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Tuesday, 5 November, 2024
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सैटेलाइट की तस्वीरों से साफ, चीन ने भारत में बनाई सड़क : रक्षा विशेषज्ञ

चीनी जमीन से शुरू हुआ निर्माण कार्य भारतीय सीमा के भीतर भी होता जा रहा है. लगभग 1 किलोमीटर लंबी सड़क भारत की सीमा में बना दी गई है.

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भारतीय सेना ने बुधवार को भाजपा सांसद तापिर गाव के दावे को खारिज कर दिया है. भाजपा सांसद ने दावा किया था कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश के चागलागाम और बिशिंग क्षेत्र में घुसपैठ किया था. इसलिए मैंने यह तय किया कि मैं कुछ सबूतों के साथ इस घुसपैठ के बारे में बता सकूं. मैंने पाया कि चागलागाम क्षेत्र में घुसपैठ के कोई सबूत नहीं मिले हैं.

विभिन्न स्त्रोतों से पता चला है कि चीन न केवल बिशिंग (जो चागलागाम से 175 किलोमीटर दूर है) क्षेत्र में घुसपैठ कर रहा है बल्कि लाइन ऑफ कंट्रोल के आसपास के 1 किलोमीटर तक चीन ने सड़क भी बना ली है. यह सड़क पूर्वी क्षेत्र में बनी है.

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1-4 तक की तस्वीरें उन जगहों को दिखाती हैं जिसके बारे में हम बात कर रहे हैं. चागलागाम जहां हमने पाया कि इस क्षेत्र में घुसपैठ नहीं हुई है. फोटो में इस क्षेत्र को लाल रंग से दिखाया गया है. ग्रे रंग से दिखाया गया क्षेत्र बिशिंग है. बिशिंग ब्रह्मपुत्र क्षेत्र के पास है जहां दिबांग वन्यजीव अभ्यारण भी है.

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इमेज-5 घुसपैठ वाली जगह (बिशिंग) और चागलागाम के बीच की दूरी को दिखाता है. भाजपा सांसद ने इस क्षेत्र में घुसपैठ की बात कही थी. यह क्षेत्र दिबांग अभ्यारण के पास स्थित है.

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गूगल टूल का इस्तेमाल करके इमेज-6 से पता चलता है कि सड़क पूर्व से पश्चिम की ओर बन रही है. जो भारतीय क्षेत्र के 942 मीटर भीतर है. यह सड़क बॉर्डर के समानांतर बनाई जा रही है. जो भारतीय क्षेत्र के अंदर 300-400 मीटर तक बनी हुई है.(इमेज-7)

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इमेज-8 इस क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति को बताती है.

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इमेज-9 में दिखाता है कि एक पतली सड़क भारत के भीतर बनी है.

जमीनी तथ्य क्या है? जब बॉर्डर इलाका विवादित होता है तब उस क्षेत्र में कोई भी ढांचा खड़ा करना विवाद खड़ा कर देता है. मान लीजिए कि 2015 में चीन ने एलएसी को अपना बॉर्डर मान लिया. लेकिन तथ्य यह है कि उसके बाद चीन ने इस क्षेत्र में 1 किलोमीटर सड़क बना ली थी. चीन का यह कदम साबित करता है कि वो बॉर्डर क्षेत्र को बढ़ाना चाहता है. इसी तरह इज़रायल ने भी बॉर्डर क्षेत्र में निर्माण करके पश्चिमी बैंक पर आधिपत्य जमा लिया था. ऐसे कदमों से सवाल खड़ा होता है कि जमीन पर इसका क्या प्रभाव होगा.

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इमेज-10 तीन संभावनाओं की तरफ इशारा करती है –

1. इसका मतलब है कि दक्षिणी क्षेत्र का पूर्वी-पश्चिमी क्षेत्र से संयोजन किया जा सकता है.
2. दक्षिणी क्षेत्र पर आधिपत्य जमाने की कोशिश हो रही है.
3. पूरे ब्रह्मपुत्र क्षेत्र में निर्माण कार्य को फैलाने की कोशिश है.

नोट : हल्के नारंगी रंग में ब्रह्मपुत्र से लगे बॉर्डर को दिखाया गया है.

इमेज 11

इमेज- 11 से पता चलता है कि इस क्षेत्र में स्थिति काफी खराब है. हमने तय किया है कि हाई-रिजॉल्यूशन कैमरे के जरिए इस क्षेत्र पर निगरानी करेंगे और देखेंगे कि क्या सच में चीन कोई निर्माण इस इलाके में कर रहा है.

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इमेज-12 एनिमेशन के जरिए चीन के निर्माण के विस्तार का कार्य दिखा रहा है. इसमें सड़क निर्माण का काम ब्रह्मपुत्र के इलाके से शुरू होता दिख रहा है.

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इमेज-13 से काफी रोचक बात पता चलती है. इस क्षेत्र में 2 सैन्य बेस हैं, 2 चेक प्वाइंट हैं. नीचे इस क्षेत्र के हाई रिजॉल्यूशन फोटो है.

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इमेज-14 ब्रह्मपुत्र पर बने मिलिट्री बेस की है. इससे पता चलता है कि इस क्षेत्र में काफी निर्माण कार्य हुआ है. इस क्षेत्र में लोगों की आवाजाही काफी कम है. मिलिट्री बेस होने के कारण लोगों की आवाजाही काफी कम होती है.

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इमेज-15 एक और मिलिट्री बेस को दिखाती है. फोटो से पता चलता है कि इस इलाके में काफी बड़ी इमारतों का निर्माण हुआ है जहां काफी संख्या में लोग भी रहते हैं.

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इमेज-16 से पता चलता है कि इस इलाके में ज्यादा लोगों की आवाजाही नहीं है. हमने इस क्षेत्र का नाम नार्थ चेक प्वाइंट कर दिया है. यहां एक इमारत भी दिख रही है जो रोड के पास है.

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इमेज-17 से ज्यादा कुछ पता नहीं चल रहा है. हमें इस फोटो के बारे में जानकारी नही मिल रही है.

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इमेज-18 दक्षिणी चेक प्वाइंट को दिखा रही है. फोटो से पता लग रहा है कि चीन से भारत की ओर सड़क बन रही है. यहां एक नीले रंग की छत भी दिखी है जिससे पता चलता है कि चीन ने यहां कुछ बनाया है. क्योंकि भारत हरे रंग का इस्तेमाल करता है.

इमेज 19

इमेज-19 में अंत में हम बॉर्डर के पास पहुंचे. इस फोटो में किसी भी भारतीय की मौजूदगी नहीं है. टाइम सीरीज के एनिमेशन से पता चला कि 2017 के बाद से ही चीन अपनी सड़क के निर्माण के जरिए बॉर्डर इलाके में विस्तार कर रहा है. एक बात और गौर करने की है कि चीन सिर्फ सड़क का ही निर्माण नहीं कर रहा है. बॉर्डर इलाके में उसने कोई इमारत नहीं बनाई है.

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इमेज-20 : हमने जब पता किया तो इस क्षेत्र में बुलडोजर के इस्तेमाल करने का कोई सबूत नहीं मिला. लेकिन भाजपा सांसद ने बुलडोजर इस्तेमाल होने की बात कही थी. हमने एक भारी वाहन के निशान भारत के पश्चिमी हिस्से में देखे. इसके निशान ठीक उसी दिशा में थे जिस दिशा में चीन भारत की धरती पर सड़क बना रहा है.

इन तमाम फोटो से पता चलता है कि चीन भारत की धरती पर घुसपैठ कर रहा है. चीन लगभग 1 किलोमीटर अंदर घुसकर भारी वाहनों का इस्तेमाल करके निर्माण कर रहा है. यह सब 2017 के बाद से बड़े ही तरीके से हो रहा है. भारत की तरफ सी इस पर कोई आपत्ति भी नहीं जताई गई है.

इससे पता चलता है कि भाजपा सांसद का दावा बिल्कुल ठीक था. चागलागाम क्षेत्र में चीनी घुसपैठ का दावा भी शायद ठीक हो सकता है. लेकिन सैटेलाइट इमेज से अभी तक चागलागाम में घुसपैठ की बात सामने नहीं आई है. लेकिन गौरतलब है कि 2017 से हो रहे इस निर्माण के बाद भी भारत सरकार इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रही है.

(लेखक इंस्टिट्यूट ऑप पीस एंड कॉनफ्लिक्ट स्टडीज के वरिष्ठ फेलो हैं. यह उनके निजी विचार हैं.)

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)

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