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Wednesday, 25 December, 2024
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हिमाचल प्रदेश में 1360 वालंटियर के भरोसे AAP के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश में लगे केजरीवाल

दो बड़े नेताओं के भाजपा खेमे में शामिल हो जाने के बाद आप ने इन स्वयंसेवकों को एक महीने के लिए हिमाचल प्रदेश भेजा है, ताकि इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी का फिर से खड़ा किया जा सके.

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नई दिल्ली: एक के बाद एक पार्टी नेताओं के दलबदल कर भाजपा में शामिल हो जाने के बाद से आम आदमी पार्टी हिमाचल प्रदेश में अपने संगठनात्मक आधार के पुनर्निर्माण के लिए संघर्ष कर रही है. इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए पार्टी ने एक महीने तक चलने वाले आउटरीच कार्यक्रम को अंजाम देने के लिए दिल्ली स्थित 1360 वालंटियर के एक समूह को हिमाचल भेजा है.

इस साल मार्च में पंजाब में अपनी प्रचंड जीत के बाद ‘आप’ की नज़र अब गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों पर है. यहां नवंबर-दिसंबर में चुनाव होने की संभावना है. आप की योजना हिमाचल की सभी 68 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की है.

आप के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने मंगलवार को दिप्रिंट को बताया कि स्वयंसेवकों को तीन प्राथमिक कार्य सौंपे गए हैं. पदाधिकारी ने कहा, ‘सबसे पहले उन्हें आप के उस ‘शासन मॉडल’ से लोगों को अवगत कराना है जिसमें स्कूलों, स्वास्थ्य सुविधाओं, जलापूर्ति और कल्याणकारी योजनाओं में सुधार पर ध्यान दिया गया है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘दूसरा, उन्हें लोगों से मिली प्रतिक्रिया को रिकॉर्ड करना है और पार्टी के आंतरिक सर्वे में मदद करनी है. और अपने तीसरे काम के रूप में वे राज्य में ज्यादा से ज्यादा लोगों को स्वयंसेवकों और पार्टी कार्यकर्ताओं के रूप में आप में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने वाले हैं.’


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दलबदल कर भाजपा में जाना

9 अप्रैल को आप की हिमाचल प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अनूप केसरी, संगठनात्मक महासचिव सतीश ठाकुर और ऊना इकाई के अध्यक्ष इकबाल सिंह, सत्ताधारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हो गए थे. जेपी नड्डा और अनुराग ठाकुर, दोनों इसी राज्य से हैं.

इससे महज तीन दिन पहले आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के सीएम भगवंत मान के साथ हिमाचल प्रदेश के मंडी में रोड शो में हिस्सा लिया था. केसरी ने भाजपा में शामिल होने के दौरान कहा कि उन्हें लगता है कि आप के शीर्ष नेतृत्व ने विशेष रूप से मंडी रोड शो के दौरान उनकी ‘अनदेखी’ की.

केसरी के भाजपा में शामिल होने के तुरंत बाद आप नेता और दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने जानकारी दी कि पार्टी ने केसरी के खिलाफ ‘महिला विरोधी’ टिप्पणी करने की शिकायतों पर उनकी सदस्यता समाप्त करने का मन बना लिया है.

11 अप्रैल को हिमाचल में आप के पांच और वरिष्ठ पदाधिकारी अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए. इसके बाद पार्टी को राज्य में अपनी सभी परिचालन इकाइयों को भंग करने और अपने संगठनात्मक ढांचे के पुनर्निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए मजबूर होना पड़ा.

हिमाचल प्रदेश में आप के प्रभारी दुर्गेश पाठक का मानना है कि ये दलबदल राज्य में पार्टी की संभावनाओं पर ज्यादा असर नहीं डाल पाएगा.

पाठक को केजरीवाल के करीबी सहयोगी के रूप में देखा जाता है. उन्होंने दिप्रिंट को बताया, ‘हमारी पार्टी विकास की राजनीति में विश्वास करती है. हम अपने संगठनात्मक आधार को फिर से खड़ा करने और अक्षम नेताओं के बिना भी चुनाव जीतने में बेहद सक्षम हैं.’

वह आगे कहते हैं, ‘इस स्तर पर हमारा उद्देश्य राज्य के कस्बों और गांवों में अपनी पहुंच बनाना, जिलों के इन क्षेत्रों में आप के शासन मॉडल का संदेश फैलाना और कस्बों व गांवों में ज्यादा से ज्यादा लोगों को कार्यकर्ता, स्वयंसेवक और समर्थकों के रूप में आप में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करना है. उसके लिए हिमाचल प्रदेश में सैकड़ों वालंटियर दिन-रात काम कर रहे हैं.’


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‘शुरू से शुरुआत करते हुए’

आउटरीच कार्यक्रम के लिए चुने गए एक हजार से ज्यादा आप स्वयंसेवक 1 से 7 मई के बीच हिमाचल प्रदेश पहुंच चुके हैं. इन सभी ने महीने भर के लिए राज्य में डेरा डाला है. आप के वरिष्ठ नेता ने बताया, ‘उन्हें छोटे-छोटे समूह में हिमाचल प्रदेश के सभी 12 जिलों के कस्बों और गांवों में घर-घर जाने का काम सौंपा गया है.’

आप के एक वालंटियर लक्ष्मीनारायण प्रसाद 21 अन्य लोगों की एक टीम के साथ 6 मई को किन्नौर जिले के लिए रवाना हुए थे. उन्होंने दिप्रिंट को बताया, ‘एक महीने में बहुत काम किया जाना है. अगर आप फिलहाल की स्थिति को देखें, तो हम शुरू से शुरुआत कर रहे हैं. यह एक संकट है लेकिन हमें यकीन है कि हम इससे उबर जाएंगे.’

नाम न जाहिर करने की शर्त पर दिल्ली के एक वरिष्ठ आप पदाधिकारी ने कहा कि राज्य में पुराने नेताओं का जाना, हिमाचल प्रदेश में विस्तार के लिए अपने पैर फैलाने में लगी पार्टी के आठ साल के प्रयासों को एक बड़ा झटका है.

इस मोड़ पर दलबदल के बाद पार्टी को अंतिम समय में रणनीति बनाना जरूरी हो गया है. इतने कम समय में 1360 वालंटियर को राज्य में भेजने का निर्णय इसी रणनीति का एक हिस्सा है. आने वाले दिनों में स्वयंसेवकों का एक और जत्था इस पहाड़ी राज्य में भेजा जाएगा.

आप के राष्ट्रीय विस्तार अभियान का हिस्सा रहे वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि दिल्ली में आप के 49 नगर पार्षदों को भी समूह में हिमाचल प्रदेश जाकर, अगले दो महीने वहां बिताने के लिए कहा गया है ताकि राज्य इकाई के पुनर्निर्माण में मदद मिल सके.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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