पाकिस्तान में आप खुले में पेशाब कर सकते हैं, पर सबके सामने चुंबन लेने की हिमाकत नहीं करें.
गत सप्ताह कराची में लक्स स्टाइल अवार्ड्स के दौरान जब अभिनेता यासिर हुसैन ने अपनी गर्लफ्रैंड अभिनेत्री इक़रा अज़ीज़ को खुलेआम प्रपोज किया तो हर किसी की नैतिकता की प्याली में तूफान उठ खड़ा हुआ और ये तो होना ही था, क्योंकि प्रपोज किए जाने के बाद अंतरंगता भरे आलिंगन और चुंबन की भी बारी आई थी.
बहुतों ने इस पर सवाल खड़ा किया कि इस्लामी राष्ट्र पाकिस्तान में एक मर्द ने एक औरत को गले लगाने और चूमने की हिमाकत कैसे की और उसके पिता, भाई, चाचा या कम-से-कम पड़ोस के किसी पुरुष की पूर्वानुमति के बिना उसने उसे प्रपोज करने की गुस्ताखी कैसे की.
आपको पता है कि इस तरह के कृत्यों से जलजले और सुनामी आते हैं. समाज में महिलाओं के खिलाफ तमाम तरह के अपराधों को छोड़िए, पाकिस्तान को खत्म कर देने वाली तबाही तो चुम्मे की वजह से आएगी.
तो फिर, इक़रा से प्रेम भाव के इजहार की यासिर सोच भी कैसे सकता है? दोनों कुछ समय से परस्पर डेटिंग कर रहे थे, और उन्हें इस बात का श्रेय मिलना चाहिए कि (ताज़ा हवा के झोंके की तरह) उन्होंने अपने संबंधों को छुपाया नहीं. ये पाकिस्तान के उन कुछ सेलिब्रिटी युगलों के विपरीत आचरण था, जो कि अपने यौन संबंधों के वीडियो सार्वजनिक होने के बाद भी संबंधों से इनकार करते रहे हैं.
यहां तक कि शीलवानों के क्लब में देर से दाखिल हुई वीना मलिक भी सगाई करने वाले इस नए जोड़े के खिलाफ भारी गुस्सा व्यक्त करने से खुद को रोक नहीं पाई. कई ट्वीटों की एक सिरीज़ में उन्होंने निकाह से पहले जोड़े के चुंबन करने पर सवाल उठाते हुए उसे हराम करार दिया. एक ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘दीन और क़ुरान में ये कहीं नहीं लिखा है कि आप निकाह से पहले आलिंगन और चुंबन कर सकते हैं. मैं समझती हूं उनके प्यार के खुले इजहार के समर्थन में हमें मजहब को नहीं लाना चाहिए.’
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ट्विटर के ज़रिए वीना का दखल अभिनेता हमज़ा अली अब्बासी द्वारा प्रेमी युगल की तरफदारी किए जाने की प्रतिक्रिया में आया, जिसमें उन्होंने कहा: ‘ये दुखद है कि हम मुसलमान कैसे किसी की व्यक्तिगत कमियों के बिना पर उसे आलोचनाओं का निशाना बनाने के लिए आतुर रहते हैं. बुराई को बुराई कहो, लोगों को ज़लील ना करो. मैं आइटम गानों की आलोचना करता हूं, तो उसे करने वाली अभिनेत्रियों को व्यक्तिगत रूप से निशाना बनाए बगैर. अल्लाह का खौफ करो मुसलमानों!’
(6/1)Iam working in the Pak industry after long break almost 9 years.I met @iamhamzaabbasi Sahab on #PakistanStar set & became acquaintance.What I know about him so far that he's some1 who is upright,high principled,virtuous & impressed me so much in all walks of life https://t.co/zabTciBfJA pic.twitter.com/Z7cwy5wQoa
— VEENA MALIK (@iVeenaKhan) July 8, 2019
वीना ने इस बात पर ज़ोर दिया कि मीडिया की प्रमुख हस्तियों की भी समाज के प्रति कुछ निश्चित ज़िम्मेदारियां हैं, ‘ये पीडीए (प्यार का खुला इजहार) हमारे नैतिक और सांस्कृति मूल्यों के अनुरूप नहीं है, मज़हब की तो बात ही छोड़िए.’
#IqraAziz In an era when ppl prefer haraam over halal, how can U find faults in a man asking a woman for nikkah? Bcz he hugged her or kissed her on the cheek? STOP IT! Instead celebrate the good… Heartiest congrats to Yasir & Iqra. May Allah bless u both in ur new journey. pic.twitter.com/5jsxGUSYZy
— Hamza Ali Abbasi (@iamhamzaabbasi) July 8, 2019
ये वीना का पाखंड ही कहा जाएगा, क्योंकि उन्होंने भारत में बिग बॉस कार्यक्रम में साथ के एक पुरुष प्रतियोगी के प्रति खूब प्यार प्रदर्शित किया था. तो फिर क्या वो सब बगैर किसी जिम्मेदारी के था!
हमें बताया जा रहा है कि प्यार के खुले इजहार को (पीडीए) ‘अच्छे’ पाकिस्तानी बर्दाश्त नहीं कर सकते. पर, ऐसी कई बातें हैं जो सार्वजनिक स्थलों पर हमें स्वीकार्य है, पुरुषों का अपने गुप्तांगों को खुजाना, महिलाओं को पीटा जाना, पुरुषों का अचानक किसी महिला के अंगों को दबोच लेना या उनके साथ छेड़खानी करना. ये विडंबना ही है कि प्रेमी युगल को सार्वजनिक स्थलों पर कुछ ज़्यादा ही परेशान किया जाता है.
शादीशुदा और डेटिंग करते युगल से ऐसे व्यवहार की अपेक्षा की जाती है कि जिससे किसी को आपत्ति नहीं हो. वे भाई-बहन जैसा व्यवहार करते हैं, जो बस साथ डिनर करने आए हों. डेटिंग पर गहन बातचीत के दौरान भी हाथों में हाथ नहीं लिया जा सकता है, क्योंकि नैतिकता के पहरुए आपको रेस्तरां से गायब भी करा सकते हैं.
यदि आपको लगता हो कि अपनी कार में अंतरंगता के दो पल नसीब हो सकते हैं, तो दोबारा सोच लें. अचानक कहीं से पुलिस वाले आ जाएंगे और संदेहपूर्ण लहजे में आपसे पूछेंगे कि कार में क्या चल रहा है. फिर पुलिस आपका निकाहनामा मांगेगी, मानो निकाहनामे वालों को भी कारों में छुपने की ज़रूरत पड़ती हो.
वैसे देखा जाए तो पीडीए कोई दंडणीय अपराध नहीं है, पर समाज अपने हिसाब से कानून की व्याख्या करता है.
पाकिस्तानी दंड संहिता की धारा 294 के अनुसार, जो कोई भी, दूसरों को असहज करते हुए-
क) किसी सार्वजनिक स्थल पर अश्लील कृत्य करता है,
ख) किसी अश्लील गाने, गाथा और कथ्य को गाता, सुनाता या अभिव्यक्त करता है, उसे तीन महीने तक की कैद, या जुर्माना, या दोनों ही दंड दिए जाएंगे.’
बहस का कहीं बड़ा मुद्दा तो ये है कि सार्वजनिक स्थलों पर ‘अश्लीलता’ को कौन परिभाषित करेगा, क्योंकि दुर्भाग्य से हम ऐसे माहौल में रह रहे हैं, जहां गालियों के रूप में अश्लीलता हर तरफ मौजूद है. खासकर पुरुष, इन शब्दों का बेशर्मी से इस्तेमाल करते हैं. साथ ही, घटिया बातों और इशारों से महिलाओं को खुलेआम परेशान और अपमानित करने वाले पुरुषों की कोई भी निंदा नहीं करता. ज़ाहिर है इस तरह के व्यवहार को अश्लील नहीं माना जाता है. दूसरी ओर, हमारा पुरुषवादी समाज महिलाओं से अच्छे बर्ताव या उनके प्रति प्यार के इजहार को एक अस्वीकार्य और घृणित काम मानता है.
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कुछ लोग इसे प्यार को लेकर हमारी असहजता करार दे सकते हैं जो कि सार्वजनिक रूप से कुछ और निजी स्तर पर कुछ और होने के हमारे पाखंड को दर्शाता है. यहां तक कि महिलाओं के प्रति अच्छा व्यवहार करने वाले पुरुषों को खुद अपनी ही बिरादरी में अपमानित होना पड़ता है और ‘जोरू का गुलाम’ कह कर उन्हें ताने दिए जाते हैं. उनसे कहा जाता है: ‘तुम तो औरत के नीचे लगे हुए हो’.
ग़ैरत ब्रिगेड (या नैतिक पुलिस) हमें ये अहसास करना चाहती है कि महिलाओं के प्रति स्नेह का प्रदर्शन पश्चिमी जगत की साज़िश है. यदि ये सच है, तो हम चाहेंगे कि इस साज़िश का आरोप हम पर लगे.
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(लेखिका पाकिस्तान की एक स्वतंत्र पत्रकार हैं. उनका ट्विटर हैंडल @nailainayat है. प्रस्तुत विचार उनके निजी हैं.)