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Thursday, 19 December, 2024
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अगर बैंकों को नहीं सुधार सकते तो 8 प्रतिशत की वृद्धि दर को कह दें अलविदा

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वित्तीय प्रणाली अभी भी अर्थव्यवस्था पर घसीटी जा रही है जो बैंकिंग के कार्य, विनियमन और निरीक्षण में सुधार की आवश्यकता को रेखांकित करती है।

भी खातों से, नया वितीय वर्ष, वित्तीय सुधारों के लिए एक नया साल होगा। व्यवधान की अवधि के बाद सामान्य स्थिति में वापसी के उछाल द्वारा, आम तौर पर अर्थव्यवस्था को आँका जाता है कि, वित्तीय संकट के बाद, ये भारत के ट्रेंड रेट (प्रवृत्ति दर) 7% से स्पष्टतया बेहतर वृद्धि देती है। पिछले 10 वर्षों में से 5 में सात प्रतिशत के आसपास की वृद्धि देखी गयी है, जबकि इनमें से तीन वर्षों में वृद्धि ने आठ या उससे अधिक प्रतिशत के आंकड़े को छुआ है। इन तीन वर्षों में से एक वर्ष ने दहाई के संख्या में वृद्धि देखी है। स्पष्ट त्वरण के साथ नीति का उद्देश्य भविष्य में और भी ज्यादा वृद्धि को हासिल करना होना चाहिए।

पिछले दशक के दौरान आर्थिक गति में बदलावों की ज्यादातर व्याख्या 2008 के संकट की शुरुआत से होती है, जिसके बाद तेजी से सुधार हुआ, और तेल की कीमतों को बड़े बदलाव हुए जैसा कि पहले इससे वृद्धि धीमी हुई फिर इससे तेजी मिली। कृषि को प्रभावित करने वाले सूखे की मार वाले कई साल लगातार गुजरे हैं। सिर्फ पिछले एक साल की मंदी को सरकार द्वारा जानबूझ कर किये काम के रूप में जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।इस पृष्ठभूमि के खिलाफ, 2018-19 एक सामान्य से बेहतर वर्ष होने का वादा करता है जिसे तर्कसंगत रूप से सामान्य से अधिक वृद्धि देनी चाहिए।

मौद्रिक नीति के लिए, मुद्रास्फीति भलीभांति इसी के अन्दर मौजूद है।मानसून सामान्य होने का अनुमान लगाया गया है।तेल की कीमतें बढ़ी हैं, लेकिन कोई भी उम्मीद नहीं करता कि वे और आगे बढ़ें।राजकोष में थोड़ी बहुत शिथिलता रही है, लेकिन ज्यादा नहीं। व्यापार घाटा बढ़ रहा है, और पूँजी का अंतर्वाह धीमा हो गया है, जिससे रूपये पर दबाव है – लेकिन चूँकि मुद्रा स्पष्ट रूप से अधिमूल्यांकित है,जैसे डॉक्टर अपने निर्देशों को बड़ा के लिखता है मरीज़ से जायदा पैसे क लिये । किसी भी मामले में, विदेशी मुद्रा भंडार में शुद्ध वृद्धि देने के लिए समग्र अंतर्वाह का लागातार जारी रहना जरूरी है।

इसी दौरान, औद्योगिक उत्पादनों की संख्या में पहले ही तेजी से उछाल का पता चला है, जिसमें नवंबर से 7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, पहले या तुलनात्मक रूप से आधे से भी कम थी। गैर-तेल निर्यातकों ने पिछले साल, पाँच से छः सालों में पहली बार इतनी वृद्धि दर्ज की है। लोगों को यह उम्मीद करनी चाहिए कि ऐसी अच्छी खबरें लगातार मिलती रहेंगी और नया साल लगभग 8 प्रतिशत आर्थिक विकास दर के करीब पहुँच जाएगा – विशेषकर तब जब दुनिया भर में अनुकूल वातावरण बना हुआ है। एक भारी गिरावट के बाद वैश्विक व्यापार की हालत में भी तेजी से सुधार हुआ है और वैश्विक अर्थव्यवस्था करीब 4 प्रतिशत की वृद्धि दर को प्राप्त कर रही है।

फिर भी अगर कोई 8 प्रतिशत की भविष्यवाणी से सहमत नहीं है, तो यह बैंकों और कंपनियों के साथ विरासत के मुद्दों के कारण होगा – अत्यधिक कर्ज की “जुड़वां बैलेंस शीट” की समस्या जिसपर 2015 में बहुत ही कम ध्यान दिया था। दिवालिएपन की नई प्रक्रिया के माध्यम से इसे हल किया जा रहा है लेकिन अभी इसमें कुछ और सालों का समय लगेगा। इसके प्रारंभिक संकेत यह हैं कि बड़ी कंपनियों द्वारा लिये गए ऋण की लगभग आधी राशि औसतन अपलेखित की जाएगी और छोटी कंपनियों के मामले में इसी प्रकार की हल्की कटौती की जाएगी।

यदि ऋण प्रावधान है जैसा कि होना चाहिए,तो बैंकों को मौजूदा समस्या ऋण पर अतिरिक्त हिट लेने की आवश्यकता नहीं हो सकती है।कंपनियों के लिए, प्रत्येक 10 कंपनियों में से चार कंपनियों को लिए गए ऋण पर ब्याज का भुगतान कर पाने में असमर्थ माना जाता है।उनका भाग्य आर्थिक उत्थान, राजस्व वृद्धि और बेहतर मुनाफे पर निर्भर करता है – जिनमें से सभी चीजों की भविष्यवाणी लंबे समय तक की गई है, लेकिन आखिर में ये सभी चीजें नए साल में अमल में लाई जा सकती हैं।

इस दौरान, बैंकों के साथ प्रबंधन मुद्दे, जो विशेष रूप से न केवल सरकार के स्वामित्व वाले, जिन्हें संबोधित किया जाना बाकी है।पिछले वित्तीय वर्ष के अंत में बैंकों द्वारा सामान्य विंडो ड्रेसिंग (अंतिम समय पर दिखाने के लिए कार्य करना या ऊपर से दिखावटी कार्य ) में क्रेडिट वृद्धि को 10.3 प्रतिशत तक बढ़ाने में मदद मिली,लेकिन फरवरी के मध्य में यह दर आधी थी जो क्रेडिट फ्रंट पर एक और सटीक स्थिति को दर्शाता है। इससे भी ज्यादा, व्यक्तिगत लोगों के लिए क्रेडिट में जो वृद्धि हो रही है, वह  कंपनियों के लिए नहीं है।जाहिर है, वित्तीय प्रणाली अभी भी अर्थव्यवस्था पर एक पकड़ बनाए हुए है और बैंकिंग अभ्यास, विनियमन और निरीक्षण में सुधार की आवश्यकता को रेखांकित कर रही है।इसके बिना और इस घनिष्ट मित्रता का अंत किए बिना जो इस समस्या का मुख्य हिस्सा है, कोई भी 8 प्रतिशत की आर्थिक दर से बिछड़ सकता है।

बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ विशेष व्यवस्था द्वारा।

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