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Monday, 6 May, 2024
होममत-विमतआखिर क्यों हुई वर्ल्ड कप से ऐन पहले विराट कोहली की इतनी बड़ी हार?

आखिर क्यों हुई वर्ल्ड कप से ऐन पहले विराट कोहली की इतनी बड़ी हार?

आईपीएल में विराट कोहली की टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का खराब प्रदर्शन जारी है. अब तक खेले गए पहले 6 के 6 मैचों में उसे हार का सामना करना पड़ा है.

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आईपीएल में विराट कोहली की टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का खराब प्रदर्शन जारी है. अब तक खेले गए पहले 6 के 6 मैचों में उसे हार का सामना करना पड़ा है. आरसीबी को अभी 8 लीग मैच खेलने हैं. लेकिन अब तक खेले गए आईपीएल के 11 सीज़न में पॉइंट टेबल का गणित बताता है कि तकनीकी तौर पर अब आरसीबी की टीम प्लेऑफ की रेस से बाहर है. एक करिश्मा ज़रूर हो सकता है अगर विराट कोहली की टीम अगले 8 के 8 लीग मैच जीत ले. रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के मौजूदा प्रदर्शन से ये लक्ष्य करिश्मा नहीं बल्कि सुपर करिश्मा लगता है. सच्चाई ये है कि रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के प्रदर्शन को लेकर पहले से ही संशय था.

आईपीएल के 12 साल के इतिहास में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम एक बार भी खिताब नहीं जीत पाई. 2009, 2011 और 2016 में रॉयल चैलेंजर्स की टीम ने फाइनल तक का सफर जरूर तय किया लेकिन खिताब नहीं जीत पाई. रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम में एक से बढ़कर एक दिग्गज खिलाड़ी रहे लेकिन ये टीम फिसड्डी ही रही. महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी कप्तानी में चेन्नई को तीन बार खिताब दिलाया, रोहित शर्मा ने मुंबई को तीन बार खिताबी जीत दिलाई, गौतम गंभीर ने भी कोलकाता को 2 बार चैंपियन बनाया लेकिन विराट कोहली और उनके पूर्ववर्ती कप्तान इस मुकाम को कभी भी हासिल नहीं कर पाए. अब इस मुकाम को हासिल करने का इंतजार अगले सीजन तक के लिए बढ़ गया है.

पहले 6 ओवर का फर्क देखिए

टी-20 फॉर्मेट में पहले 6 ओवर यानि पहले पॉवर प्ले का खेल ही कई बार निर्णायक साबित होता है. यानि 20 ओवर के मैच में जो टीम पहले 6 ओवर में बेहतर प्रदर्शन करती है वो जीत जाती है. ये दुर्भाग्य ही है कि पहले 6 ओवर में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम बल्लेबाज़ी या गेंदबाज़ी दोनों में ज़्यादातर मैचों में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाई. सीज़न के पहले मैच में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर पहले 6 ओवर में 33 रन पर 2 विकेट गंवा चुकी थी. मुंबई के खिलाफ दूसरे मैच में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने पहले 6 ओवर में 1 विकेट खोकर 60 रन बनाए तो उसके गेंदबाजों ने बिना कोई विकेट लिए 52 रन लुटा दिए. हैदराबाद के खिलाफ तीसरे मैच में गेंदबाज़ों ने बिना कोई विकेट लिए पहले 6 ओवर में 59 रन दे दिए थे.

जब बल्लेबाज़ी की बारी आई तो रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के बल्लेबाज़ पहले 6 ओवर में 30 रन पर 3 विकेट गंवा चुके थे. चौथे मैच में राजस्थान की टीम के खिलाफ रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने पहले 6 ओवर में बिना विकेट खोए 48 रन बनाए जबकि राजस्थान ने पहले 6 ओवर में बिना कोई विकेट खोए 55 रन बना लिए थे. रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का पांचवां मैच इस कसौटी पर अपवाद है जब कोलकाता नाइट राइडर्स के आंद्रे रसेल ने 13 गेंद पर 48 रन बनाकर आखिरी ओवरों में जीत छीन ली. छठे मैच में भी रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने पहले 6 ओवर में 40 रन पर 2 विकेट गंवा दिए थे जबकि दिल्ली की टीम ने पहले 6 ओवर में 1 विकेट खोकर 53 रन बनाए. ये आंकड़े बताते हैं कि लगभग सभी मैचों में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम पहले 6 ओवर में ही बाजी गंवा चुकी थी.

गेंदबाज़ों के आंकड़े भी बने इस दुर्गति की वजह

इस सीज़न में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खराब प्रदर्शन की जड़ में उसके गेंदबाज़ हैं. रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के दोनों तेज़ गेंदबाज़ यानि उमेश यादव और मोहम्मद सिराज ने काफी निराश किया. उमेश यादव ने 4 मैचों में 8.49 की इकॉनमी से रन दिया. उन्हें सिर्फ 2 विकेट मिली. मोहम्मद सिराज ने 6 मैचों में 8.58 की औसत गेंदबाजी की. उन्होंने 5 विकेट लिए. टिम साउदी ने जो 2 मैच खेले उसमें 14 से ज्यादा की इकॉनमी से रन दिए. नवदीप सैनी की तारीफ जमकर हो रही है लेकिन उनका स्ट्राइक रेट भी करीब 8 का है. वैसे रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को इस बात को भी स्वीकार करना चाहिए कि उसके बल्लेबाज़ भी इस सीज़न में अपने रुतबे के हिसाब से प्रदर्शन नहीं कर पाए. कुल मिलाकर सच्चाई ये है कि 2019 विश्व कप से ऐन पहले टीम इंडिया के कप्तान ज़बर्दस्त तनाव में हैं और ये तनाव लगातार 6 हार का है. जो अब उनके नाम पर दर्ज हो चुकी है.

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