नई दिल्ली: दिप्रिंट को पता चला है कि 14 सितंबर को होने वाले, राज्यसभा उपसभापति के चुनाव के लिए, 12 विपक्षी दलों ने राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा की उम्मीदवारी को, अपने समर्थन की पुष्टि कर दी है.
ये दल हैं- कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, शिवसेना, झारखंड मुक्ति मोर्चा, केरल कांग्रेस (एम), कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग.
एक सीनियर कांग्रेस नेता ने नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया कि उनकी पार्टी, और एसपी व डीएमके के कुछ सीनियर नेता, बहुजन समाज पार्टी, और आम आदमी पार्टी जैसे दलों से भी झा को समर्थन देने के लिए बात कर रहे हैं
कांग्रेस लीडर ने कहा, ‘हम सभी विपक्षी दलों से संपर्क कर रहे हैं’.
कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष ने साझा उम्मीदवार के तौर पर झा का चयन किया था, ये सुनिश्चित करने के लिए कि राज्यसभा के उपसभापति का चुनाव बिना मुक़ाबले के न चला जाए.
दिप्रिंट को फोन पर दिए एक इंटरव्यू में झा ने कहा, ‘मैं अपना नामांकन कल दाख़िल करूंगा’.
आरजेडी सांसद को 2018 में राज्यसभा के लिए नामांकित किया गया था.
उपसभापति का पद अप्रैल में जनता दल (युनाइटेड) के सदस्य, हरिवंश सिंह का कार्यकाल पूरे होने पर ख़ाली हुआ था. जेडी(यू) नेता को आगामी चुनाव के लिए, एनडीए का उम्मीदवार नामित किया गया है.
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सूत्रों ने बताया कि झा का नाम, कांग्रेस और एसपी की ओर से इस साल के अंत में होने वाले, बिहार चुनावों पर नज़र रखते हुए सुझाया गया था. झा ने कहा कि कांग्रेस आरजेडी के वरिष्ठ नेतृत्व से संपर्क बनाए हुए थी, जिसने उनके नाम पर फैसला लिया है.
लेकिन, समर्थन के बावजूद झा, एनडीए के उम्मीदवार को हरा नहीं पाएंगे, जब तक 245 सदस्यों के उच्च सदन में, उन्हें 123 वोट नहीं मिल जाते.
साथ मिलकर कांग्रेस और समान सोच वाले अन्य विपक्षी दलों के 91 सदस्य हैं. अगर बीएसपी और आप भी समर्थन दे देते हैं, तो ये संख्या 95 हो जाएगी लेकिन जीत के निशान से, फिर भी 28 वोट कम रहेंगे.
जीतने के लिए इसमें नहीं हैं
झा ने कहा कि ज़्यादा संभावना यही है कि ये एक प्रतीकात्मक लड़ाई होगी, लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि सभी चुनाव जीतने के लिए नहीं लड़े जाते हैं.
‘विपक्षी पार्टियां एक संदेश देना चाहती हैं कि संसदीय लोकतंत्र में सत्ताधारी पार्टी को विपक्ष को साथ लेकर चलना पड़ता है लेकिन वर्तमान के खंडित सियासी माहौल में बीजेपी विपक्ष को सुनने को तैयार ही नहीं है. विपक्ष को बिल्कुल खलनायक बना दिया गया है’.
आरजेडी लीडर ने कहा कि वो चाहे जीतें या हारें लेकिन विपक्ष ने उन पर जो भरोसा जताया है, उस पर खरा उतरेंगे.
एनडीए के लिए आसान राह
विपक्षी सदस्यों की संख्या के मुक़ाबले, बीजेपी के पास 87 सांसद हैं, जो राज्यसभा में किसी भी एक दल की सबसे अधिक संख्या है. एनडीए की कुल संख्या 101 है.
सूत्रों ने कहा कि एनडीए ने बीजू जनता दल, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी और तेलंगाना राष्ट्र समिति जैसे, मित्र दलों से संपर्क किया है, जिनके समर्थन से एनडीए का आंकड़ा 123 पहुंच जाएगा, जो बहुमत का निशान है.
एक सीनियर बीजेडी नेता ने नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट से कहा, ‘बिहार सीएम नीतीश कुमार ने जेडी(यू) के हरिवंश के लिए समर्थन मांगने के लिए, बृहस्पतिवार सुबह ओडिशा सीएम नवीन पटनायक से बात की. हालांकि अभी कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन हम एनडीए उम्मीदवार का समर्थन करेंगे’.
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