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Thursday, 21 November, 2024
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राहुल गांधी और सिद्दारमैया ने ऑनलाइन और सड़क पर चलाया चुनावी अभियान

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कांग्रेस की चुनाव प्रसार की गति तेज हो गई है जहाँ वे 12 मई को अपने अंतिम गढ़ों में से एक के बचाव की तैयारी करेगी; सशक्तिकरण-केंद्रित घोषणापत्र जल्द ही जारी होने की उम्मीद है।

नई दिल्लीः12 मई को होने वाले कर्नाटक मतदान से 40 दिन पहले, जहाँ एक नए विधानसभा का
चुनाव होगा, सत्तारूढ़ कांग्रेस ने प्रचार अभियान की गति तेज कर दी है। कांग्रेस अध्यक्ष
राहुल गांधी पूरे राज्य में अपनी बस यात्रा के आखिरी चरण में हैं, जो इस सप्ताह समाप्त हो
जाएगी।

गांधी की बस – एक अभियान मॉडल, जो उन्होंने कुछ सफलता के साथ गुजरात में पहली
बार बस यात्रा की कोशिश की – वह 3 अप्रैल को केंद्रीय कर्नाटक में शिवामोग्गा और
दावणगेरे की यात्रा करेंगे और अगले दिन चित्रदुर्ग जाएंगे। यह यात्रा 7 और 8 अप्रैल को
राज्य की राजधानी बैंगलुरु और आस-पास के क्षेत्रों तक होगी, जहाँ यह समाप्त हो जाएगी।

इस यात्रा में राहुल गांधी ने 15 दिनों से ज्यादा का समय कर्नाटक राज्य में खर्च किया है, जो
हैदराबाद-कर्नाटक और मुंबई-कर्नाटक के क्षेत्रों में फैला हुआ है, जो कि तटीय क्षेत्र और मैसूर
के रूप में जाने जाते हैं। प्रत्येक मॉड्यूल में तीन या चार रिसेप्शन, लोगों के समूह के साथ
बातचीत, और अंत में एक सार्वजनिक भाषण के साथ 25,000-35,000 लोगों को संबोधित
करना शामिल हैं जो कि कभी-कभी बस से ही हो जाती है।

घोषणापत्र

राजधानी में कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि, अगर वीरप्पा मोइली की अगुवाई वाली समिति
बस यात्रा के अंत तक चुनाव घोषणापत्र को अंतिम रूप दे पाती है, तो गांधी 8 अप्रैल को
बेंगलुरू में भी इसे जारी कर सकते हैं।

उम्मीद की जाती है कि कांग्रेस के घोषणापत्र का मुख्य जोर कार्यान्वित योजनाओं और
शहरी बुनियादी ढांचे के विकास के माध्यम से अधिकारहीन लोगों का सशक्तिकरण होगा।

सिद्दारमैया की सोशल मीडिया बुद्धिमत्ता

मुख्यमंत्री सिद्दारमैया केवल जमीन पर ही नहीं बल्कि सोशल मीडिया पर भी कांग्रेस की
मुहिम का नेतृत्व कर रहे हैं। नई दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय से थोड़ी 'बाहरी' सहायता के
साथ, सोशल मीडिया पर बीजेपी द्वारा किए गए प्रत्येक हमले को मुख्यमंत्री की आंतरिक
सोशल मीडिया टीम द्वारा संभाला जा रहा है।

इस का नवीनतम उदाहरण 14 वें वित्त आयोग के तहत फंड आवंटन के मुद्दे पर बीजेपी
अध्यक्ष अमित शाह द्वारा किए गए दावों के बिंदु-दर- बिंदु खंडन है, यह मुद्दा रविवार को
ट्विटर पर रखा गया था।

जहाँ, कांग्रेस की सोशल मीडिया प्रमुख दिव्या स्पंदना, जो कि राज्य से संबद्ध हैं वह इस
अभियान को आगे बढ़ा रही हैं, वहाँ यह भी समझा जाता है कि हमले का नेतृत्व सिद्दारमैया
के बेटे यतींद्र द्वारा किया जा रहा है, जो कि मुख्यमंत्री के गढ़ वरुण से चुनाव लड़ने की
उम्मीद में हैं।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस का यह दृष्टिकोण, कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ पंजाब में
निभाई गई रणनीति के समान है, जिन्हे इस अभियान को अपनी शर्तों पर चलाने की
अनुमति दी गई थी। यहाँ तक कि, उन्होंने व्यक्तिगत रूप से चुनाव रणनीतिकार प्रशांत
किशोर को भी इसमें शामिल किया।

एकमात्र अंतर यह है कि, एक साल पहले पंजाब अभियान के मुकाबले इस अभियान में पार्टी
के नए अध्यक्ष गांधी अधिक शामिल होंगे, और जमीन पर यह चर्चा है कि अब तक जनता ने
उनका अभिवादन किया है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या गांधी अपने 'सड़क अभियान' को जारी रखेंगे या
फिर चुनाव रैली को संबोधित करने के लिए हेलीकॉप्टरों में उड़ान भरेंगे।

विचारधारा यह है कि सड़क प्रचार, इधर-उधर रैलियों को संबोधित करने की तुलना में लोगों से मिलने-जुलने
वाली एक बेहतर चुनाव प्रणाली है क्योंकि चुनावी प्रचार के लिए सड़क प्रचार (रोड शो)
एक बेहतर कार्य है।

इन सभी प्रश्नों का उत्तर प्रचार अभियान के आखिरी चरण में दिया जाएगा, क्योंकि कांग्रेस
अपने अंतिम गढ़ों में से एक का बचाव करने के लिए उतरेगी।

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