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Thursday, 25 April, 2024
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पाकिस्तान में भी अब जी20 है, इसे गरीब 20 कहा जाता है

बम, चिट फंड, अल्लाह- आईएमएफ के सफल न होने की स्थिति में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए घरेलू उपचार.

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कल रात पाकिस्तान में ईंधन की कीमतों में 22 रुपये की बढ़ोतरी के साथ, वसंत का स्वागत करने के लिए महंगाई की एक नई लहर शुरू हो गई है. देश भर के कपड़ों की दुकानों में नए गर्मियों के कलेक्शन भी हम पर बमबारी कर रहे हैं. यह आप पर है कि आप खाने, पहनने और प्रार्थना करने के बीच चुनाव करें. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देश को आश्वासन दिया है कि वह हमें खिलाने के लिए अपने कपड़े बेचेंगे, लेकिन मुझे आश्चर्य है कि उन्हें खरीदेगा कौन. मैं नहीं, कम से कम पैसों की कमी के लिए, बिल्कुल.

G20 बनाम गरीब20

‘पाकिस्तान यहां कैसे पहुंचा?’ एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब हर किसी के पास अलग होता है. अब तक इसे कैसे चलाया गया है, इस पर विचार करते हुए, यह कहां पर है, अगर यह नहीं है, तो यह और कहां पहुंचेगा? सुपरपावर नहीं लेकिन निश्चित रूप से सुपर पावर-लेस . लेकिन सब कुछ खत्म नहीं हुआ है- 2047 वह साल है जब पाकिस्तान एक आर्थिक महाशक्ति बनेगा. उन्होंने कहा, अब हमें बस इतना करना है कि चौबीस घंटे बीतने के लिए 24 साल का इंतजार करना है और फिर हम दुनिया पर राज करेंगे.

इस इंतजार की घड़ी में पाकिस्तान को भारत की आर्थिक प्रगति की तरफ बिल्कुल भी नहीं देखना चाहिए. इससे हमारा क्या भला होगा? अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया कि कैसे एयर इंडिया-बोइंग डील अमेरिकियों को एक लाख रोजगार देगा. ब्रिटेन को पीछे छोड़कर भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. तब देश को कश्मीर में लिथियम के भंडार मिले, जबकि ‘कश्मीर बनेगा पाकिस्तान’ अभी भी एक निराधार विचार है. भारत के पास जी20 की अध्यक्षता है, पाकिस्तान को इससे कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए. हमारे देश के पास जी20 की अपनी लीग है, जिसे ग़रीब 20 के रूप में जाना जाता है. अब यह देखते हुए कि सऊदी अरब नो-स्ट्रिंग्स सहायता नीति का पालन नहीं करेगा, पाकिस्तान के लिए लाभ के वास्ते कोई मित्र नहीं बचा है.


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खाओ, प्रार्थना, बम

‘कुछ न कर कुछ ना कर तू, सब कुछ अल्लाह पे छोड़ दे, बस अल्लाह ही तेरा हाफिज है’ एक गीत से उधार लिया गया पाकिस्तान का आदर्श वाक्य है. इसलिए हम वित्त मंत्री इशाक डार को राष्ट्र को सांत्वना देते हुए सुनते हैं और दोहराते हैं कि अल्लाह ने पाकिस्तान बनाया है, इसलिए पाकिस्तान की समृद्धि और विकास के लिए अल्लाह जिम्मेदार है. जैसा उन्होंने कहा, सब कुछ ऊपर वाले पर छोड़ दो और शांत हो जाओ. वित्त मंत्री के लिए, भविष्य कुछ भी हो लेकिन अंधकारमय है. उन्हें अगला धार्मिक मंत्रालय का प्रभार दिया जाना चाहिए.

अति दक्षिणपंथी समूह तहरीक-ए-लब्बैक (टीएलपी) अर्थव्यवस्था के लिए इस्लामी उपायों से बहुत दूर नहीं है. ऐसे मौकों पर जब टीएलपी नेता धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हिंसा भड़काने में व्यस्त नहीं होते हैं, वे आर्थिक संकटों को हल करने के लिए ज्ञान साझा करते हैं. ऐसे ही एक शेख़ी में, टीएलपी नेता साद हुसैन रिज़वी ने सरकार को पैसे के लिए दुनिया से भीख मांगने और यहां तक कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख को ऐसी यात्राओं पर ले जाने के लिए फटकार लगाई है.

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उन्होंने कहा, ‘मेरा सुझाव है कि प्रधानमंत्री और उनके मंत्रिमंडल को एक हाथ में क़ुरान और दूसरे हाथ में एटम बम सूटकेस लेना चाहिए, फिर देखें कि वे सभी पाकिस्तान के सामने कैसे झुकेंगे.’ यह देखते हुए कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) सौदा किस दिशा में जा रहा है, पीएम को कम से कम परमाणु बम के लिए एक कस्टम स्पिनर व्हील सूटकेस का आदेश देना चाहिए.

रिजवी परिवार में फास्ट-ट्रैक इकोनॉमी जीन है. टीएलपी के संस्थापक खादिम हुसैन रिज़वी ने भी क़र्ज़ चुकाने के लिए एक ख़ुशनुमा नुस्ख़ा शुरू किया है. इसमें पश्चिमी देशों को यह बताना शामिल था कि इस्लाम में ब्याज हराम है, ‘उन्हें बताएं कि हम मूल ऋण राशि का भुगतान करेंगे, लेकिन तभी जब पाकिस्तान के पास भुगतान करने के लिए पर्याप्त पैसा होगा. लेकिन अगर वे फिर भी धमकाने की कोशिश करते हैं, तो कहें ‘लो जी फिर गौरी आया.’

दूसरी बार, रिजवी ने हमें आश्वस्त किया कि अगर वह सत्ता में आए तो उनकी वित्तीय टीम पाकिस्तान की सभी समस्याओं का समाधान करेगी. यह छत्रोछाया टीम की योग्यता?

उन्होंने कहा, ‘वे जींस-पैंट पहनते हैं, वे मोल्विस नहीं हैं.’ इसे हमारे भाग्य पर दोष दें कि वह इस जींस-पैंट कैबिनेट के कौशल का परीक्षण करने से पहले ही मर गए.

इन उपायों से बहुत दूर नहीं एक और टिक्कॉक और यूट्यूब मौलवी नासिर मदनी हैं जिन्होंने सुझाव दिया है कि शहबाज शरीफ आईएमएफ को भूल जाएं और 57 इस्लामिक देशों के बीच एक चिट-फंड शुरू करें. ‘प्रत्येक देश को एक अरब डॉलर जमा करने और पहली समिति लेने के लिए कहें. इस तरह पाकिस्तान को आईएमएफ की जरूरत नहीं पड़ेगी. फिर उन्होंने साझा किया कि कैसे पाकिस्तान सिर्फ 57 अरब ले सकता है और इस घरेलू उपाय में और पैसा जमा करना जारी नहीं रख सकता है.

चिकन और चाय

चिकन ने इस हफ्ते 750 रुपये का आंकड़ा पार कर लिया है, इसलिए चिकन खाना बंद करने के सुझावों का स्वागत है. लोग पूछते हैं, क्या इसीलिए पाकिस्तान अलग हुआ? क्या यही दो राष्ट्र का सिद्धांत है जिसके लिए अब हम शाकाहारी हो गए हैं?

एक यह C और दूसरी-चाय. चाय छोड़ें और सत्तू (बेसन ड्रिंक) शुरू करें. और जब सत्तू के दाम बढ़ जाएं तो चाय और सत्तू दोनों की गूगल इमेज देखना शुरू करें. पाकिस्तान ने पिछले साल 40 करोड़ डॉलर मूल्य की चाय का आयात किया था लेकिन उन्हें टिम हॉर्टन्स पीने दें. यह नहीं भूलना चाहिए कि सरकार ने साफ कर दिया है कि हमारे पास जहर खरीदने तक के पैसे नहीं हैं. नहीं, डायर (Dior) से नहीं.

नायला इनायत पाकिस्तान की फ्रीलांस पत्रकार हैं. उनका ट्विटर हैंडल @nailainayat है. व्यक्त विचार निजी हैं.

(इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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