादी समस्याओं को इंगित करता मेरा पत्र उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के नाम, उम्मीद है कि भूमिपुत्रों की बात ज़रूर सुनी जाएगी.’
इसके बाद किसानों का गन्ना मूल्य 25 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाए जाने पर वरुण गांधी ने योगी सरकार को बधाई थी, लेकिन इसे 350 रुपये प्रति क्विंटल से 400 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग की थी.
इन सबस से लगता है पार्टी इसे अपनी लाइन के खिलाफ मानकर उन्हें कार्यसमिति से बाहर किया है.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)