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Friday, 12 September, 2025
होममत-विमत‘SoO का बढ़ाया जाना सिर्फ दर्द निवारक, मणिपुर को राजनीतिक समाधान की ज़रूरत’ — मिज़ोरम CM लालदुहोमा

‘SoO का बढ़ाया जाना सिर्फ दर्द निवारक, मणिपुर को राजनीतिक समाधान की ज़रूरत’ — मिज़ोरम CM लालदुहोमा

दिप्रिंट से बातचीत में CM ने म्यांमार बॉर्डर फेंसिंग, आइजोल के पास बनने वाली नई रेल लाइन और राज्य के लिए दूसरी राजधानी की ज़रूरत पर भी बात की.

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आइजोल: मिज़ोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने गुरुवार को दिप्रिंट को दिए एक खास इंटरव्यू में कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कुकी-ज़ो सशस्त्र समूहों के साथ हुए सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस (SoO) समझौते को बढ़ाना सिर्फ एक “दर्द निवारक” है और इससे मणिपुर की समस्या का समाधान नहीं होगा.

उन्होंने कहा, “मणिपुर को राजनीतिक समाधान चाहिए. निर्वाचित सरकार का गठन एक हल हो सकता है, लेकिन बातचीत ज़रूरी है, जिसके ज़रिए मुद्दे का निपटारा हो पाएगा. वहां जो कुछ हो रहा है, वह एक राजनीतिक मसला है. बस सेवा शुरू करने से समस्या हल नहीं होगी.”

लालदुहोमा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मणिपुर यात्रा से पहले बोल रहे थे. यह यात्रा शनिवार को होगी और 2023 मई में जातीय हिंसा भड़कने के बाद प्रधानमंत्री की पहली यात्रा होगी.

केंद्र और मणिपुर सरकार ने 4 सितंबर को कुकी-ज़ो सशस्त्र समूहों के साथ SoO समझौते को एक साल के लिए बढ़ाया है. फरवरी 2024 में इसकी अवधि खत्म होने के बाद इसे आगे नहीं बढ़ाया गया था. अब इसका विस्तार जनजातीय समुदाय तक पहुंच बनाने की पहल के तौर पर देखा जा रहा है.

पूर्व पुलिस अधिकारी लालदुहोमा, जो 2023 में पहली बार मुख्यमंत्री बने, मिज़ोरम से लगे भारत-म्यांमार बॉर्डर पर केंद्र गृह मंत्रालय की फेंसिंग परियोजना के भी विरोधी हैं.

उन्होंने कहा, “मैंने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से इस पर चर्चा की है और हमारे बीच कुछ समझ बनी है. हम बॉर्डर फेंसिंग के पक्ष में नहीं हैं और मुझे पूरा भरोसा है कि हमारी सीमा पर असली फेंसिंग कभी नहीं होगी क्योंकि दूसरी तरफ रहने वाले लोग भी हमारे भाई-बहन हैं.”

लालदुहोमा के मुताबिक, फेंसिंग भारत के सपनों और दृष्टिकोण को बाधित करेगी. उन्होंने कहा, “तैयारी हो सकती है, सीमा क्षेत्र का विकास हो सकता है, लेकिन असली फेंसिंग हमारे इलाके में नहीं होगी. हो सकता है कि यह मणिपुर या म्यांमार के किसी और हिस्से में हो, लेकिन यहां नहीं.”

हालांकि, मुख्यमंत्री भारत और म्यांमार के बीच फ्री मूवमेंट रेगाइम (FMR) को खत्म करने के फैसले से सहमत हैं. फरवरी 2024 में गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा की थी कि देश की आंतरिक सुरक्षा और पूर्वोत्तर राज्यों की जनसांख्यिकीय संरचना को बनाए रखने के लिए FMR खत्म किया जाएगा.

लालदुहोमा ने कहा, “आज की भू-राजनीति को देखते हुए मैं केंद्रीय नेताओं का दृष्टिकोण समझता हूं. हम इन पाबंदियों से सहमत हैं, क्योंकि फिलहाल हमारे यहां लगभग 40,000 विस्थापित लोग हैं—अधिकतर म्यांमार से कुछ मणिपुर से और कुछ बांग्लादेश से. इसके अलावा इस फ्री एक्सेस का इस्तेमाल ड्रग तस्कर भी कर रहे हैं.”

भारत और म्यांमार ने 1968 में FMR पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत दोनों देशों के लोग 16 किलोमीटर तक बिना किसी रोक-टोक के सीमा पार कर सकते थे.

‘रेल लाइन मिज़ोरम और भारत के बीच पुल’

मिज़ोरम में 51.38 किमी लंबी बैराबी-सैरांग रेल लाइन, जिसका प्रधानमंत्री शनिवार को उद्घाटन करने वाले हैं और जो इस भू-बंद राज्य को राष्ट्रीय रेलवे नेटवर्क से जोड़ेगी, उस पर मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने कहा कि यह सिर्फ इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है बल्कि “हमारे बच्चों के भविष्य, हमारे नागरिकों की गरिमा और राज्य की आर्थिक मजबूती में निवेश” है.

उन्होंने कहा, “यह सपना और हकीकत के बीच, मिज़ोरम और भारत के बीच एक पुल है.”

लेकिन मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य के लोगों में आशंका है कि नई रेल लाइन खुलने से बाहर से भिखारियों का आना शुरू हो जाएगा.

इसे रोकने के लिए लालदुहोमा सरकार ने इस साल एंटी-बेगिंग (भिक्षावृत्ति विरोधी) कानून लागू किया. उन्होंने दिप्रिंट से कहा, “चूंकि, यह रेल लाइन हमें जोड़ रही है, हमें आशंका है कि बाहर से और ज्यादा भिखारी आ सकते हैं. इसलिए खुद को सुरक्षित रखने के लिए हमने यह कानून पास किया.” यह कानून सार्वजनिक जगहों पर भिक्षावृत्ति पर रोक लगाता है और मजबूरी में भीख मांगने वालों को मदद और पुनर्वास का आश्वासन देता है.

मिज़ोरम के सीएम ने कहा, “यहां हमारे मूल निवासियों में मुश्किल से एक दर्जन भिखारी हैं. हमारे इतिहास में कभी भिखारियों को जगह नहीं मिली…यहां जो कुछ लोग भीख मांगते हैं, उनकी संख्या बहुत कम है, कभी-कभी सिर्फ एक दर्जन. इनकी देखभाल स्थानीय लोग कर लेंगे.”

उन्होंने आगे कहा, “इसके अलावा यहां एनजीओ हैं, गांव की संस्थाएं हैं और हमारे पास चर्च की मज़बूत व्यवस्था भी है. इसलिए हमें इनकी मदद करनी चाहिए ताकि ये भीख मांगने पर मजबूर न हों.”

‘NDA में शामिल नहीं होंगे, लेकिन टकराव भी नहीं कर सकते’

मिज़ोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने साफ किया कि उनकी सरकार केंद्र की नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस (एनडीए) से टकराव नहीं करेगी, लेकिन उनकी पार्टी जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जिसका वे नेतृत्व करते हैं) का एनडीए की सहयोगी बनने का कोई इरादा भी नहीं है.

उन्होंने दिप्रिंट से कहा, “हम केंद्र सरकार से टकराव की स्थिति नहीं बना सकते, चाहे वहां कोई भी पार्टी हो…यह पार्टी हो या वो पार्टी, हमारे लिए ज्यादा फर्क नहीं पड़ता. हम केंद्र पर बहुत ज्यादा निर्भर हैं, एक क्षेत्रीय पार्टी होने के बावजूद हमारी सोच राष्ट्रीय है. दिल्ली में जो भी सत्ता में होगा, हम उनके साथ करीबी रिश्ते रखना चाहेंगे.”

लालदुहोमा ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका एनडीए में शामिल होने का कोई इरादा नहीं है. उन्होंने कहा, “हम अपनी अलग पहचान और अस्तित्व बनाए रखना चाहते हैं.”

मिज़ोरम के राज्यपाल वी.के. सिंह द्वारा चाकमा स्वायत्त जिला परिषद (सीएडीसी) भंग किए जाने के विवाद पर लालदूहमा ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि यह “जानबूझकर” किया गया.

उन्होंने कहा, “इसके पीछे मुख्य कारण परिषद की अस्थिरता है. राज्यपाल को डर है कि नई सरकार बनने के बाद भी अस्थिरता बनी रह सकती है, लेकिन अब मुझे लगता है कि वे एक और मौका देंगे.”

सीएडीसी का कार्यकारी समिति संविधान की छठी अनुसूची के तहत चाकमा समुदाय के कल्याण के लिए बनाई गई थी. 1972 में गठित यह परिषद राजनीतिक अस्थिरता से जूझती रही है. मई 2018 से अब तक परिषद के प्रमुख को सात बार बदला जा चुका है.

मिज़ोरम की दूसरी राजधानी

विपक्षी मिजो नेशनल फ्रंट के इस आरोप पर कि लालदूहमा सरकार राजधानी आइजोल को दूसरी जगह शिफ्ट कर रही है, मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य को वास्तव में दूसरी राजधानी की ज़रूरत है.

उन्होंने कहा, “आइजोल देश के सबसे बदहाल शहरों में से एक है. यहां विस्तार की कोई जगह नहीं है, सुधार और अपग्रेडेशन बेहद महंगा है. यह लगभग नामुमकिन है. इसलिए हमें दूसरी राजधानी चाहिए.”

उन्होंने बताया कि उन्होंने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा की और “वे सहमत भी हुए.”

सीएम ने कहा,“थेंजावल दूसरी राजधानी बनने जा रहा है. यह एक आधुनिक शहर होगा. यहां चरणबद्ध तरीके से जोनिंग होगी और लैंड पूलिंग भी होगी. इस तरह हम भूखंडों की नीलामी से राजस्व भी जुटा पाएंगे.”

थेंजावल, आइजोल से करीब 100 किमी दूर स्थित एक कस्बा है और यह लालदुहोमा की विधानसभा सीट सेरछिप में आता है.

लालदुहोमा ने कहा कि उनकी सरकार थेंजावल को योजनाबद्ध तरीके से एक ‘पीस सिटी’ के रूप में विकसित करेगी.

उन्होंने दिप्रिंट से कहा, “शुरुआत में हम लगभग 1 लाख आबादी को बसाने की कोशिश करेंगे. फिर ज़रूरत और परिस्थिति के हिसाब से इसे बढ़ाएंगे. जैसे ही डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) फाइनल होगी, हम काम शुरू कर देंगे. अगले साल तक हम शुरुआत कर पाएंगे.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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