अपना फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति सत्यनारायणन ने विधानसभा अध्यक्ष पी. धनपाल के अयोग्य ठहराने संबंधी आदेश को बरकरार रखा.
चेन्नई: सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मद्रास उच्च न्यायालय में नियुक्त तीसरे न्यायाधीश एम. सत्यनारायणन ने गुरुवार को तमिलनाडु विधानसभा के अध्यक्ष के साल 2017 में ऑल इंडिया अन्नाद्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) के 18 विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने के फैसले को बरकरार रखा है.
अपना फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति सत्यनारायणन ने विधानसभा अध्यक्ष पी. धनपाल के अयोग्य ठहराने संबंधी आदेश को बरकरार रखा. इस पर हुई पिछली सुनवाई में खंडित फैसला सामने आया था.
इसके साथ ही 18 सीटों पर उपचुनाव कराने पर लगा प्रतिबंध हट गया है.
अयोग्य ठहराए गए विधायक पार्टी से किनारे किए गए नेता टीटीवी दिनाकरन के साथ हैं. दिनाकरन अब तमिलनाडु विधानसभा के निर्दलीय विधायक हैं.
फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए दिनाकरन ने संवाददाताओं को बताया, “हम 18 विधायकों के साथ चर्चा करेंगे और अगले भावी कदम पर फैसले लेंगे.” उन्होंने कहा कि ‘यह हमारे लिए एक अनुभव है.’
दिनाकरन ने कहा, “अगर 18 अयोग्य विधायक फैसले के खिलाफ अपील करने का फैसला करते हैं तो हम अपील के लिए आगे बढ़ेंगे.”
शीर्ष अदालत ने न्यायमूर्ति विमला की जगह न्यायमूर्ति सत्यनारायणन को नियुक्त किया था. जून में मामले पर खंडित फैसला आने के बाद उच्च न्यायालय ने मूल रूप से न्यायमूर्ति विमला को बतौर तीसरे न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया था.