पार्टी की एक आंतरिक रिपोर्ट के अनुसार, उम्मीद की जा रही है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में करीब 15 करोड़ युवा पहली बार मतदान करेंगे। कांग्रेस इन नए मतदाताओं को लुभाने के बारे में विचार कर रही है।
नई दिल्लीः कांग्रेस ने पार्टी के युवा अध्यक्ष के साथ युवाओं को लेकर अपने चुनाव अभियान पर काम करना शुरू कर दिया है। पार्टी के युवा अध्यक्ष के लिए यह पहला आम चुनाव है।
पार्टी की एक आंतरिक रिपोर्ट के अनुसार, ऐसी उम्मीद की जा रही है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में 18 से 23 वर्ष की आयु वर्ग के करीब 15 करोड़ मतदाता पहला मतदान करेंगे। कांग्रेस इन युवाओं को लुभाने के तरीकों पर विचार कर रही है।
युवाओं को लुभाने के लिए कांग्रेस द्वारा विभिन्न राज्यों से संबंधित मुद्दों के अनुरूप योजनाबद्ध पहलें की गई हैं। जिनमें कर्नाटक में युवाओं की शिकायतों को हल करने के लिए परस्पर संवाद करना, छत्तीसगढ़ के खराब मोबाइल कनेक्टिविटी वाले रिहाइशी इलाकों में पोस्ट कार्ड और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा बूट शिविरों का आयोजन आदि शामिल हैं।
कांग्रेस की इस पहल में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए पार्टी के पास एक छात्र विंग “भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई)” है।
युवाओं पर जोर क्यों
कांग्रेस का मानना है कि 2014 में पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं ने भाजपा की जीत में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
चुनाव आयोग से प्राप्त आँकड़ों के अनुसार, 2014 में 83.41 करोड़ कुल मतदाताओं में से 11.72 करोड़ नए मतदाता थे।
हालांकि, यह अनुमान लगाना मुश्किल है कितने नए मतदाताओं ने भाजपा को वोट दिया था, लेकिन ऐसा माना जाता है कि भाजपा ने अपने किसी अन्य प्रतिद्वंदी की तुलना में नए युवाओं का अधिक समर्थन प्राप्त किया था।
हाल में यह बात पता चली है कि आगामी मतदान वाले राज्य कर्नाटक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के प्रति राज्य के युवाओं ने एक मिलीजुली प्रतिक्रिया दी है। इससे पता चलता है कि राज्य के युवाओं को लुभाने के लिए कांग्रेस को युवाओं के प्रति कुछ और काम करने की जरूरत है।
कांग्रेस पार्टी के रणनीतिकार और ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रादा ने 1 मई को राहुल गाँधी से मुलाकात की और अपने आउटरीच प्रोग्राम का ब्लूप्रिंट प्रस्तुत किया।
पित्रोदा ने दिप्रिंट को बताया, “आज के समय में किसी भी पार्टी को युवा मतदाताओं के साथ की आवश्यकता है और वह इसी पर काम कर रहे हैं।“
हालांकि आउटरीच प्रोग्राम के ब्लूप्रिंट को अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है और पार्टी कुछ अन्य पहल भी कर रही है।
कर्नाटक पार्टी का अनुमान है कि कर्नाटक में पहली बार मतदान करने वाले युवाओं की संख्या 55 लाख से लेकर 70 लाख तक हो सकती है। जिसके अनुसार प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में 15,000 से 30,000 युवा होंगे।
एआईसीसी की संयुक्त सचिव और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) की प्रभारी रूचि गुप्ता ने कहा कि, “युवाओं की एक सामान्य शिकायत यह है कि उन्हें किसी भी राजनीतिक पार्टी द्वारा गंभीरता से नहीं लिया जाता है।“
उन्होंने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि, “यही कारण है कि हमने कर्नाटक के शहरों में थीम ‘हम सुन रहे हैं’ के साथ टाउन हॉल अभियान प्रारंभ किया है।“
जनवरी में प्रारंभ होने वाले इन सत्रों के एक हिस्से के रूप में, छात्रों और युवाओं को बिना किसी प्रतिबंध के राज्य के युवा कांग्रेस नेताओं के साथ आने के लिए आमंत्रित किया गया था। इन युवा कांग्रेस नेताओं में विधायक और राज्य कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव, राज्य मंत्री प्रियंका खड़गे और कृष्णा बायर गौड़ा शामिल थे।
इसी प्रकार के 100 टाउन हॉलों की योजना बनाई गई थी, लेकिन चुनाव की तारीख घोषित हो जाने के बाद पार्टी के नेता अन्य कामों में व्यस्त हो गए इसलिए पार्टी ने टाउन हॉलों को बंद कर दिया था।
राजस्थान भाजपा शासित राजस्थान में इस साल के अंत में चुनावों का आयोजन किया जाना है, इसीलिए कांग्रेस जून में अपना कैंपस आउटरिट प्रारंभ करेगी, क्योंकि जून से शिक्षा का नया सत्र प्रारंभ होता है कैंपस में नए छात्र (फ्रेशर) पहुँचते हैं। इस कार्यक्रम में शिक्षा, स्वाश्थ्य और नौकरियों पर मुख्य रूप से जोर दिया जाएगा।
छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ में अगले हफ्ते भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) द्वारा एक पोस्टकार्ड अभियान की शुरूआत की जाएगी। बताते चलें कि छत्तीसगढ़ में राजस्थान के साथ ही चुनावों का आयोजन किया जाना है और यहाँ पर वर्तमान में भाजपा सत्ता में है।
इस अभियान के तहत भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) के नेता छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों की यात्रा करेंगे और युवाओं से एक प्रश्न पूछेंगे – क्या आपने अपने जिले में विकास देखा है? विकास या डेवलपमेंट भाजपा के लिए चुनाव का एक अहम मुद्दा है। यदि उत्तरदाता नकारात्मक रूप में अपना जवाब देते हैं तो उनको मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर – विकास कहाँ है? पूछने के लिए कहा जाएगा।
युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए पोस्टकार्ड के उपयोग की पहल अपने में कुछ सवाल लिए हुए है, पोस्टकार्ड संचार का एक काफी पुराना माध्यम है और कई युवाओं ने इसके बारे में सुना तक नहीं होगा। लेकिन कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पुराने प्रचलन वाले पोस्टकार्ड के माध्यम से भाजपा की विकास वाली बात पर तंज कसना ही उनका उद्देश्य है।
गुप्ता का कहना है कि –“छत्तीसगढ़ के एक या दो जिलों को छोड़कर अन्य जिलों में इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं बेहतर नहीं है, जैसे कि अन्य राज्यों में लोग एक-दूसरे से जुड़े हैं। यही कारण है कि हमने पोस्टकार्ड उपयोग करने का फैसला लिया है।“
राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मतदान के कारण पार्टी मध्य प्रदेश के लिए भी एक रणनीति लेकर आई है। मध्य प्रदेश में इस समय भाजपा की सरकार है।
राष्ट्रीय छवि
वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ बातचीत सत्रों के माध्यम से “नीतियों के पीछे राजनीति” की गहरी समझ को बढ़ावा देने के लिए पोस्टकार्ड के साथ चार सप्ताह के बूट शिविरों का भी आयोजन किया जाना है।
पहला शिविर जून में निश्चित किया गया है और “फ्यूचर ऑफ इंडिया” फेलोशिप के लिए आवेदन पत्रों को पहले ही जारी किया जा चुका है। दूसरे शिविर को सर्दियों में आयोजित किए जाने की संभावना है।
गुप्ता ने कहा, “यह एक कार्यक्रम है जो विशेष रूप से युवा नेतृत्व और दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए लक्षित है और हम प्रेरित और वफादार युवाओं को देख रहे हैं।“
उम्मीदवारों की एक श्रृंख्ला का चयन किया गया है जिनके द्वारा संबंधित मुद्दों पर युवाओं को सलाह दी जाएगी – वित्त मंत्री पी चिदंबरम द्वारा बजट पर,पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन द्वारा शहरी विकास पर,सचिन पायलट द्वारा राजनीति पर और दूरसंचार क्रान्ति पर इस क्षेत्र के दिग्गज सैम पित्रोदा द्वारा।
इसमें प्रतिभागियों को राजनीति और नीति की सम्पूर्ण जानकारी देने के साथ विभिन्न क्षेत्रों में कांग्रेस द्वारा किए गए कार्यों को बताने का लक्ष्य रखा गया है।
देश के विभिन्न हिस्सों में भी कर्नाटक जैसे टाउन हॉल आयोजित करने और साधारण जनसमुदाय में नेताओं और कार्यकर्ताओं को एक कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण देने की योजना है।
पित्रोदा ने कहा कि, “आगामी महीनों में हम इसी प्रकार के अन्य कार्यक्रमों के साथ आएंगें।“