प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डॉ. मनमोहन सिंह पर गुजरात चुनाव अभियान के दौरान किए गए कटाक्ष और 2जी मामले को लेकर सरकार से जोरदार जवाबतलब की रणनीति.
नई दिल्ली: राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस गुजरात में चुनाव अभियान के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह पर किए गए कटाक्ष और 2जी घोटाले पर अदालत के फैसले को लेकर संसद में बेहद आक्रामक रुख अपनाने की तैयारी में दिख रही है. संसद का शीतकालीन सत्र 27 दिसंबर को फिर से शुरू हो रहा है. उम्मीद है कि कांग्रेस सदन का बहिष्कार करेगी और सरकार से इन मसलों पर बयान की मांग करेगी.
ऐसा लगता है कि इस बार राहुल गांधी हमेशा की तरह साल के अंत में छुट्टी पर नहीं जाएंगे. सूत्रों का कहना है कि ‘‘अब तक जो स्थिति है उसके मुताबिक तो वे 31 दिसंबर को दिल्ली में ही रहेंगे.’’ पहले जब भी वे इन छुट्टियों पर गए, विरोधियों ने उनकी काफी आलोचना की और उन्हें ‘अंशकालिक राजनेता’ कहकर उनकी खिल्ली भी उड़ाई. लेकिन अब कांग्रेस की अध्यक्षता के उनके दौर में यह संसद का पहला सत्र है और सबकी निगाहें इस बात पर लगी होंगी कि वे मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार का मुकाबला करने की अपनी पार्टी की रणनीति को कितने प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाते हैं.
अगले साल कर्नाटक समेत कई अहम राज्यों के चुनाव होने है. इसलिए कांग्रेस तथा उसके अध्यक्ष एक ऐसे ताकतवर प्रतिद्वंद्वी के रूप में सामने आना चाहेंगे जो भाजपा को जोरदार टक्कर दे सके. इसलिए उम्मीद की जाती है कि आक्रामक रणनीति के तहत कांग्रेस जब भी मुमकिन होगा सदन के कामकाज को रोकने की कोशिश करेगी.
बहुआयामी रणनीति
कांग्रेस में उच्च स्तरीय सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने ‘‘प्रमुख मुद्दो पर भाजपा को घेरने की उग्र रणनीति बना ली है’.’ अपना नाम जाहिर न करने का आग्रह करते हुए एक सूत्र ने ‘दिप्रिंट’ को बताया, ‘‘हम डॉ. सिंह पर प्रधानमंत्री के बयान के लिए न केवल उनसे माफी की मांग करेंगे बल्कि स्पष्टीकरण देने का भी आग्रह करेंगे. हम 2जी फैसले पर बयान की मांग करेंगे कि वर्षों से उसने कांग्रेस की छवि को धूमिल करने का अभियान क्यों चलाया. हम प्रमुख विधेयकों पर ज्यादा चर्चा कराए जाने की भी मांग करेंगे’’.
संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने के बाद से ही कांग्रेस पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ मोदी की टिप्पणियों के मसले को उछालती रही है. मोदी ने आरोप लगाया था कि डॉ. सिंह ने गुजरात में भाजपा को हराने के लिए पाकिस्तान के साथ साजिश की. इसके अलावा 2जी मामले में सभी आरोपियों को बरी करने के विशेष अदालत के फैसले ने भी कांग्रेस को भाजपा सरकार पर हमला करने का मसाला थमा दिया है.
सूत्रों का कहना है कि सरकार पर राफेल सौदे, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह के कारोबार, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे शौर्य डोभाल (जो एक थिंक टैंक चलाते हैं) के खिलाफ कदाचार के मामलों पर भी बयान देने का जोरदार दबाव बनाया जाएगा. कांग्रेसी सूत्रों ने कहा, ‘‘राफेल सौदे पर हम जानना चाहते हैं कि रिलायंस को फायदा पहुंचाने के लिए उसमें फेरबदल क्यों किया गया. जय शाह के मामले में भाजपा को स्पष्ट करना होगा कि उनके बिजनेस मॉडल को लेकर इतनी गोपनीयता क्यों बरती जा रही है’’.
लेकिन कांग्रेस यह भी ध्यान रखेगी कि उसकी छवि एक ‘‘असंवेदनशील या हंगामा पार्टी’’ के तौर पर न उभरे, इसलिए वह ‘‘बेहद महत्वपूर्ण मसलों’’ पर चर्चा की अनुमति भी देगी, जैसा कि उसने ओक्खी तूफान के चलते अतिरिक्त फंड के मसले पर दी थी.
वैसे, सूत्रों का यह भी कहना है कि कांग्रेस मोदी के उक्त बयान को लेकर इसलिए ज्यादा आक्रामक हो रही है क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री “इस मसल को लेकर बेहद व्यथित हैं”. पार्टी के एक नेता ने कहा, “दूसरा कोई होता तो हम इसे चुनावी लफ्फाजी मान कर अनदेखी कर देते लेकिन चूंकि यह बयान एक अति सम्मानित पूर्व प्रधानमंत्री, जो खुद इससे बहुत आहत हैं, के खिलाफ दिया गया इसलिए कांग्रेस इसे सदन में बहुत, बहुत गंभीरता से उठाएगी”.