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Sunday, 3 November, 2024
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जब गालियां रेवेन्यू जनरेट करेंगी, तो भारत को ‘हिंदुस्तानी भाऊ’ जैसा आइकॉन मिलेगा

हिंदुस्तानी भाऊ का पूरा एपिसोड भी 'अब्यूज कल्चर' की परतें खोलता है जो विज्ञापन, पैसा, प्रसिद्धि, ब्रांड वैल्यू और वायरल कंटेंट जो कि छद्म राष्ट्रवाद से भरा पड़ा है.

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नई दिल्ली: हिंदुस्तनी भाऊ के इन्स्टाग्राम अकाउंट को हटवाने के लिए हज़ारों लोगों को एक साथ मास रिपोर्ट कराना पड़ा. ये एक ऐसा एक्शन था जो प्लैटफ़ॉर्म की गाइडलाइन्स का उल्लंघन करने की वजह से तुरंत प्रभाव से लिया जा सकता था. लेकिन इसके लिए कई ट्विटर ट्रेंड्स और लगातार 48 घंटे तक सोशल मीडिया पर आउटरेज किया गया तब जाकर इन्स्टाग्राम और फ़ेसबुक ने उस गालीबाज अकाउंट को हटाया.

आप इतनी देर बाद लिए गए इस एक्शन के बारे में सोचिए और फिर सोचिए कि इन डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर फेसलेस ट्रोल आर्मी द्वारा पैदा किए गए महिलाओं के लिए डर के बारे में. इन हज़ारों एकाउंट्स को शायद ही कभी बंद किया जाए क्योंकि सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स को महिलाओं द्वारा झेले जाने वाले हैरेसमेंट और बलात्कार व हत्या की धमकियों के बारे में याद दिलाने के लिए एक सेना की ज़रूरत होगी.

हिंदुस्तानी भाऊ का पूरा एपिसोड भी ‘अब्यूज कल्चर’ की परतें खोलता है जो विज्ञापन, पैसा, प्रसिद्धि, ब्रांड वैल्यू और वायरल कंटेंट जो कि छद्म राष्ट्रवाद से भरा पड़ा है. इस कल्चर को हिंदुस्तानी भाऊ के फेसबुक पेज के कमेंट सेक्शन में पोस्टेड मीम बख़ूबी समझाता है- अब देश की रक्षा के बारे में बात करने के लिए आपको एक सैनिक होने की ज़रूरत नहीं है, आप बस कार में बैठकर महिलाओं या चीन या पाकिस्तान जैसे देशों को गाली देने वाला वीडियो लगाकर भी ऐसा कर सकते हैं.

अब्यूज कल्चर- बलात्कार की धमकी देने से लेकर बुली करने तक

ये अब्यूज कल्चर लोगों के रोजमर्रा के जीवन में भी फैल गया है. दिन रात चेस्ट थम्पिंग नेशनलिज्म का झंडा उठाए न्यूज चैनल्स का मुख्य चेहरा बन चुके जनरल जीडी बख्शी ने जब नेशनल टीवी पर अपने पैनेलिस्ट को गाली दी तो जनता को कोई फर्क नहीं पड़ा, ना ही फर्क इस बात से पड़ा कि बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की कथित आत्महत्या के केस के दौरान कुछ भोजपुरी गायक रिया चक्रवर्ती और आलिया भट्ट का बलात्कार करना चाहते हैं.


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और ‘छद्म राष्ट्रवाद’ की आड़ में एक आम नागरिक को अब डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर ये ‘अब्यूज कल्चर’ जस्टिफाइड लगता है. इस कल्चर के तीन मुख्य हथियार हैं- बलात्कार की धमकी, गालियां और बुली करना. फिर चाहे कंगना रनौत सारा अली खान को बुली कर रही हों या शुभम मिश्रा एक महिला कॉमेडियन का का बलात्कार करना चाहते हों या फिर आईटी सेल ट्विटर पर RGKMKB ट्रेंड कराता हो.

वर्चुअल दुनिया के फेंक कमांड़ो

हिंदुस्तानी भाऊ का केस हाल ही में ट्विटर और इन्स्टाग्राम पर हाईलाइट हुआ है. लेकिन इस कल्चर को बढ़ावा देने वाला वो अकेला नहीं है. शौर्य भारद्वाज, जो एक मेनस्ट्रीम बॉलीवुड फ़िल्म में टाइगर श्रॉफ़ के साथ भी दिखा था, ने अपना पूरा करियर ऑनलाइन गालियां देकर बनाया है. ‘मोटिवेशनल’ वीडियो और ‘देशभक्ति’ के नाम पर, लगातार गालियां देना. फेंक कमांडो के लिए वर्चुअल ट्रोल आर्मी है जो लगातार उसे चीयर करती है.

हिंदुस्तानी भाऊ नाम से गाली देने वाले वीडियो बनाने के बाद बिग बॉस 13 में एक स्टार की तरह एंट्री करता है.
शुभम मिश्रा, ने गुज़रात पुलिस को बताया कि वो भी भाऊ की तरह किसी रियल्टी शो में बुलाए जाने का इंतज़ार कर रहा था.

जब अब्यूज रिवेन्यू पैदा करे

सोशल मीडिया का खेल सिंपल है. आप व्यूज लाएंगे तो आपको विज्ञापन मिलेगा और इस तरह आप रिवेन्य जनरेट करेंगे. और दुख की बात ये है कि आजकल नफ़रत भी रिवेन्य जनरेट कर रही है. अब बोलने की आज़ादी का ये रिवेन्यू और व्यू्अरशिप मॉडल है जो छद्म राष्ट्रवाद से ओतप्रोत है. ये बोलने की आज़ादी नहीं बल्कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में नफ़रत को बढ़ावा देना है.


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लेकिन यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि ये अब्यूज एक तरफ़ा नहीं है. जो लोग नफ़रत को काउंटर कर रहे हैं, उनकी भाषा भी नफ़रत से भी भरी है. अब्यूज को काउंटर भी अब्यूज से ही किया जा रहा है. हिंदुस्तानी भाऊ के फ़ेसबुक पेज पर बाढ़ की तरह आए हज़ारों कमेंट‌स इस बात को पुख़्ता करते हैं. ये कमेंट्स भी औरतों को लेकर भद्दी-भद्दी गालियों से ही भरे हुए हैं. ये अब्यूज फ़ेसबुक, इन्स्टाग्राम और ट्विटर वेरिफिकेशन बैज के साथ प्रोमोट करते हैं. उसके बाद ऐसे अकाउंट्स के बंद होने की संभावना भी कम ही रहती है. हिंदुस्तानी भाऊ का उदय, गालियों के इस कल्चर का सही उदाहरण है कि कैसे आज इस कल्चर को लेकर जश्न मनाया जा रहा है. देखते ही देखते कैसे एक ऑनलाइन अब्यूजर जिसके 3.3 मिलियन से भी ज़्यादा इन्स्टाग्राम फॉलोअर्स थे, वो देश के युवाओं के बीच एक ‘कल्ट’ बन गया.

‘यूथ आइकन’

जो लोग सोच रहे हैं कि इन्स्टाग्राम और फ़ेसबुक द्वारा हिंदुस्तानी भाऊ के अकाउंट्स को हटा दिए जाने से सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स से अब्यूज कल्चर ग़ायब हो गया है, तो वो मुग़ालते में हैं. क्योंकि इस अब्यूज क्लचर का कोई एक व्यक्ति योद्धा नहीं है. देश के हज़ारों युवा हैं जो इन सबको अपना आइकन मानकर बैठ गए हैं. ये युवा भाऊ टाइप्स वीडियोज का  बेसब्री से इंतज़ार करने लगे हैं. इन वीडियो के कमेंट आते हैं, ‘भाऊ, आप राजस्थान भी आइए, आप असम भी आइए.’

इन्स्टाग्राम और फ़ेसबुक द्वारा भाऊ के अकाउंट सस्पेंड किए जाने के बाद युवाओं ने उसके नाम के मीम और फ़ैन पेज बना लिए हैं. आपको आश्चर्यचकित नहीं होना चाहिए जब कुछ दिन बाद जब भाऊ को वापस ऑनलाइन दुनिया में लाए जाने के हैशटैग चलाए जाएं. जैसे ही एक अब्यूजिव अकाउंट डिलीट किया जाएगा और उसके बाद हज़ारों वैसे ही नए अकाउंट बना लिए जाएंगे. बिलकुल मैट्रिक्स स्टाइल में. क्योंकि अब्यूज कल्चर की समस्या एक हिंदुस्तानी भाऊ से शुरू या ख़त्म नहीं होती.

(इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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