शुक्रवार को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम पर आरोप लगाया कि प्रधान मंत्री “चौकीदार” न होकर एक भागीदार।
नई दिल्ली: अपने धमाकेदार संबोधन के बाद राहुल गांधी ने सदन कक्ष को पारकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गले लगाया। ऐसा करने के कुछेक सेकेंड ही पहले उन्होंने अपने भाषण के दौरान नरेंद्र मोदी एवं उनकी सरकार पर निशाना साधते हुए कुछ गंभीर आरोप लगाए ।
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को गले लगाने से पहले कहा, “मैं भाजपा, प्रधानमंत्री और आरएसएस का आभारी हूँ कि उन्होंने मुझे न केवल कांग्रेस का अर्थ समझाया बल्कि एक भारतीय होने का मतलब भी बताया । उन्होंने मुझे हिन्दू होने का मतलब समझाया और मुझे शिवजी का महत्व भी बताया”
शुक्रवार को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान, कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम पर आरोप लगाया कि प्रधान मंत्री “चौकीदार” न होकर एक भागीदार। साथ ही उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि नरेंद्र मोदी ने अपने मित्र कारपोरेट घरानों को अपने पद का दुरूपयोग करते हुए ‘ प्रत्यक्ष लाभ’ पहुंचाए। प्रधानमंत्री स्वयं कह चुके हैं कि वे एक ऐसे चौकीदार हैं जो भ्रष्टाचार का विरोध करेंगे।
गांधी ने व्यवसायी अमोल यादव से महारष्ट्र सरकार की ताज़ा हुई 35,000 करोड़ की डील पर निशाना साधते हुए कहा“प्रधानमंत्री को सदन में यह समझाना और बताना होगा कि आखिर कैबिनेट सुरक्षा कमिटी ने यह 35,000 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड से छीनकर एक ऐसे उद्योगपति को क्यों दे दिया गया जिसने अपने पूरे जीवन में एक अदद हवाई जहाज नहीं बनाया? यह बताते चलें कि इस वायुयान ने कोई सुरक्षा टेस्ट नहीं पास किये हैं।
राहुल गांधी के इन आरोपों का भाजपा सांसदों ने ज़ोरदार विरोध किया जिसके नतीजतन संसद को कुछ मिनटों के लिए स्थगित कर देना पड़ा।
रक्षामंत्री पर आरोप
आगे राहुल गांधी ने रक्षा-मंत्री निर्मला सीतारमन पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने प्रधनमंत्री मोदी के दबाव में आकर देश को यह नहीं बताया है कि भारत हर राफेल जेट की कितनी कीमत चुका रहा है।
उन्होंने कहा, “मैंने स्वयं फ्रेंच राष्ट्रपति से राफेल डील के बारे में बात की है। उन्होंने मुझसे कहा कि जेटों की कीमत को लेकर कोई गुप्त समझौता नहीं हुआ है”
यह सुनते ही भाजपा सांसदों ने हंगामा करते हुए सदन की कार्यवाही बाधित कर दी। निर्मला सीतारमन इस दौरान सदन में स्वयं उपस्थित थीं। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे गोपनीयता संबंधी कारण थे जिनकी वजह से यह जानकारी आम नहीं की जा सकती थी। ये नियम नए नहीं हैं और कांग्रेस की अगुआई वाली यूपीए सरकार के ही बनाये हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री पर बेमतलब चीन जाने का आरोप लगाते हुए कहा, “ प्रधानमंत्री ने अपनी चीन यात्रा के दौरान डोकलम की चर्चा न कर हमारे देश के सिपाहियों के साथ विश्वासघात किया है।”
जुमला हमले
राहुल गांधी ने अपने संबोधन की शुरुआत तेलुगु देशम पार्टी के नेता जयदेव गल्ला से सहानुभूति प्रकट करते हुए ज़रूर की लेकिन साथ ही साथ उन्होंने सरकार पर “जुमला स्ट्राइकस” करने का आरोप भी लगाया।
“मुझे आपके भाषण में दर्द और गुस्सा महसूस हो रहा है। आप “जुमला स्ट्राइक” के शिकार हैं। आप अकेले नहीं हैं, आपके जैसे कई और इन जुमला स्ट्राइकों से पीड़ित हैं।
‘जुमला स्ट्राइक’ को परिभाषित करते हुए गांधी ने कहा: “शुरुआत में यह आपको आपको उत्साह और खुशी का एहसास देता है। फिर एक सदमा लगता है। और उसके बाद आती है भाषणों की बाढ़ ।
“पहला जुमला था कि हर भारतीय के बैंक खाते में पंद्रह लाख रुपये जमा कर दिए जाएंगे। दूसरा जुमला था कि हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार मिलेगा।”
छोटे कारोबारियों का पिटा दिवाला
गांधी ने नोटबन्दी और जीएसटी के माध्यम से सरकार पर लघु उद्योगों को नष्ट करने का आरोप लगाते हुए कहा, “मैं सूरत गया और व्यापारियों से मुलाकात की और उन्होंने बताया कि सरकार ने उन्हें पूरी तरह से बर्बाद करके छोड़ा है।”
Read in English : Rahul Gandhi first tears into PM Modi with a furious speech and then hugs him