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Monday, 18 August, 2025
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Subscriber Writes: बदलते आधुनिक परिवेश में रिश्तों से उठता भरोसा

आधुनिक होना ठीक है, लेकिन आधुनिकता की आड़ में नैतिकता को खत्म करना और नैतिक मूल्यों से समझौता करना किसी भी सभ्य समाज में ठीक नहीं है.

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आजकल के समय में रिश्ते बिगड़ने के कई कारण हैं. हमारा समाज आधुनिकता की दौड़ में इतनी तेजी से आगे बढ़ रहा है कि वह रिश्तों की अहमियत को नहीं समझ रहा. जब व्यक्ति व्यक्तिगत सोच रखकर सिर्फ व्यक्तिगत विकास के लिए काम करेगा, तो समाज पीछे छूट जाएगा, परिवार पीछे छूट जाएगा.

आधुनिक होना ठीक है, लेकिन आधुनिकता की आड़ में नैतिकता को खत्म करना और नैतिक मूल्यों से समझौता करना किसी भी सभ्य समाज में ठीक नहीं है. आजकल के समय में वैवाहिक रिश्ते भी नहीं चल पा रहे हैं. कहीं पत्नी द्वारा पति की हत्या तो कहीं पति द्वारा पत्नी की हत्या, कहीं मां द्वारा बेटे की हत्या तो कहीं बेटे द्वारा मां की हत्या, ये सारे संबंध आज खतरे में दिखाई दे रहे हैं.

अब प्रश्न यह उठता है कि क्या ये समस्याएं आज घटित हो रही हैं और घटित हो रही हैं तो इसके पीछे कारण क्या हैं? यह कहना कि समस्याएं आज घटित हो रही हैं, पूर्णतः सत्य नहीं है. हर समाज में अच्छे और बुरे लोग रहे हैं. शायद पहले इंटरनेट नहीं था, मीडिया नहीं था, सोशल मीडिया नहीं था, तो घटनाएं घटती थीं लेकिन लोगों तक नहीं पहुंचती थीं.

रिश्तों से उठते भरोसे के कारण

  1. आजादी और स्वंत्रता छिन जाने का भय या डर: आजकल हर व्यक्ति स्वतंत्र रहना चाहता है. आजादी सबको प्यारी है. . कोई भी दबाव में जीवन व्यतीत नहीं करना चाहता.

2. संवाद का अभाव: तकनीक के इस दौर में हर व्यक्ति के पास फेसबुक पर 5000 दोस्त होते हैं, सोशल मीडिया पर लाखों लोग होते हैं, लेकिन असल जीवन में वह व्यक्ति तन्हा है, अकेला है. आजकल जब व्यक्ति घर पर होते हैं, पांच सदस्य होते हैं, लेकिन पांचों के पास अपना-अपना मोबाइल फोन होता है, कोई किसी से बात नहीं करता है. संवाद खत्म हो चुका है. जिस भी समस्या का समाधान बैठकर किया जा सकता था, आज वह सारी समस्याएं गलतफहमी और अविश्वास का रूप धारण कर रही हैं और व्यक्ति जब इससे परेशान हो जाता है, तो वह गलत कदम उठाता है.

3. तनाव और दबाव: व्यक्ति आजकल कम समय में ज्यादा तरक्की चाहता है. यह 20-20 का दौर है, जहां टेस्ट मैच देखने की क्षमता किसी में नहीं है. मोबाइल फोन ने हम सबके धैर्य को खत्म कर दिया है. 2 मिनट के रिल्स ने हर व्यक्ति को यह बता दिया है कि पूरी जिंदगी दो मिनट में है, और हम हर समय चमत्कार के चक्कर में लगे रहते हैं. इससे मानसिक द्वंद का शिकार हर व्यक्ति होता जा रहा है.

रिश्तों में भरोसा और अपराध: एक जटिल समस्या

अब इसके समाधान पक्ष भी है, हर समस्या का समाधान है. अपने परिवार से सहज होकर तथा खुलकर बात करना चाहिए. परिवार को भी यह नैतिक जिम्मेदारी है कि हर एक सदस्य की बात सुने और सही मशवरा दे. ईगो और घमंड से रिश्ते बर्बाद हो जाते हैं, इसलिए रिश्ते निभाने के लिए घमंड को छोड़ देना चाहिए, लेकिन अपना आत्मसम्मान बना कर रखना चाहिए.

आजकल सबसे बड़ी समस्या यह है कि हर व्यक्ति टूटना पसंद करता है, लेकिन झुकना पसंद नहीं करता है. रिश्तों को बचाने के लिए हमें झुकना भी सीखना होगा और एक दूसरे के प्रति समझदारी और सहानुभूति दिखानी होगी.

हाल ही में घटित घटनाएं, जैसे कि पत्नी द्वारा पति की हत्या और हनीमून पर ले जाकर पति की हत्या, ने सबको झकझोर कर रख दिया है. इन घटनाओं में शामिल हर व्यक्ति को सजा मिलनी चाहिए, ताकि इस तरह के अपराध रोके जा सकें. ड्रम वाली घटना की बात करें तो उसमें ड्रग्स का एंगल आता है. ड्रग्स के लत लगने पर व्यक्ति का कंट्रोल उसके दिमाग पर नहीं रहता, यह वैसे रास्ता है जहां से आना संभव नहीं है, आपकी बर्बादी निश्चित है, आपके साथ-साथ कई लोगों का जीवन बर्बाद हो सकता है.

आंकड़े और वास्तविकता

एनसीआरबी की रिपोर्ट और नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के अनुसार, आज भी हमारे समाज में महिलाओं के अनुपात से पुरुषों का अनुपात हत्या के मामले में ज्यादा है. 2011 के आंकड़े के अनुसार अगर 100 हत्या हो रही है तो उसमें 95 हत्या पुरुष करता है और 4 से 5 हत्याएं महिलाएं करती हैं. लेकिन पिछले कुछ दिनों से अनुपात बदल गया है, अब अगर 100 में 93 हत्या पुरुष करता है तो 6 से 7 हत्याएं महिलाएं द्वारा की जा रही हैं.

अतः अपराध की दुनिया में महिलाओं का बढ़ता सक्रिय कदम चिंता का विषय है लेकिन भरोसा कायम रखें अपने स्तर पर परिवर्तन लाएं अच्छे रिश्ते बनाएं अच्छा माहौल बनाएं। रोशनी प्राप्त है अंधेरा नहीं हैं.

सबको सफल होने का अधिकार है, लेकिन किसी की जिंदगी को खत्म करने का अधिकार किसी को नहीं है. हमें अपने रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए काम करना होगा और एक दूसरे के प्रति विश्वास और समझदारी दिखानी होगी.

(इस लेख को ज्यों का त्यों प्रकाशित किया गया है. इसे दिप्रिंट द्वारा संपादित/फैक्ट-चैक नहीं किया गया है.)


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