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Friday, 22 November, 2024
होममत-विमत'नाम बड़े, दर्शन छोटे': 70 के दशक की सुप्रसिद्ध अभिनेत्री के इमरान खान संग अनुभव

‘नाम बड़े, दर्शन छोटे’: 70 के दशक की सुप्रसिद्ध अभिनेत्री के इमरान खान संग अनुभव

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रेहम खान अपनी पुस्तक में 70 के दशक में एक बॉलीवुड सुपरस्टार के साथ अपने पूर्व पति इमरान खान के कथित सम्बन्धों का वर्णन करती हैं

ब्रिटिश-पाकिस्तानी पत्रकार रेहम खान की आत्मकथा रेहम खान ऐमेज़ान किंडल पर उपलब्ध है। पुस्तक में अपने पूर्व पति और पाकिस्तानी राजनेता इमरान खान के बारे में किए गए विवादास्पद दावों ने पाकिस्तान में आम चुनावों से पहले ही तूफान खड़ा कर दिया है।

पुस्तक में भारत से जुड़ी चेजों में एक ऐसा खंड है जो 70 के दशक में एक बॉलीवुड सुपरस्टार के साथ इस पूर्व क्रिकेटर के प्रेम-प्रसंगों के बारे में बात करता है।

रेहम लिखती हैं, “इमरान उन सभी कहानियों की पुष्टि करने के लिए काफी उत्साहित थे जिनको मैं सिर्फ अफवाह मानती थी”।

इन कहानियों में से सबसे प्रसिद्ध कहानी 70 के दशक की एक बॉलीवुड सुपरस्टार के बारे में है।

रेहम लिखती हैं, “अब तक सबसे सेक्सी मानी जाने वाली हिरोइनों में से एक के साथ इमरान के सम्बन्धों की अफवाहें थीं। जब हम लोग बड़े हो रहे थे तब हमने इनके बारे में सुना था। इमरान ने मुझसे इस बात की पुष्टि की कि वे अफवाहें नहीं बल्कि सच्चाई थी। हालांकि इमरान अदाकाराओं के साथ यौन संबंध बनाकर खुश थे, इमरान और उनका परिवार उन अदाकाराओं के बारे में निम्न स्तर की राय रखते थे। उन्होंने मुस्कुराहट के साथ याद करते हुए बताया कि अभिनेत्री के बारे में पूछते हुए, समाचार पत्रों द्वारा उनकी माँ को कैसे फोन किया गया था। उन्होंने जवाब दिया था, “मेरा बेटा कभी भी एक *** से शादी नहीं करेगा!” और फोन पटक दिया था।“

रेहम का दावा है, इमरान ने उन्हें बताया कि उन्होंने उस रिश्ते को खत्म कर दिया था लेकिन वह बॉलीवुड सुपरस्टार रिश्ता खत्म नहीं कर सकी थी। लेकिन जब रेहम ने इसके बारे में दूसरों से पूछा तो कहानी इसके विपरीत निकलीः इमरान ही इस रिश्ते को खत्म नहीं कर सके थे।

रेहम लिखती हैं, “इमरान की कहानियाँ महिलाओं को हमेशा कम आँकती थीं। उन्होंने मुझे बताया कि कैसे वह ब़ॉम्बे में उससे मिले, अपनी इच्छाएं पूरी कीं, और चल दिये। लेकिन इमरान के अनुसार, उस अभिनेत्री ने लंदन तक उनका पीछा किया और उनके पीछे पड़ गई…। इसके कुछ महीनों बाद मैंने उस अभिनेत्री के एक फिल्म निर्माता दोस्त से इन दोनों कहानियों के बारे में जानकारी प्राप्त की जिन्होंने मुझे बताया कि असल में इमरान ने ही उसका पीछा किया था और वह उन पर पैसे खर्च करती थी। 70 के दशक की इस मदमस्त अदाकारा ने हमारे आपसी मित्र के साथ की गई बातचीत को फिल्मी अंदाज में “नाम बड़े और दर्शन छोटे” कहकर ताना मारा।

क्या इमरान के भारतीय बच्चे हैं?

रेहम इस बात का कड़ाई से दावा करती हैं कि इमरान के एक या दो भारतीय बच्चे हैं।
2015 में अपनी शादी के जल्द बाद एक दिन वे टीरियन व्हाइट के बारे में बात कर रहे थे जो कि इमरान की उत्तराधिकारी पत्नी सीता व्हाइट की बेटी हैं। टीरियन को बाद में इमरान की पहली पत्नी ब्रिटिश उत्तराधिकारी जेमिमा खान के द्वारा गोद ले लिया गया था।

रेहम दावा करती हैं कि टीरियन के बारे में बात करते हुए इमरान ने कहा कि “जानती हो वह मेरी एकलौती संतान नहीं है….मेरे पाँच बच्चे हैं जिन्हें मैं जानता हूँ।“
रेहम ने पूछा, “क्या? तुम्हारी पाँच नाजायज औलादें हैं! तुम्हें कैसे पता?”
इमरान ने जवाब दिया, “उनकी माताओं ने मुझे बताया।“
“सभी (सीता) व्हाइट से हैं?”
“नहीं, कुछ भारतीय हैं। सबसे बड़ी संतान अब 34 वर्ष की है।“
“कैसे इमरान? उसकी माँ ने कभी इसे सामने क्यों नहीं लाया?”
“क्योंकि वह बहुत ज्यादा खुश थी! उनकी शादी हुए काफी समय बीत चुका था और वह गर्भवती न हो पाई थीं। वह बहुत ज्यादा उल्लास में थीं, इस बात को गुप्त रखने का वादा किया, और निवेदन किया कि मैं भी इसे राज़ रखूँ। तो मैंने कहा ठीक है।”
रेहम ने उन पर गुस्सा करते हुए पूछा, “और बाकी? वे इसके बारे में कभी बात क्यों नहीं करतीं?”
इमरान ने कहा, “क्योंकि वे सभी शादी शुदा थीं और वे अपनी शादी को बर्बाद करना नहीं चाहती थीं।“
“क्या कोई और भी यह जानता है?”
“केवल जेमिमा ही जानती है। मैंने उन्हें बताया था।”
संयोग से, इमरान खान ने अपने चुनावी हलफनामे में केवल दो बच्चों की ही घोषणा की है। उन्होंने टायरिन व्हाइट को अपने बच्चे के रूप में घोषित नहीं किया है जोकि चुनावी हलफनामे में झूठ बोलने का मामला हो सकता है और यह इस चुनाव में उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के रास्ते में आ सकता है। इस सबसे ऊपर रेहम खान का आरोप, कि उनकी पॉँच और नाजायज औलादें हैं, जिनमें से कुछ भारत में हैं, शायद इमरान के लिए कठिनाई खड़ी कर सकता है।

रेहम ने इमरान से कहा, नरेंद्र मोदी से सीखें

रेहम अपने पूर्व पति की प्रधानमंत्री बनने की तीव्र कामना के बारे में लिखती हैं। “वह अक्सर प्रधानमंत्री के रूप मे अपने भविष्य पर चर्चा करते। अपने धरने के दौरान जब उन्हें एक नयी आशा होती, तब वह खड़े होकर एक विजय भाषण देने का दृश्य चित्रित करते। “बेबी, तुम वहां नीचे बैठकर मुझे देखकर मुस्कुराओगी, तुम्हारा खूबसूरत चेहरा एक बल्ब की तरह चमक उठेगा।”

लेकिन रेहम को उनकी संभावनाओं पर संदेह था। उन्होंने महसूस किया कि उनको खुद को साबित करने की और चरण दर चरण कदम बढ़ाने की जरूरत है।

वह लिखती हैं, “मुझे पता था कि ऐसा नहीं हो रहा था। जैसा कि हमने भविष्यवाणी की थी, यह सब खत्म हो गया था, लेकिन शादी के बाद कभी भी यह कह पाने की मेरी हिम्मत नहीं हुई। मैंने उनको आश्वासन दिया कि मेरे पास एक हरा रेशमी सूट तैयार रहेगा …मैं धीरे-धीरे और बार-बार भारत के प्रधानमंत्री मोदी देती, जो एक दशक से ज्यादा समय तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे और फिर अन्य सभी नकारात्मकताओं के बावजूद अपने मजबूत शासन इतिहास के कारण शीर्ष पद के लिए चुने गए।”

रेहम ने महसूस किया कि इमरान को खैबर पख्तुनख्वा, जहां उनकी पार्टी सत्ता में है, में शासन के मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए था लेकिन इसके बजाय उन्होंने अगले चुनाव की प्रतीक्षा किए बिना, विरोध प्रदर्शनों और आंदोलनों के माध्यम से प्रधानमंत्री बनने की चाहत रखते हुए अधिकांश समय इस्लामाबाद में बिताया।

रेहम लिखती हैं, “जब मैं उनसे जगह-जगह जाकर मुद्दों से रूबरू होने की बात करती, तो वह चिल्ला उठते थे, “क्या तुमको अंदाजा भी है कि मैं यह कब से कर रहा हूँ? मैं इस बकवास से बहुत तंग आ गया हूँ। कमबख्त 20 साल हो गए हैं! मैं यह और नहीं कर सकता!” यह साफ था कि इमरान को लगा कि यह वह समय था जब उन्हें उनकी मेहनत का फल मिल जाना चाहिए था। मैं उन्हें समझाती, “लेकिन इमरान, नेल्सन मंडेला ने 27 साल जेल की एक सेल में बिताए। प्रधानमंत्री बनने से पहले 10 साल तक नरेंद्र मोदी एक मुख्यमंत्री थे। कट्टरपंथी विचारों के बावजूद भी उनके गुड गवर्नेंस के ट्रैक रिकार्ड के कारण लोगों ने उन्हें वोट दिया। केपी में खुद को साबित करो फिर केंद्र की ओर देखो।”
इमरान खान के ऊपर एक बॉलीवुड फिल्म?

रेहम ने दावा किया कि एक ऐसा समय था जब उन्होंने इमरान खान के जीवन पर एक फिल्म बनाने की कोशिश की थी।
वह लिखती हैं कि उन्होंने “कुछ भारतीय प्रड्यूसरों को आमंत्रित किया जिन्होंने इमरान पर फिल्म बनाने में रूचि दिखाई थी।”

रेहम लिखती हैं “मैं एक फिल्म निर्माता से मिलना चाहती थी जो अपनी कहानियों में माता-पिता के रिश्तों को बहुत अच्छी तरह से चित्रित करने के लिए मशहूर थे। मैं उनसे मिली और उन्हें इमरान के जीवन के पहलुओं का एक विचार दिया, जिसे हम स्क्रीन पर देखना चाहते थे।“

वह इमरान के साथ बैठक में भाग नहीं लेती थीं। वह निर्माता का नाम जाहिर नहीं करती हैं और हम नहीं जानते कि उस विचार का क्या हुआ।

जब इमरान ने रेहम को नहीं जाने दिया दिल्ली

 

रेहम को दिल्ली में इंडिया ‘टुडे कॉन्क्लेव’ में भाषण देने के लिए आमंत्रित किया गया था लेकिन इमरान दिल्ली में सम्मेलन से पहले रेहम को मिल रही लोकप्रियता के बारे में परेशान थे।

इमरान ने अपने सचिव अवन चौधरी के माध्यम से रेहम को अपनी आपत्ति से अवगत कराया।
रेहम लिखती हैं, “कुछ दिनों बाद, अवन ने मुझे फोन करके इमरान का संदेश दिया कि मुझे भारत नहीं जाना चाहिए। मुझे सितंबर में इंडिया टुडे द्वारा महिला पत्रकारों के लिए आयोजित एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था। स्पष्ट रूप से, दुबई के इमरान चौधरी ने इमरान (खान) को बताया था कि दिल्ली में मेरी यात्रा का प्रचार चल रहा था और यह यात्रा लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रही थी।”

अवन ने मुझसे मेरे पति का लिहाज रखने के लिए कॉन्फ्रेंस में भाग न लेने के लिए कहा। यहाँ तक कि मेरे पति यह खुद मुझसे नहीं कह सके। मैं चिढ़ गयी लेकिन मैंने बात का बतंगड़ नहीं बनाया और इसे रद्द कर दिया। मैंने इमरान को यह कहते हुए एक रूखा संदेश भेजा कि “भारत यात्रा आपके निर्देश के अनुसार रद्द कर दी गई है।”

इमरान ने रेहम को भारत के बारे में बोलने तक नहीं दिया

रेहम का दावा है कि पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत रिचर्ड ओल्सन राजनीति पर उनसे बात करना चाहते थे, “विशेषतौर पर भारत की”, लेकिन इमरान इस पर खुश नहीं थे।

रेहम लिखती हैं, “रिचर्ड ओल्सन इमरान के करीबी दोस्त और सहयोगी प्रतीत हुए और शायद तभी उस प्रारंभिक बैठक के बाद वह मेरे लिए सौम्य नहीं थे। इमरान ने मुझे उनके सामने कुछ भी न बोलने देने की बेतहाशा कोशिश की।”
“अगर मुझे सिर्फ दिखावा करना होता तो शायद मैं यह कह सकती थी कि मेरे पति मुझे अपने महत्वपूर्ण सहयोगी के सामने मेरे वास्तविक विचारों को उजागर करने से रोकने की कोशिश मात्र कर रहे थे। शायद वे मुझे अपने जीवन में साथ रखना चाहते थे लेकिन पाकिस्तान के लिए मेरे सपने उस एजेंडे से असम्मत थे जिस पर उन्हें टिके रहने के लिए कहा गया था। हालांकि रिचर्ड ओल्सन मुझसे राजनीतिक मुद्दों पर, विशेष रूप से भारत के बारे में, जानकारी प्राप्त करने के लिए बहुत उत्सुक थे।”

“मैं अपने पति की घबराहट को डिनर टेबल पर महसूस कर सकती थी क्योंकि रिचर्ड मेरे बगल मे बैठे थे। मैंने पीटीआई की विचारधारा के बारे में वही बोला जो में सोचती थी और मानती थी।

Read in English: Top Bollywood heroine of 1970s ‘described’ her ‘experience’ with Imran as ‘naam bade aur darshan chhote’

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