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Sunday, 8 December, 2024
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स्टालिन के अचानक हिंदी प्रेम के पीछे क्या कारण है? DMK के ट्वीट की टाइमिंग कई सवाल खड़े करती है

डीएमके फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बहुत सारी हिंदी सामग्री शेयर कर रही है और इसी भाषा में अखबारों में लगातार विज्ञापन भी दे रही है.

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1960 के दशक में अपने हिंदी विरोधी आंदोलन के कारण सुर्खियों में आई द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) ने कल समर्थकों और आलोचकों दोनों का ध्यान तब खींचा जब उसने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर हिंदी में पोस्ट किया. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के हिंदी-कैप्शन वीडियो के साथ एक-पंक्ति वाला वीडियो, सनातन धर्म पर उनके बेटे उदयनिधि की भड़काऊ टिप्पणियों के बाद आया है.

पोस्ट का मोटे तौर पर अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है: “जब तक महिलाओं को यह मासिक अनुदान मिलता है, इसका मतलब है कि स्टालिन इस भूमि पर शासन करता है.”

बेशक, इसकी टाइमिंग कई सवाल खड़े करती है. क्या यह उदयनिधि द्वारा की गई गड़बड़ से ध्यान हटाने की कोशिश है, या द्रमुक का इस बात को उजागर करने का प्रयास है कि इसे सीएम का एक तीखा बयान माना जाता है? स्टालिन ने 15 सितंबर को सीएन अन्नादुरई के जन्मदिन पर एक लोकप्रिय सामाजिक कल्याण योजना की शुरुआत करते हुए यह टिप्पणी की थी.

Screenshot of DMK's Hindi tweet | X/@arivalayam
एक्स पर डीएमके के हिंदी में किए गए पोस्ट का स्क्रीनशॉट | एक्स/@arivalayam

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स्टालिन की प्रेरणा क्या है?

तमिलनाडु सरकार व्यापक रूप से पढ़े जाने वाले हिंदी दैनिक अखबारों में हिंदी विज्ञापन प्रसारित कर रही है. इसके अलावा, डीएमके ने फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बहुत सारी हिंदी सामग्री पोस्ट करना शुरू कर दिया है. क्या यह भारत के सत्ता में आने की स्थिति में उत्तर-भारतीय राज्यों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाकर राष्ट्रीय मंच पर खुद को स्थापित करने का पार्टी का प्रयास है? यह स्पष्ट रूप से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल की तरह ही प्रमुख विभागों में हिस्सा चाहता है.

क्या इसका मतलब यह है कि द्रमुक अपने लोकप्रिय हिंदी विरोधी रुख से समझौता करेगी? यह एक्स पोस्ट एक सीएम की है, जिन्होंने एक बार 2019 के हिंदी दिवस पर गृह मंत्री अमित शाह के इस बयान पर कि “हिंदी देश में सबसे अधिक पढ़ी और समझी जाने वाली भाषा है, स्टालिन ने जवाबी हमला बोला था कि यह “इंडिया है, हिंदिया नहीं”. और अब, हम देख रहे हैं कि उनकी पार्टी हिंदी में पोस्ट कर रही है और तमिलनाडु की विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आश्चर्यजनक रूप से इसका स्वागत कर रही है. बीजेपी इसे सकारात्मक बदलाव के तौर पर देख रही है. पार्टी के राज्य उपाध्यक्ष नारायणन तिरुपति ने मुझसे कहा कि इस तरह के “हृदय परिवर्तन का हमेशा स्वागत है”.

स्टालिन ने भाजपा पर “अपनी विफलताओं और भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए” सनातन धर्म का मुद्दा उठाने और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट से जनता का ध्यान भटकाने का आरोप लगाया था. उदयनिधि ने कहा था, “भाजपा कैग की रिपोर्ट पर चुप है, जिसमें 7.5 लाख करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है.”

कोवई सत्यन जैसे अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एआईएडीएमके) के नेताओं ने मुझे बताया कि हिंदी में पोस्ट करने में डीएमके की अचानक दिलचस्पी राज्य में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापों से ध्यान हटाने का एक हताश प्रयास है. अन्नाद्रमुक ने ओणम पर केरलवासियों के लिए मलयालम शुभकामना वीडियो जारी करने के लिए स्टालिन का मज़ाक उड़ाया और कहा कि अगर वो हिंदी में पोस्ट कर सकते हैं, तो वो गणेश चतुर्थी या दिवाली या राम नवमी पर उत्तर भारतीयों को शुभकामनाएं क्यों नहीं दे सकते?

डीएमके के हिंदी पोस्ट पर एक्स यूजर्स की ओर से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आई हैं. कुछ लोगों ने स्टालिन के वीडियो में हिंदी कैप्शन की ज़रूरत पर सवाल उठाए हैं, जबकि अन्य ने उदयनिधि की पुरानी तस्वीरें खोज निकाली हैं, जहां उन्हें “हिंदी थेरियथु पोडा (मैं हिंदी नहीं जानता)” नारे वाली टी-शर्ट पहने देखा गया था.

द्रमुक के हिंदी पोस्ट पर किसी का दृष्टिकोण चाहे जो भी हो, यह पार्टी के दृष्टिकोण में एक उल्लेखनीय बदलाव का प्रतीक है, जिसका हिंदी पट्टी के लोग स्वागत कर सकते हैं, लेकिन यह देखना बाकी है कि क्या स्टालिन और उनकी पार्टी बंगाली, उड़िया, गुजराती, मराठी और असमिया भाषियों तक इसी तरह की पहुंच बनाएगी.

(लेखक का एक्स हैंडल @RAJAGOPALAN1951 है. व्यक्त किए गए विचार निजी हैं.)

(संपादन: फाल्गुनी शर्मा)

(इस लेख को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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